- आज बंगाल में पलायन नहीं बल्कि पराक्रम दिखाने का समय
- बंगाल के मूल समाज के लोगों को सोचना होगा कि उनकी रक्षा कौन कर सकता है?
- जिस प्रकार वक्फ बिल संशोधन कानून को लेकर हिंदुओं को निशाना बनाया जा रहा है वह बर्दास्त योग्य नहीं
- बंगाल की जनता ने टीएमसी को कानून व्यवस्था बनाने के लिए राजकीय दंड दिया है उसका कराई से पालन हो
- ममता के मंत्री की धमकी के खिलाफ कठोर कारवाई की जाए
बंगाल में वक्फ बिल संशोधन कानून को लेकर प्रदर्शन के नाम पर लगातार हिंसा हो रहे है। निशाना बंगाल के हिंदू परिवार और राष्ट्रीय संपतियों को बनाया जा रहा है। इस सब के बीच विश्व हिंदू परिषद के राष्ट्रीय महासचिव मिलिंद परांडे सिलीगुड़ी प्रवास पर है। सिलीगुड़ी प्रणामी मंदिर रोड स्थित
विहिप कार्यालय में पत्रकारों को संबोधित किया। उनके साथ प्रदेश मंत्री लक्ष्मण वंसल मौजूद थे। मिलिंद परांडे ने कहा कि बंगाल को कश्मीर और ग्रेटर बांग्लादेश बनाने की साजिश कभी पूरी नहीं होने दी जाएगी। उन्होंने कहा कि आजादी के बाद से मुस्लिम तुष्टिकरण के कारण यहां के हिंदुओं की उपेक्षा की गई है।
जिस बांग्लादेशी घुसपैठ के मुद्दे पर टीएमसी नेत्री ममता बनर्जी सड़क से सदन तक हमलावर रहती थी आज वहीं वोट बैंक और सत्ता सुख के लिए उसे संरक्षण दे रही है। उन्हें याद रखना चाहिए कि बंगाल की जनता ने उन्हें उनकी सुरक्षा के लिए सत्ता पर आसीन कराया है। आज वह राजधर्म और कानून का दंड का सही इस्तेमाल नहीं कर रही है। विश्व हिंदू परिषद ने मंगलवार को पश्चिम बंगाल में हुई हिंसा की निंदा की और कहा कि राज्य सरकार "हिंदुओं" की सुरक्षा करने में पूरी तरह विफल रही है। विहिप के राष्ट्रीय संगठन महासचिव मिलिंद परांडे ने कहा कि राज्य सरकार सभी समुदायों के लिए है और अगर "हजारों लोगों को अपना घर छोड़ना पड़ता है तो यह दुर्भाग्यपूर्ण नहीं है तो क्या है ।" उन्होंने पत्रकारों से कहा, "बंगाल में हो रही हिंसा निंदनीय है। राज्य सरकार हिंदुओं की सुरक्षा करने में पूरी तरह विफल रही है। राज्य सरकार सभी समुदायों, पूरे राज्य के लिए है। लेकिन मुझे लगता है कि वे इस बात से बेखबर हैं। अगर हजारों लोगों को अपना घर छोड़ना पड़ता है, तो इससे ज्यादा दुर्भाग्यपूर्ण कुछ नहीं है। परांडे ने आगे कहा कि वे देख सकते हैं कि राज्य सरकार अपने कर्तव्य में कैसे विफल हो रही है और समाज की रक्षा के लिए बहुत कम काम कर रही है। उन्होंने कहा हम देख सकते हैं कि राज्य सरकार समाज की रक्षा के लिए बहुत कम काम कर रही है और अपने कर्तव्य में विफल हो रही है। इसलिए, हिंदू समुदाय को इस बारे में सोचना चाहिए...। उन्होंने कहा कि आज एकीकृत हिन्दू समाज को पुनः बांटने का षडयंत्र किया जा रहा है जिसे सफल नहीं होने के लिए संपूर्ण हिन्दू समाज को सचेत रहने की आवश्यकता है। क्योंकि एकीकृत हिन्दू समाज ही भारत को विश्व का अगुआ बनाएगा। लव जेहाद और हिन्दू पर्वों पर उपद्रव करने वालों के विरुद्ध समरस हिन्दू समाज ही इनका प्रतिकार कर सकता है। उन्होंने कहा कि हिन्दू युवाओं के लिए बजरंग दल को सक्रिय होना होगा। उन्होंने कहा कि पलायन नहीं बल्कि पराक्रम दिखाने का समय है। उन्होंने कहा कि हिंदुओं के पलायन के मामलों पर कहा कि हिंदू समाज को ऐसी स्थिति बनानी चाहिए कि वह पलायन न करें। क्योंकि अभी पलायन नहीं बल्कि पराक्रम दिखाने का समय है। उन्होंने कहा कि देश मे बहुसंख्यक समाज का कल्याण ही देश का कल्याण है। बहुसंख्यक समाज का अपमान करके देश का कल्याण नहीं हो सकता है। उन्होंने कहा कि वफ़ बिल कानून के नाम पर आज एक सुनियोजित एकत्रीकरण कर हिंदुओं पर हमले हो रहे है। सिलीगुड़ी में भी विरोध प्रदर्शन के लिए बंगाल और बिहार से बड़े पैमाने पर लोगों को जुटाया जा रहा है। इसकी जानकारी शासन और प्रशासन की है। उनका एक ही मकशद है विरोध प्रदर्शन के नाम पर हिंसा वह भी हिंदुओं के खिलाफ। उन्होंने कहा कि अगर आप विरोध करना चाहते हैं, तो करें। लेकिन हिंदुओं पर हमला करने का कोई तर्क नहीं है"। उन्होंने आगे सवाल किया कि अगर किसी को वक्फ के खिलाफ कुछ कहना है, तो इसका "हिंदुओं" पर हमले से क्या संबंध है? परांडे ने कहा कि यह सब पहले से ही योजनाबद्ध है और राज्य सरकार को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि राज्य में ऐसी घटनाएं दोबारा न हों। परांडे ने कहा, "इसलिए इस पर गंभीरता से विचार किया जाना चाहिए... अगर कोई वक्फ के खिलाफ कुछ भी कहता है, तो इसका हिंदुओं पर हमलों से क्या लेना-देना है? यह सिर्फ हिंदू विरोधी कार्रवाई लगती है। यह पहले से ही योजनाबद्ध लगता है। इसलिए सरकार को यह सुनिश्चित करना चाहिए पश्चिम बंगाल में कहीं भी ऐसी घटनाएं न दोहराये जाएं। किसी भी सभ्य समाज में इसका कोई स्थान नहीं है। इसलिए राज्य सरकार को जिम्मेदारी से इसे खत्म करना चाहिए।" मुर्शिदाबाद में हिंसा वक्फ संशोधन अधिनियम के खिलाफ विरोध प्रदर्शन से भड़की थी, जो इस क्षेत्र में एक विवादास्पद मुद्दा रहा है। विरोध प्रदर्शन हिंसक हो गया, जिसके परिणामस्वरूप तीन लोगों की मौत हो गई, कई अन्य घायल हो गए और व्यापक संपत्ति का नुकसान हुआ। हत्याओं के जिम्मेदार लोगों के साथ संपति को नुकसान करने वालो से दंड वसूला जाए। मारे गए मूर्तिकार परिवार को पूर्ण सुरक्षा और दोषियों को फांसी दी जाय। एक प्रश्न के जवाब में उन्होंने कहा कि बंगाल में राष्ट्रपति शासन या केंद्रीय फॉर्स की नियुक्ति शासकीय मामला है। विहिप का स्पष्ट कहना है कि यह बंगाल है बांग्लादेश नहीं जहां ऐसा होता रहेगा और सरकार चुप बैठेगी। बंगला सरकार के मंत्री ने धमकी दी है कि वह बंगाल की चारों तरफ घेर देंगे? उसके खिलाफ कारवाई हो और अविलंब उन्हें मंत्रिमंडल से हटाया जाए। उन्होंने फिर जिद देकर कहा कि बंगाल के हिंदुओं खासकर मूलवासियों को सोचना होगा कि उनकी सुरक्षा कौन कर सकता है उसे वह एकजुट होकर सत्ता पर आसीन करे समस्या का समाधान खुद व खुद हो जाएगा। उदाहरण के लिए असम, उत्तर प्रदेश ओर त्रिपुरा है। ( कोलकाता से अशोक झा )
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