भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने अपने नए राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव की प्रक्रिया तेज कर दी है। पार्टी के शीर्ष नेता प्रमुख क्षेत्रों में प्रदेश अध्यक्षों के नाम तय करने के लिए चर्चा कर रहे हैं।
राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव जनवरी में होना था मगर अप्रैल का आधा महीना भी जाने के बावजूद यह मामला अभी तक लंबित है। इसीलिए अब इस मुद्दे को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद सक्रिय हो गए हैं।इसके साथ ही उत्तर प्रदेश समेत कई राज्यों के नए प्रदेश अध्यक्ष को लेकर भी पीएम मोदी ने शीर्ष नेताओं के साथ गहराई से मंथन किया है। अगले दो-तीन दिनों के भीतर उत्तर प्रदेश समेत करीब आधा दर्जन राज्यों में नए प्रदेश अध्यक्षों के नामों का ऐलान भी किया जा सकता है।
पीएम मोदी की बैठक में हल निकालने की कवायद: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पार्टी के संगठन को मजबूत बनाने के लिए बुधवार को अपने आवास पर मैराथन बैठक की थी। इस बैठक में गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव (संगठन) बीएल संतोष भी मौजूद थे। इस बैठक के दौरान भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष की चुनाव में रोड़ा बने करीब एक दर्जन राज्यों के संगठन चुनाव का हल निकालने की कवायद की गई। जानकार सूत्रों का कहना है कि पीएम मोदी की इस महत्वपूर्ण बैठक के बाद दो-तीन दिनों में करीब आधा दर्जन राज्यों के प्रदेश अध्यक्षों के नाम घोषित किए जा सकते हैं। इन राज्यों में प्रदेश अध्यक्ष का नाम घोषित होने के बाद अगले हफ्ते भाजपा के नए राष्ट्रीय अध्यक्ष के नाम पर भी मुहर लग जाएगी।
हालांकि पार्टी की ओर से अभी तक आधिकारिक रूप से कुछ भी नहीं कहा गया है। पार्टी नेतृत्व की ओर से विभिन्न प्रदेशों में तय किए गए नामों का भी अभी तक खुलासा नहीं हो सका है।
23 अप्रैल से पहले हो सकता है बड़ा ऐलान: भाजपा के मौजूदा राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा को जनवरी 2020 में यह अहम जिम्मेदारी सौंपी गई थी। भाजपा के संविधान के मुताबिक उनका कार्यकाल जनवरी 2023 में खत्म हो गया था मगर 2024 में लोकसभा का चुनाव होने के कारण उनका कार्यकाल बढ़ा दिया गया था। लोकसभा का चुनाव खत्म होने के बाद लगभग एक साल का वक्त बीत चुका है मगर अभी तक नड्डा के उत्तराधिकारी का नाम तय नहीं किया जा सका है।भाजपा की संसदीय कमेटी की ओर से 13 मार्च को नड्डा का कार्यकाल 40 दिनों के लिए बढ़ाया गया था। अब यह अवधि भी 23 अप्रैल को खत्म होने वाली है और इसलिए अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रीय अध्यक्ष का मुद्दा सुलझाने के लिए खुद मोर्चा संभाल लिया है। प्रधानमंत्री आवास पर बुधवार को हुई बैठक के दौरान 23 अप्रैल से पहले राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव की प्रक्रिया को पूरा करने के मुद्दे पर मंथन किया गया।यूपी समेत कई राज्यों में प्रदेश अध्यक्ष जल्द
पीएम मोदी के आवास पर हुई अहम बैठक के दौरान उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, उत्तराखंड, कर्नाटक, तेलंगाना, गुजरात, महाराष्ट्र, हिमाचल प्रदेश, मध्य प्रदेश और हरियाणा में पार्टी के प्रदेश अध्यक्षों के नाम को लेकर भी मंथन किया गया। जानकार सूत्रों का कहना है कि पीएम मोदी की इस बैठक के दौरान आधा दर्जन राज्यों में प्रदेश अध्यक्षों के नाम पर सहमति बन गई है और अगले दो-तीन दिनों के भीतर इन नामों का ऐलान कर दिया जाएगा। इसके बाद 20 अप्रैल से पार्टी के नए राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव की प्रक्रिया शुरू की जा सकती है।दरअसल उत्तर प्रदेश समेत कई राज्यों में संगठन चुनाव पूरा न होने के कारण राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव में विलंब हो रहा है। भाजपा के संविधान के मुताबिक राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव के लिए निर्वाचन मंडल बनाना पड़ता है जिसमें राष्ट्रीय परिषद के साथ ही प्रदेश परिषद के भी सदस्य शामिल होते हैं। संगठन चुनाव पूरा न हो पाने के कारण ही राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव का मामला लटका हुआ है।भाजपा में तेज हुआ बैठकों का सिलसिला: भाजपा में पिछले दो-तीन दिनों से शीर्ष स्तर पर बैठकों का सिलसिला काफी तेज हो गया है। मंगलवार रात को भाजपा अध्यक्ष नड्डा के आवास पर गृह मंत्री अमित शाह,राजनाथ सिंह और पीयूष गोयल समेत कई केंद्रीय मंत्रियों ने लंबी बैठक की थी।इसके बाद बुधवार को भाजपा अध्यक्ष नड्डा ने गृह मंत्री शाह के साथ बैठक की थी। इसके बाद बुधवार को ही पीएम मोदी के आवास पर अहम बैठक बुलाई गई थी जिसमें पार्टी के शीर्ष नेता मौजूद थे। इन महत्वपूर्ण बैठकों के बारे में पार्टी की ओर से कोई बयान नहीं जारी किया गया।बिहार चुनाव में होगी पहली परीक्षा: भाजपा सूत्रों का कहना है कि नड्डा को केंद्रीय मंत्री बनाए जाने के बाद जल्द उनके उत्तराधिकारी चुने जाने की उम्मीद थी मगर यह प्रक्रिया काफी लंबी खिंच गई है। बिहार में इस साल विधानसभा चुनाव होने वाला है जबकि असम, पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु और केरल में अगले साल विधानसभा चुनाव होंगे। बीजेपी इन राज्यों में अपनी ताकत दिखाने में जुटी हुई है।इसलिए भाजपा के नए राष्ट्रीय अध्यक्ष की पहली परीक्षा इस साल बिहार में होगी जबकि अगले साल कई राज्यों में नए अध्यक्ष की रणनीति की परीक्षा होने वाली है। यही कारण है कि पार्टी की ओर से मजबूत चेहरे की तलाश की जा रही है ताकि आने वाले दिनों में पार्टी को सियासी रूप से और मजबूत बनाया जा सके। ( अशोक झा की रिपोर्ट )
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