पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले में वक्फ संशोधन अधिनियम के विरोध के दौरान हुई सांप्रदायिक हिंसा के बाद अब राष्ट्रीय स्तर पर हलचल तेज हो गई है। शनिवार को राष्ट्रीय महिला आयोग (एनसीडब्ल्यू) की अध्यक्ष विजया रहाटकर और राज्यपाल सी. वी. आनंद बोस ने जिले के हिंसा प्रभावित इलाकों का दौरा किया और राहत शिविरों में रह रहे पीड़ितों से मुलाकात की।
दंगा प्रभावित महिलाओं ने अपनी व्यथा बताई और मांग की कि जिले के चुनिंदा इलाकों में BSF के स्थायी शिविर स्थापित किए जाएं और सांप्रदायिक झड़पों की NIA से जांच कराई जाए। इन झड़पों में 3 लोगों की जान चली गई थी। रहाटकर ने कहा कि इन महिलाओं को जो पीड़ा झेलनी पड़ रही है, उसे देखकर मैं स्तब्ध हूं। हिंसा के दौरान उन्हें जो कुछ सहना पड़ा, वह कल्पना से परे है। एनसीडब्ल्यू प्रमुख विजया रहाटकर ने पीड़िताओं से कहा कि उन्हें चिंता करने की जरूरत नहीं है" क्योंकि केंद्र उनके साथ है। उन्होंने मुर्शिदाबाद के बेतबोना कस्बे में पीड़िताओं से कहा कि हम आपकी स्थिति को देखने आए हैं। कृपया चिंता न करें। देश और आयोग आपके साथ है। ऐसा न सोचें कि आप अकेले हैं।एनसीडब्ल्यू सदस्यों द्वारा गांव का दौरा किए जाने पर दंगा प्रभावित महिलाएं अपनी व्यथा बताते हुए उनके सामने रो पड़ीं। ग्रामीणों को तख्तियां थामे देखा गया जिन पर लिखा था- 'हमें लक्ष्मी भंडार नहीं चाहिए, हमें बीएसएफ शिविर चाहिए। हमें सुरक्षा चाहिए। एक अन्य तख्ती पर लिखा था, ''हम पर हमला हो रहा है। एनसीडब्ल्यू सदस्य ने बताया कि आयोग केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को रिपोर्ट देगा और उन्हें दंगा प्रभावित महिलाओं की वहां बीएसएफ शिविर स्थापित करने की मांग से अवगत कराएगा।एनसीडब्ल्यू टीम के साथ मौजूद भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की विधायक श्रीरूपा मित्रा चौधरी ने कहा, ''दक्षिण मालदा मेरा निर्वाचन क्षेत्र है। मैं पिछले 12 वर्ष से यहां से चुनाव लड़ रही हूं और इस बार मैंने जो देखा है, वह अप्रत्याशित है। मैंने पिछले 12 वर्ष में यहां इस पैमाने पर हिंसा कभी नहीं देखी। एनसीडब्ल्यू टीम ने मुर्शिदाबाद जिले के धुलियान क्षेत्र का भी दौरा किया, जहां 11 और 12 अप्रैल को वक्फ अधिनियम में संशोधन के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान बड़े पैमाने पर हिंसा हुई थी।एनसीडब्ल्यू टीम ने शुक्रवार को मालदा जिले में एक राहत शिविर का भी दौरा किया और मुर्शिदाबाद दंगों के कारण विस्थापित लोगों से मुलाकात की। वक्फ (संशोधन) अधिनियम के खिलाफ 11 और 12 अप्रैल को मुर्शिदाबाद के शमशेरगंज, सुती, धुलियान और जंगीपुर सहित अन्य इलाकों में हिंसा भड़क उठी थी। इस हिंसा में कम से कम 3 लोगों की मौत हो गई थी। कई अन्य घायल हुए थे। ( मुर्शिदाबाद से अशोक झा )
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