पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने मुर्शिदाबाद हिंसा में मारे गए व्यक्ति और उसके बेटे के परिजनों से शनिवार को मुलाकात की। उन्होंने हरसंभव मदद का आश्वासन भी दिया। हरगोविंद दास और चंदन दास के शव शमशेरगंज के जाफराबाद इलाके में उनके घर में पाए गए थे और शरीर पर चाकू से वार के कई निशान थे। राज्यपाल बोस ने मृतकों के परिजन से मुलाकात के बाद कहा, 'जो हुआ वो बर्बर है। ऐसा दोबारा कभी नहीं होना चाहिए। लोग डरे हुए हैं। हमें वहां सामान्य स्थिति बहाल करने की जरूरत है। लोगों के अंदर ये भरोसा जगाना चाहिए कि उनकी रक्षा के लिए कोई है। साथ ही, भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए हर कदम उठाना चाहिए। पीड़ितों की कई मांगों में से एक प्रमुख मांग यह थी कि स्थायी बीएसएफ कैंप बनाया जाए।उन्होंने मुर्शिदाबाद में हुई घटना को विचित्र और बर्बरता पूर्ण बताया है. साथ ही पूरे मामले को केंद्र सरकार के सामने उठाने की बात कही है।पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने शनिवार, 19 अप्रैल को दंगा प्रभावित मुर्शिदाबाद जिले का दौरा किया. इस दौरान उन्होंने हिंसा में मारे गए पिता-पुत्र के परिवार वालों से मुलाकात की. उन्होंने परिजनों को हर संभव मदद प्रदान करने का आश्वासन दिया है. राज्यपाल ने मुर्शिदाबाद में हुई घटना को विचित्र और बर्बरता पूर्ण बताया है. साथ ही पूरे मामले को केंद्र सरकार के सामने उठाने की बात कही है। राज्यपाल सीवी आनंद बोस का यह दौरा हिंसा में पीड़ितों से मिलने के लिए था. पिछले हफ्ते वक्फ अधिनियम को लेकर पश्चिम बंगाल के कई हिस्सों में हिंसा भड़क उठी थी. खासकर मुर्शिदाबाद और दक्षिण 24 परगना जिले में. हिंसा में तीन लोगों की जान चली गई. वहीं कई परिवारों को अपना घर छोड़कर राहत शिविरों में शरण लेनी पड़ी। राज्यपाल ने आगे कहा कि स्थानीय लोगों ने अपनी सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए अपनी मांगें रखी हैं. बोस ने कहा कि वह अपनी रिपोर्ट केंद्र और राज्य सरकार के सामने रखेंगे. लेकिन इस रिपोर्ट को सार्वजनिक डोमेन में साझा नहीं कर सकते हैं. बातचीत में राज्यपाल ने आगे कहा कि पीड़ित लोग स्थायी BSF कैंप की मांग कर रहे हैं. ताकि भविष्य में सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके. दौरे के दौरान वे समशेरगंज, धुलियान, सुती और जंगीपुर जैसे इलाकों में भी पहुंचे. इस दौरान वे हिंसा प्रभावित लोगों से मुलाकात की।बता दें कि इस पूरे विवाद की जड़ वक्फ अधिनियम है. जो मुस्लिम समुदाय द्वारा दान की गई संपत्तियों को नियंत्रित करता है. राज्य के कुछ हिस्सों में इस कानून के खिलाफ विरोध प्रदर्शन तेज हो गए थे. इसके बाद हिंसा भड़क उठी।पहले राज्यपाल के मुर्शिदाबाद दौरे की बात करते हैं, जिसको लेकर बंगाल में सियासी हलचल है। क्योंकि वो सरकार के मना करने के बाद भी मुर्शिदाबाद पहुंचे हैं। इस दौरान जो तस्वीरें सामने आई उसमें लोगों की बेबसी, आंसू और दर्द साफ दिखा। जिन लोगों ने अपने परिवार के सदस्यों को खोया है उनके यहां मातम पसरा हुआ है। पलायन के लिए मजबूर हुए कुछ लोग राज्यपाल के पैरों में गिर गए। कई महिलाएं राज्यपाल के सामने रोती बिलखती नजर आई। कई लोगों ने राज्यपाल से कहा कि यहां हालात बांग्लादेश जैसे हो गए हैं।
कुछ लोगों ने राष्ट्रपति शासन लगाने की रखी मांग: ऐसे में किसी भी तरह हिंदुओं की सुरक्षा सुनिश्चित होनी चाहिए। कुछ लोगों ने पश्चिम बंगाल में राष्ट्रपति शासन लगाया जाने की मांग वाले पोस्टर भी लहराए। लोगों ने कहा कि इलाके में BSF की स्थाई तैनाती की जाए क्योंकि केंद्रीय सुरक्षाबलों के जाने के बाद फिर से हमले का डर है। मुर्शिदाबाद हिंसा की जांच NIA से कराने और हत्यारों को फांसी देने की मांग भी की गई।एक अधिकारी ने बताया कि शमशेरगंज के लिए अपना दौरा शुरू करने से पहले बोस ने फरक्का के अतिथि गृह में प्रभावित परिवारों के कुछ सदस्यों से बात की जहां वह ठहरे हुए थे। शुक्रवार को बोस ने मालदा का दौरा किया था और मुर्शिदाबाद जिले के हिंसा प्रभावित इलाकों से भागकर एक अस्थायी शरणार्थी शिविर में रह रहे लोगों से मुलाकात की थी। उन्होंने प्रभावित लोगों को आश्वासन दिया कि उनकी शिकायतों को दूर करने के लिए ''ठोस कार्रवाई'' की जाएगी। राज्यपाल ने कहा, ''मैंने यहां शिविर में मौजूद परिवार के सदस्यों से मुलाकात की। उन्होंने मुझे विस्तार से जानकारी दी है। निश्चित रूप से ठोस कार्रवाई की जाएगी। ''राष्ट्रीय महिला आयोग की टीम ने भी किया दौरा: उधर राष्ट्रीय महिला आयोग (NCW) के एक प्रतिनिधिमंडल ने भी मुर्शिदाबाद जिले में दंगा प्रभावित लोगों से मुलाकात की और उन्हें आश्वासन दिया कि भविष्य में उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए केंद्र हर आवश्यक कदम उठाएगा। दंगा प्रभावित महिलाओं ने अपनी पीड़ा बताई और मांग की कि जिले के चुनिंदा इलाकों में सीमा सुरक्षा बल (BSF) के स्थायी शिविर स्थापित किए जाएं और सांप्रदायिक झड़पों की एनआईए से जांच कराई जाए। इन झड़पों में तीन लोगों की जान चली गई थी। NCW प्रमुख विजया रहाटकर ने पीड़ितों से कहा, ''उन्हें चिंता करने की जरूरत नहीं है'' क्योंकि केंद्र उनके साथ है। उन्होंने मुर्शिदाबाद के बेतबोना कस्बे में पीड़ितों से कहा, ''हम आपकी दुर्दशा का पता लगाने आए हैं। कृपया चिंता न करें। देश और आयोग आपके साथ है। ऐसा न सोचें कि आप अकेले हैं।'' उन्होंने कहा कि NCW अपनी रिपोर्ट केंद्र को सौंपेगा।NCW टीम ने शुक्रवार को मालदा जिले में एक राहत शिविर का भी दौरा किया और मुर्शिदाबाद दंगों के कारण विस्थापित लोगों से मुलाकात की। वक्फ (संशोधन) अधिनियम के खिलाफ 11 और 12 अप्रैल को मुर्शिदाबाद के शमशेरगंज, सुती, धुलियान और जंगीपुर सहित अन्य इलाकों में हिंसा भड़क उठी थी। इस हिंसा में कम से कम तीन लोगों की मौत हो गई थी और कई अन्य घायल हुए थे। आयोग ने इस हिंसा का स्वत: संज्ञान लिया है। ( मुर्शिदाबाद से अशोक झा की रिपोर्ट )
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