- सांसद ने मुख्यमंत्री से किया आग्रह राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए संभावित खतरों का दिया हवाला
- रैली से क्षेत्र में अशांति फैल सकती है और यह राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए बन सकता है एक चुनौती
दार्जिलिंग लोकसभा क्षेत्र से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसद राजू बिष्ट ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को एक पत्र लिखा है। इस पत्र के माध्यम से उन्होंने सिलीगुड़ी में एक इस्लामी संगठन को वक्फ संशोधन अधिनियम के विरोध में रैली आयोजित करने की अनुमति दिए जाने पर गंभीर चिंता व्यक्त की है। सांसद राजू बिष्ट ने मुख्यमंत्री से यह आग्रह राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए संभावित खतरों का हवाला देते हुए किया है। उनका मानना है कि इस रैली से क्षेत्र में अशांति फैल सकती है और यह राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए एक चुनौती बन सकता है।15 अप्रैल को प्रस्तावित है इस्लामी समूह की रैली भाजपा सांसद ने अपने पत्र में उस इस्लामी समूह द्वारा 15 अप्रैल को सिलीगुड़ी में आयोजित होने वाली रैली का विशेष रूप से उल्लेख किया है। उन्होंने बताया कि उन्हें इस रैली को लेकर कई गंभीर सूचनाएं मिली हैं जो चिंताजनक हैं। बंगाल के बाहर से मुसलमानों के एकत्र होने का लगाया आरोप बिष्ट ने अपने पत्र में यह भी आरोप लगाया है कि इस रैली में शामिल होने के लिए न केवल पश्चिम बंगाल से बल्कि राज्य के बाहर से भी बड़ी संख्या में मुसलमान एकत्र हो रहे हैं। उन्होंने इस जमावड़े के उद्देश्य पर सवाल उठाए हैं।इस्लामी समूह पर हिंसा भड़काने और राष्ट्र विरोधी बयान देने का आरोप सांसद ने और भी गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि यह इस्लामी समूह क्षेत्र में हिंसा भड़काने का काम कर रहा है और इसके सदस्य राष्ट्र विरोधी बयानबाजी में लिप्त हैं। उन्होंने इस प्रकार की गतिविधियों को देश की एकता और अखंडता के लिए खतरा बताया है।'चिकन नेक' क्षेत्र की संवेदनशील स्थिति पर प्रकाश डाला राजू बिष्ट ने अपने पत्र में 'चिकन नेक' क्षेत्र की संवेदनशील भौगोलिक और रणनीतिक स्थिति पर विशेष रूप से प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि दार्जिलिंग जिले में मुसलमानों की आबादी अपेक्षाकृत कम है, केवल लगभग पांच प्रतिशत। ऐसे में, इस विरोध प्रदर्शन का बाहरी लोगों द्वारा आयोजित किया जाना और भी अधिक संदेहास्पद लगता है।विरोध प्रदर्शन को बाहरी लोगों द्वारा आयोजित करने का दावा उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि यह विरोध प्रदर्शन स्थानीय मुसलमानों द्वारा स्वतः स्फूर्त नहीं है, बल्कि इसे बाहरी तत्वों द्वारा आयोजित किया जा रहा है, जिनके निहित स्वार्थ हो सकते हैं।मुख्यमंत्री से अनुमति वापस लेने और सुरक्षा बढ़ाने का अनुरोध दार्जिलिंग के सांसद ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से तत्काल कार्रवाई करते हुए इस विरोध रैली के लिए दी गई अनुमति को वापस लेने का पुरजोर अनुरोध किया है। इसके साथ ही, उन्होंने सुनियोजित गड़बड़ी की किसी भी कोशिश को विफल करने के लिए सिलीगुड़ी शहर और संवेदनशील 'चिकन नेक' क्षेत्र में अतिरिक्त सुरक्षा बलों को तैनात करने की मांग की है।जनता को आश्वस्त करने के लिए फ्लैग मार्च निकालने का सुझाव सांसद बिष्ट ने मुख्यमंत्री से यह भी आग्रह किया कि क्षेत्र की जनता के बीच सुरक्षा की भावना और विश्वास पैदा करने के लिए पुलिस और सुरक्षा बलों द्वारा फ्लैग मार्च निकाला जाए। उनका मानना है कि इससे लोगों को शांति और व्यवस्था बनाए रखने का संदेश मिलेगा। चिकन नेक' क्षेत्र का सामरिक महत्व सिलीगुड़ी कॉरिडोर, जिसे 'चिकन नेक' क्षेत्र के नाम से भी जाना जाता है, भारत के उत्तर-पूर्वी राज्यों को देश के बाकी हिस्सों से जोड़ने वाला एकमात्र संकरा भूभाग है। यह क्षेत्र सामरिक और सुरक्षा की दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है, क्योंकि इसकी संवेदनशीलता पूरे पूर्वोत्तर भारत की सुरक्षा पर प्रभाव डाल सकती है। ( कोलकाता से अशोक झा )
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