- नेपाल के दलाल के माध्यम से पहुंच रहा था दिल्ली से मध्यप्रदेश
- 700 से 1000 हजार में बेचने पर मजबूर थे अपना जिस्म
- मुख्य संचालिका: नेपाल की अनीता सुनार को पुलिस ने किया गिरफ्तार
नौकरी के नाम पर सिलीगुड़ी, दार्जिलिंग से युवतियों को ले जाकर दिल्ली से मध्यप्रदेश में देह व्यापार के दलदल में धकेला जा रहा है। इसका खुलासा मध्यप्रदेश के ग्वालियर की पुलिस ने भंडाफोड़ किया है। मिली जानकारी के अनुसार बंगाल के सिलीगुड़ी, दार्जिलिंग, वर्धमान जिले की रहने वाली तीन सेक्स वर्कर, चंडीगढ़ की दो, उप्र के मेरठ और शाहरमपुर की दो सेक्स वर्कर पकड़ी गईं। इनसे पूछताछ की गई तो बोलीं कि वह बेहद गरीब हैं। दिल्ली के एक एजेंट के जरिये दीपक शर्मा से संपर्क हुआ। शहर के सिटी सेंटर स्थित होटल स्मार्ट हवेली इन गेस्ट हाउस में नेपाल और भारत की युवतियां इस काले धंधे का हिस्सा पाई गईं, जिन्हें केवल 700 रुपये में सौंपा जा रहा था।जबकि हजारों रुपये की वसूली होटल प्रबंधन और रैकेट संचालकों की जेब में जा रही थी। इस पूरी कार्रवाई ने न केवल युवतियों के शोषण को उजागर किया, बल्कि अंतरराष्ट्रीय नेटवर्क की कड़ियों की ओर भी इशारा किया है। 2:22 बजे रात की दबिश और होटल में हड़कंप: सूचना मिलते ही सीएसपी हिना खान की अगुवाई में महिला थाना प्रभारी दीप्ति तोमर और पुलिस टीम ने एक हेड कांस्टेबल को नकली ग्राहक बनाकर होटल में भेजा। जैसे ही सौदे की पुष्टि हुई, पुलिस टीम ने होटल के दो कमरों पर छापा मारा और दो ग्राहकों को कॉल गर्ल्स के साथ आपत्तिजनक स्थिति में पकड़ा गया।इसके अलावा, एक अन्य कमरे में पांच युवतियां बैठी मिलीं, जो "ग्राहकों का इंतज़ार" कर रही थीं। रिसेप्शन पर नेपाल की एक युवती अनीता सुनार मौजूद थी, जिसे पुलिस ने तत्काल हिरासत में ले लिया। कहां से आती थीं युवतियां, कैसे चलता था पूरा नेटवर्क?पूछताछ में सामने आया कि ये युवतियां भारत के विभिन्न हिस्सों - चंडीगढ़, दार्जिलिंग, सिलीगुड़ी, कोलकाता, मेरठ, और सहारनपुर - से लाई गई थीं। पहले इन्हें दिल्ली में एकत्र किया जाता था, और फिर वहां से ग्वालियर जैसे शहरों में भेजा जाता था।
मुख्य संचालिका: नेपाल की अनीता सुनार: होटल की रिसेप्शनिस्ट के रूप में कार्यरत थी।ग्राहकों को युवतियों की फोटो वाला एलबम दिखाकर सौदे तय करती थी। मैनेजर दीपक वर्मा: फरार कॉल गर्ल्स की व्यवस्था, रूम बुकिंग, और सौदे की निगरानी करता था। दिल्ली के एक एजेंट से जुड़ा बताया जा रहा है, जिसकी पहचान फिलहाल रहस्य बनी हुई है।कैसे हुआ ऑपरेशन: "माल मांगते ही मिल गया रैकेट का चेहरा": शनिवार और रविवार की दरम्यानी रात 2:22 बजे, प्रधान आरक्षक मानसिंह को ग्राहक बनाकर होटल में भेजा गया। होटल के रिसेप्शन पर मौजूद युवती ने कारण पूछा। मानसिंह ने धीमे स्वर में कहा, "माल चाहिए।" तुरंत एक फोटो एलबम निकाली गई, जिसमें लड़कियों की तस्वीरें थीं। सौदा 1000 रुपए में तय हुआ - 500-500 के दो नोट जमा कर एक कमरा बुक किया गया। मानसिंह ने बाहर खड़ी टीम को इशारा किया - और फिर छापे की शुरुआत हुई।सिर्फ 700 रुपये! और बाकी?पुलिस की रिपोर्ट में जो तथ्य सामने आए, वे झकझोर देने वाले हैं। प्रति सौदा ग्राहक से 1000 से 3000 रुपये तक लिए जाते थे। कम उम्र की लड़कियों के लिए रेट ज़्यादा रखे जाते थे। परंतु, इन युवतियों को केवल 700 रुपये प्रति सौदा दिया जाता था।बाकी रकम होटल संचालक और रैकेट की मालकिन अनीता सुनार आपस में बांट लेते थे। यह न केवल आर्थिक शोषण है, बल्कि उन युवतियों की ज़िंदगी से खिलवाड़ भी है, जो मजबूरी या बहकावे में आकर इस दलदल में उतर आईं।पकड़े गए आरोपी: अनीता सुनार - रैकेट की मुख्य संचालिका (नेपाल निवासी), नितिन उर्फ नीरज वर्मा - ग्राहक (न्यू विवेक नगर), सौरभ वर्मा - ग्राहक (इंद्रमणि नगर)
बरामद सामान। होटल के कमरों से कई कंडोम, आपत्तिजनक वस्तुएं, और इलेक्ट्रॉनिक उपकरण बरामद किए गए हैं। होटल को फिलहाल सील कर दिया गया है। बाहर खड़ी एक काली रंग की कार (KL 07 BM 4502) को जब्त कर लिया गया है, जिसकी जांच चल रही है। अंतरराष्ट्रीय कनेक्शन: दिल्ली से नेपाल तक फैला है नेटवर्क? पुलिस को शक है कि यह केवल ग्वालियर का मामला नहीं है। नेपाल की युवती अनीता सुनार और दिल्ली के एजेंट से मिले सुराग रैकेट के अंतरराष्ट्रीय स्वरूप की ओर इशारा करते हैं। यह भी आशंका है कि मानव तस्करी की कड़ियां इसमें जुड़ी हो सकती हैं। पुलिस अब दिल्ली, नेपाल और अन्य शहरों के एजेंट्स की तलाश कर रही है।कानूनी कार्रवाई और अगली रणनीति: पुलिस ने इस मामले में अनैतिक देह व्यापार निवारण अधिनियम (Immoral Traffic Prevention Act) के तहत केस दर्ज कर लिया है। गिरफ्तार तीनों आरोपियों को कोर्ट में पेश कर जेल भेज दिया गया है।सुप्रीम कोर्ट के निर्देशानुसार कॉल गर्ल्स को आरोपी नहीं बनाया गया, लेकिन उनसे लगातार पूछताछ हो रही है ताकि रैकेट के अन्य चेहरों को बेनकाब किया जा सके। सीएसपी हिना खान ने कहा: "हम इस पूरे रैकेट का जड़ से सफाया करेंगे। दीपक वर्मा की गिरफ्तारी के बाद बड़े नामों का खुलासा होना तय है।"क्यों ज़रूरी है इस मामले को गंभीरता से लेना?यह केवल एक रेड नहीं, एक सामाजिक चेतावनी है। युवतियों का आर्थिक और शारीरिक शोषण, उनकी मजबूरी, और इन रैकेट्स की निडरता - यह सब दिखाता है कि कानून का डर कम हो रहा है। होटल, एजेंट, और पुलिस संरक्षण जैसे पक्ष इस धंधे को और गहराते हैं। समय रहते अगर कार्रवाई ना हो, तो यह रैकेट बड़े पैमाने पर बच्चों और महिलाओं की तस्करी में बदल सकते हैं।होटल में क्या मिला?: पुलिस ने जब होटल के कमरे खोले, तो दृश्य हैरान करने वाले थे:दो कमरों में दो युवक कॉल गर्ल्स के साथ आपत्तिजनक हालत में मिले। एक कमरे में 5 अन्य युवतियां बैठी हुईं थीं - ग्राहकों की प्रतीक्षा में। रिसेप्शन पर बैठी नेपाल की अनीता सुनार, जो इस रैकेट की मुख्य संचालिका मानी जा रही है, वहीं मौजूद थी। होटल में आपत्तिजनक सामग्री (कंडोम, रजिस्टर, नकदी आदि) बरामद की गई। एक कार्रवाई, लेकिन कई सवाल बाकी। ग्वालियर पुलिस की यह कार्रवाई सराहनीय है, लेकिन असली जीत तब होगी जब इस रैकेट के सभी लिंक, दिल्ली से लेकर नेपाल तक, सामने लाए जाएंगे। यह मामला एक बड़ा उदाहरण है कि कैसे दिखने में सामान्य होटल, मानव शोषण के केंद्र बन चुके हैं।आपके शहर में भी ऐसी गतिविधियों की आशंका हो तो पुलिस को सूचित करें। चुप रहना अपराध को बढ़ावा देना है।इस खबर को साझा करें ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग सतर्क हो सकें। ( कोलकाता से अशोक झा )
दुनियाभर के घुमक्कड़ पत्रकारों का एक मंच है,आप विश्व की तमाम घटनाओं को कवरेज करने वाले खबरनवीसों के अनुभव को पढ़ सकेंगे
https://www.roamingjournalist.com/