बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले में वक्फ (संशोधन) अधिनियम के खिलाफ हो रहे प्रदर्शन में एक अफवाह ने हिसा का रूप धारण कर लिया। इस घटना के बाद पुलिस को लाठी चार्ज ओर आंसू गैस के गोले दागने पड़े। घटना की निंदा राज्यपाल ने की है। सरकार की ओर से शांति बनाए रखने की बात कही जा रही है। मंगलवार को हिंसक रूप ले लिया।।जंगीपुर क्षेत्र में आयोजित इस विरोध रैली में हजारों लोग जुटे थे, जिनकी मांग थी कि इस विवादास्पद कानून को वापस लिया जाए। लेकिन विरोध प्रदर्शन जल्द ही उग्र हो गया और स्थिति इतनी बिगड़ गई कि पुलिस को लाठीचार्ज और आंसू गैस के गोले छोड़ने पड़े।इस दौरान पुलिस की कई गाड़ियों में तोड़फोड़ की गई और उन्हें आग के हवाले कर दिया गया। नौबत यह आई कि अब इंटरनेट सस्पेंड कर दिया गया है. इलाके में धारा 144 यानी नए कानून की धारा 163 लागू कर दी गई है. अब सवाल है कि आखिर वक्फ कानून पर बंगाल में बवाल क्यों हुआ, आखिर मुस्लिम बहुल मुर्शिदाबाद में हिंसा कैसे भड़की?
सबसे पहले जान लेते हैं कि यह हिंसा पूरे बंगाल में नहीं है। मुर्शिदाबाद जिले के जंगीपुर इलाके में यह हिंसा भड़की। यह घटना जंगीपुर इलाके में तब हुई, जब दोपहर में बड़ी संख्या में लोग इस कानून को वापस लेने की मांग को लेकर एकत्र हुए थे
वक्फ कानून के विरोध में मंगलवार दोपहर में बड़ी संख्या में लोग इकट्ठा हुआ। वे सभी प्रदर्शन कर रहे थे। अचानक प्रदर्शनकारियों ने इलाके में तैनात पुलिस पर पथराव किया और कुछ पुलिस की गाड़ियों में आग लगा दी गई. देखते ही देखते मामला बिगड़ गया। इस हिंसा में 9 से अधिक लोग घायल हुए हैं। बताया जा रहा है कि जंगीपुर में प्रदर्शनकारियों ने सड़क जाम करने की कोशिश की, इस पर नोकझोंक शुरू हो गई। देखते ही देखते प्रदर्शनकारी उग्र हो गए. उन्होंने पुलिस पर पत्थरबाजी शुरू कर दी। इसके बाद पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर बल प्रयोग भी किया।
पुलिस ने लाठीचार्ज किया और आंसू गैस के गोले दागे। इसके बाद तो प्रदर्शनकारियों ने जमकर बवाल काटा. उन्होंने पुलिस की गाड़ियों में आग लगा दी। जमकर तोड़फोड़ की और देखते ही देखते इलाके में तनाव फैल गया। प्रशासन ने रघुनाथगंज पुलिस स्टेशन और सुती पुलिस स्टेशन के पूरे क्षेत्र में धारा 144 (नए कानून की धारा 163) लागू कर दी है. यह दिशानिर्देश अगले 48 घंटों तक प्रभावी रहेंगे. इतना ही नहीं, इलाके में इंटरनेट भी बंद रहेगा। जिले के एक सीनियर पुलिस अधिकारी ने कहा कि प्रदर्शनकारियों ने इलाके में तैनात पुलिस पर पथराव किया और कुछ पुलिस वाहनों में आग लगा दी गई।उन्होंने कहा कि घटना के बाद इलाके में सुरक्षा बढ़ा दी गई है। अधिकारी ने बताया कि झड़प में कुछ पुलिसकर्मी घायल हो गए।राज्य के मंत्री और जमीयत उलेमा-ए-हिंद के पश्चिम बंगाल अध्यक्ष सिद्दीकुल्लाह चौधरी ने पुलिस कार्रवाई की निंदा की और कहा कि वामपंथी शासन के दौरान भी अल्पसंख्यकों के साथ पुलिस द्वारा ऐसा व्यवहार नहीं किया जाता था। तृणमूल कांग्रेस के वरिष्ठ नेता चौधरी ने कहा कि वामपंथी शासन के दौरान भी पुलिस ने अल्पसंख्यकों पर कभी लाठीचार्ज नहीं किया। अगर किसी ने हिंसा का सहारा लिया है तो जाहिर तौर पर कार्रवाई की जानी चाहिए। लेकिन एक रैली पर लाठीचार्ज करना अस्वीकार्य है।
दूसरी ओर, भाजपा ने इस स्थिति के लिए सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस को दोषी ठहराया और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर ‘‘अल्पसंख्यकों के तुष्टीकरण’’ में लिप्त होने और कानून-व्यवस्था बनाए रखने में विफल रहने का आरोप लगाया।
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सुकांत मजूमदार ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में आरोप लगाया कि एक विशेष समुदाय ने मुर्शिदाबाद में दंगा किया, पुलिस वाहनों को आग लगा दी और सरकारी संपत्ति को नष्ट कर दिया, जबकि मुख्यमंत्री ‘‘चुप्पी’’ साधे रहीं। पुलिस सूत्रों के अनुसार, वक्फ विधेयक के खिलाफ यह रैली PWD ग्राउंड, जंगीपुर में कई संगठनों द्वारा आयोजित की गई थी. मुर्शिदाबाद के विभिन्न हिस्सों से लोगों का जमावड़ा यहां हो रहा था. वहीं, रामनवमी के अवसर पर कई जगहों पर शोभायात्राएं भी निकाली जा रही थीं, जिससे पुलिस बल पहले से ही विभाजित था और PWD ग्राउंड पर तैनाती अपेक्षाकृत कम थी।इसी दौरान कुछ प्रदर्शनकारियों ने राष्ट्रीय राजमार्ग के पास पहुंचकर सड़क को जाम कर दिया. पुलिस ने जब प्रदर्शनकारियों को हटाने का प्रयास किया, तभी एक व्यक्ति गिर गया. इसके बाद अफवाह फैल गई कि वह व्यक्ति गंभीर रूप से घायल हो गया या उसकी मृत्यु हो गई है. इस अफवाह ने भीड़ को और उग्र कर दिया. देखते ही देखते पुलिस पर पथराव शुरू हो गया और भीड़ ने पुलिस की दो गाड़ियों में आग लगा दी. सड़क किनारे खड़ी कई अन्य गाड़ियों को भी नुकसान पहुंचाया गया। प्रदर्शनकारियों ने पुलिस पर पथराव किया और राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 12 को जाम कर दिया। इस दौरान पुलिस के साथ धक्का-मुक्की भी हुई और पुलिस की दो गाड़ियों में आग लगा दी गई, जिससे इलाके में तनाव फैल गया।सुवेंदु अधिकारी ने सीएए विरोधी प्रदर्शनों से की तुलना: पश्चिम बंगाल विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष सुवेंदु अधिकारी ने भी इस मामले को लेकर ममता सरकार पर कड़ा हमला किया है। भाजपा नेता सुवेंदु अधिकारी ने एक्स पर पोस्ट कर लिखा, 'संसद के दोनों सदनों द्वारा पारित किए जाने और राष्ट्रपति की स्वीकृति मिलने के बाद हाल ही में पारित वक्फ (संशोधन) अधिनियम अब देश का कानून बन गया है। फिर भी एक बार फिर 2019-2020 में सीएए विरोधी प्रदर्शनों की तरह, जहां ट्रेनों पर पत्थरों से हमला किया गया था, जिसके परिणामस्वरूप कई यात्री गंभीर रूप से घायल हो गए थे और मुर्शिदाबाद जिले में तथाकथित प्रदर्शनकारियों ने रेलवे स्टेशन परिसरों में आग लगा दी थी। इस बार भी शांतिप्रिय समुदाय के प्रदर्शनकारियों ने मुर्शिदाबाद जिले के जंगीपुर में सड़कों पर उतरकर पुलिस की गाड़ियों में आग लगा दी है।''सत्ताधारी पार्टी के वोट बैंक की रक्षा के लिए मूकदर्शक बना हुआ है प्रशासन': उन्होंने आगे लिखा, 'बंगाल में एक बार फिर ऐसी ही हिंसक घटना सामने आई है, जहां ये असामाजिक तत्व सड़कों पर उतर आए हैं, सरकारी और सार्वजनिक संपत्तियों को जला रहे हैं और विरोध के नाम पर अराजकता फैला रहे हैं।यह असहमति नहीं है, यह विध्वंस है और पूरी तरह से असंवैधानिक है। पश्चिम बंगाल सरकार और प्रशासन कानून और व्यवस्था बनाए रखने में विफल हो रहे हैं, क्योंकि वे सत्ताधारी पार्टी के वोट बैंक की रक्षा के लिए जानबूझकर आंखें मूंद रहे हैं। मैं मुख्य सचिव और मुर्शिदाबाद के डीएम से अनुरोध करता हूं कि वे केंद्रीय बल की तैनाती के लिए माननीय राज्यपाल और गृह मंत्रालय से सहायता मांगें। क्योंकि, पुलिस स्पष्ट रूप से इस तरह की अराजकता से निपटने में असमर्थ है।यह सुनिश्चित करने का एकमात्र तरीका है कि कानून कायम रहे और सामान्य स्थिति को बाधित करने वालों को न्याय मिले।भाजपा के राज्यसभा सांसद समिक बनर्जी ने कहा, "यह पश्चिम बंगाल है या बांग्लादेश बन गया है? किसी भी चीज पर विरोध जताना सबका अधिकार है, लेकिन विरोध का तरीका सही होना चाहिए. प्रदर्शनकारी पुलिस पर पत्थर फेंक रहे हैं, पुलिस की गाड़ी को आग लगा रहे हैं, और रास्ते में हिंदुओं को देखकर उनकी गाड़ियों में तोड़फोड़ कर रहे हैं और उन्हें पीट भी रहे हैं. ऐसा इस देश में नहीं चल सकता."
बीजेपी ने ममता पर लगाया आरोप: बनर्जी ने आरोप लगाया कि राज्य में इस प्रकार की हिंसा और अराजकता का मुख्य कारण मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और तृणमूल कांग्रेस की राजनीति है. उन्होंने कहा, "यह स्थिति इस वजह से बनी है कि यहां की सरकार इस्लामिक राष्ट्र के नागरिकों की तरह व्यवहार कर रही है. पश्चिम बंगाल में कानून का कोई महत्व नहीं रह गया है, और यहां पुलिस से भी कोई नहीं डरता." समिक बनर्जी ने राज्य सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि ममता बनर्जी की सरकार की वजह से प्रदेश में कानून-व्यवस्था की स्थिति बुरी हो गई है और लोगों में भय और असुरक्षा का माहौल है।वक्फ एक्ट को लेकर कई जगह प्रदर्शन: इस बयान के बाद भाजपा नेता ने राज्य की राजनीति को लेकर और भी तीखा हमला किया और कहा कि प्रदेश में आम नागरिकों की सुरक्षा की बजाय एक विशेष वर्ग को बढ़ावा दिया जा रहा है. उन्होंने कहा कि ऐसे माहौल में लोकतंत्र और कानून का पालन नहीं हो सकता और इसकी जिम्मेदारी मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और उनकी सरकार पर है।बता दें कि वक्फ एक्ट के खिलाफ देश के अलग-अलग हिस्सों में मुस्लिम समुदाय के द्वारा प्रदर्शन किया जा रहा है. इसी बीच पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद में भी प्रदर्शन किया जा रहा है. प्रदर्शन के दौरान प्रदर्शनकारी आक्रोशित हो गए और पुलिस टीम पर पथराव करना शुरू कर दिया। प्रदर्शनकारियों ने पुलिस के वाहनों में आग भी लगा दी। ( बंगाल से अशोक झा)
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