- कहा, गृहमंत्री को अर्धसैनिक बल की तुरंत करनी चाहिए तैनाती
- जहां दंगे हो रहे होते हैं, वहां कुर्सी लगाकर तमाशा देखती है और फिर चुपचाप वापस चली जाती
पश्चिम बंगाल की बिगड़ती कानून व्यवस्था और हिंदू समुदाय पर हो रहे अत्याचारों को लेकर भारतीय जनता पार्टी के नेता और फिल्म जगत के दिग्गज अभिनेता मिथुन चक्रवर्ती ने राज्य की ममता सरकार को जमकर आड़े हाथों लिया है।इसी बीच, बॉलीवुड एक्टर मिथुन चक्रवर्ती ने कहा है कि राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाया जाए. मीडिया से बात करते हुए उन्होंने गृह मंत्री अमित शाह से अपील की है कि पश्चिम बंगाल में 2 महीने के लिए अर्धसैनिक बलों को भेजी जाए। मिथुन चक्रवर्ती ने बंगाल पुलिस की कार्यशैली पर प्रश्नचिन्ह लगाया। उन्होंने कहा, " पुलिस सिर्फ "फंक्शन" देखने आती है। जहां दंगे हो रहे होते हैं, वहां कुर्सी लगाकर तमाशा देखती है और फिर चुपचाप वापस चली जाती है. उन्होंने कहा कि पुलिस की भूमिका अब कानून व्यवस्था संभालने की नहीं रह गई, बल्कि मूकदर्शक बनने की हो गई है। मिथुन ने वक्फ को लेकर प्रदेश सरकार के रवैये को कठघरे में खड़ा किया। उन्होंने कहा , " उन्होंने वक्फ कानून को लेकर पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद में हुई हिंसा पर कहा कि हिंदुओं को चुन-चुन कर निशाना बनाया जा रहा है. मुस्लिम समाज के नाम पर जिन जमीनों को वक्फ संपत्ति बताया जा रहा है, उन्हें नेताओं ने कब्जा कर लिया है. कहीं गोदाम बना दिए, कहीं किराए पर चढ़ा दिए, और उस पैसे से अपनी ऐशो-आराम की जिंदगी जी रहे हैं. अगर इन संपत्तियों का कुछ हिस्सा मुस्लिम भाइयों या उनकी बहनों को मिल जाता, तो कोई समस्या नहीं थी. लेकिन ऐसा कुछ नहीं हो रहा. नतीजा यह है कि आम हिंदू परिवार बेघर हो रहे हैं, और ट्रांजिट कैंपों में खिचड़ी खा रहे हैं।मिथुन का कहना है कि जब तक सेना नहीं तैनात होती, तब तक राज्य में निष्पक्ष चुनाव कराना संभव नहीं होगा। मिथुन चक्रवर्ती ने उठाई राष्ट्रपति शासन की मांग। मीडिया से बात करते हुए मिथुन चक्रवर्ती ने कहा कि उन्होंने कई बार केंद्र सरकार से पश्चिम बंगाल में राष्ट्रपति शासन लगाने की अपील की है और अब एक बार फिर वही अपील कर रहे हैं. उन्होंने कहा, "अगर राष्ट्रपति शासन नहीं भी लगाया जाता तो कम से कम चुनाव के समय 2 महीने के लिए अर्धसैनिक बलों को पश्चिम बंगाल में तैनात करना जरूरी है।मिथुन चक्रवर्ती ने बताया पश्चिम बंगाल में सेना क्यों जरूरी?: मिथुन चक्रवर्ती ने कहा कि पश्चिम बंगाल में चुनाव की तारीख घोषित होने से लेकर नतीजे आने के एक महीने बाद तक सेना को तैनात किया जाना चाहिए। उनके मुताबिक सिर्फ सेना की मौजूदगी में ही वहां स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव हो सकते हैं। मिथुन ने यह भी कहा कि अगर चुनाव के नतीजे बीजेपी के पक्ष में आते हैं तो राज्य में हिंसा और ज्यादा बढ़ सकती है. ऐसे हालात में लोगों की सुरक्षा और कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए सेना की मौजूदगी जरूरी है। 'बंगाल में हिंदू बने शरणार्थी': बीजेपी नेता और अभिनेता मिथुन चक्रवर्ती ने हिंसा प्रभावित इलाकों में जाने को लेकर कहा, "मैं जाना चाहता हूं, लेकिन मुझे अभी तक इजाज़त नहीं मिली है." पश्चिम बंगाल में हिंदुओं के शरणार्थी बनने के सवाल पर मिथुन ने कहा, "बिलकुल सही है, वे अब शरणार्थी बन गए हैं क्योंकि हर जगह गुंडागर्दी हो रही है.पूरा दबदबा बना लिया गया है. और हम ऐसा नहीं चाहते. हम दंगे नहीं चाहते, कोई हिंसा नहीं चाहते, कुछ भी नहीं। 8 अप्रैल से बिगड़ गए थे हालात: संसद में वक्फ अधिनियम पास होने के बाद 8 अप्रैल से पश्चिम बंगाल में हालात बिगड़ने लगे. 8 से 12 अप्रैल के बीच शमशेरगंज, सूती, धुलियान और जंगीपुर जैसे इलाकों में भारी पथराव और आगजनी की कई घटनाएं हुईं. इन हिंसक घटनाओं में 3 लोगों की जान चली गई। ( कोलकाता से अशोक झा )
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