पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद में हुई हिंसा को लेकर प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष सुकांत मजूमदार ने राज्यपाल सी.वी. आनंद बोस से मुर्शिदाबाद के पीड़ितों के साथ मुलाकात की। राज्यपाल ने आश्वान दिया कि वह जल्द ही प्रभावित क्षेत्रों का दौरा करेंगे। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा है कि राज्यपाल से अनुरोध करूंगी कि अभी मुर्शिदाबाद के दंगा प्रभावित इलाके का दौरा नहीं करें। उन्होंने कहा कि बीएसएफ को जवाबदेही तय करनी होगी, क्योंकि इसका न्यायाधिकार क्षेत्र सीमा से 50 किलोमीटर तक बढ़ा दिया गया है। सीमा पार कर बंगाल में प्रवेश करने वालों का ब्योरा गृह मंत्रालय साझा नहीं कर रहा है। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सुकांत मजूमदार ने कहा कि कहा कि इस हिंसा की वजह से सैकड़ों परिवारों को जबरन विस्थापित होना पड़ा है, जिनमें से कई ने मालदा जिले में भागीरथी नदी के पार शरण ली है।उन्होंने राज्यपाल से कहा , मैं आपसे विनम्रतापूर्वक इस मामले में हस्तक्षेप करने और निम्नलिखित सुनिश्चित करने का आग्रह करता हूं। उन्होंने कहा कि राज्य प्रशासन और केंद्रीय बलों के समन्वित प्रयासों के माध्यम से प्रभावित क्षेत्रों में शांति और सामान्य स्थिति की तत्काल बहाल हो।विस्थापित परिवारों की सुरक्षा और पुनर्वास, उनके सुरक्षित और सम्मानजनक तरीके से उनके घरों में वापसी सुनिश्चित करना। इन जघन्य कृत्यों के अपराधियों की पहचान करने और उन्हें न्याय के कटघरे में लाने के लिए हिंसा की न्यायिक जांच।"हर नागरिक की सुरक्षा हो "सुकांत मजूमदार ने पत्र में लिखा कि पश्चिम बंगाल लंबे समय से विविधता में एकता का प्रतीक रहा है। यह जरूरी है कि हम इस विरासत की रक्षा करें और हर नागरिक को, चाहे वह किसी भी धर्म का हो, उनकी सुरक्षा और संवैधानिक अधिकारों के प्रति आश्वस्त करें। राहत शिविर का किया दौरा : बता दें कि बीजेपी अध्यक्ष सुकांत मजूमदार ने सोमवार को मालदा के एक स्कूल में स्थापित राहत शिविर का दौरा किया था। इस राहत शिविर में मुर्शिदाबाद हिंसा के पीड़ित कई हिंदू परिवारों ने शरण ली है। स्थानीय अधिकारियों के अनुसार, मालदा में लगभग 640 लोगों ने शरण ली है, जिनमें से 550 लोग वर्तमान में हाईस्कूल शिविर में, जबकि बाकी लोग अपने रिश्तेदारों के साथ निकटवर्ती गांवों में रह रहे हैं।पश्चिम बंगाल के राज्यपाल डॉ. सीवी आनंद बोस ने मुर्शिदाबाद और राज्य के अन्य हिंसा प्रभावित क्षेत्रों की स्थिति पर गहरी चिंता व्यक्त की है। उन्होंने कहा कि राजभवन का कोर ग्रुप मुर्शिदाबाद और अन्य संवेदनशील क्षेत्रों की स्थिति पर वास्तविक समय के आधार पर लगातार नजर बनाए हुए है। उन्होंने कहा कि उनकी और मुख्यमंत्री के बीच इस मुद्दे पर बातचीत हुई है और हालात की गंभीरता को देखते हुए केंद्र सरकार और गृह मंत्रालय भी पूरी तरह से सतर्क हैं और स्थिति की निगरानी कर रहे हैं।
केंद्र सरकार ने पर्याप्त संख्या में केंद्रीय बलों की तैनाती कर दी है। राज्यपाल बोस ने कहा कि कानून-व्यवस्था की स्थिति की समीक्षा के लिए बीएसएफ और स्थानीय पुलिस सहित सभी प्रवर्तन एजेंसियों से रिपोर्ट प्राप्त की गई है। केंद्र सरकार ने पर्याप्त संख्या में केंद्रीय बलों की तैनाती कर दी है और जरूरत पड़ने पर और अधिक बल तैनात करने के लिए तैयार है। फिलहाल बीएसएफ की नौ कंपनियां तैनात हैं और इसके अतिरिक्त सीआरपीएफ, आरपीएफ और आरआईएफ भी किसी भी स्थिति से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार हैं। राज्य पुलिस भी केंद्रीय बलों के साथ मिलकर क्षेत्र में सक्रिय है और उपद्रवियों की गिरफ्तारी की जा रही है।संकट में फंसे लोगों को केंद्रीय बलों की ओर से समय पर मदद पहुंचाई जा रही है। राज्यपाल ने कहा कि संकट में फंसे लोगों को केंद्रीय बलों की ओर से समय पर मदद पहुंचाई जा रही है। उन्होंने चेतावनी दी कि जो लोग हिंसा फैला रहे हैं और उनके संरक्षक हैं, उन्हें यह समझ लेना चाहिए कि अब यह एक लड़ाई होने जा रही है। अब हिंसा और अपराध के खिलाफ सख्ती से कार्रवाई की जाएगी और किसी को भी कानून हाथ में लेने की अनुमति नहीं दी जाएगी।यह लड़ाई सिर्फ कानून-व्यवस्था की नहीं, बल्कि अन्याय और हिंसा के खिलाफ समाज की लड़ाई है। डॉ. बोस ने यह भी कहा कि यह लड़ाई सिर्फ कानून-व्यवस्था की नहीं, बल्कि अन्याय और हिंसा के खिलाफ समाज की लड़ाई है। उन्होंने जोर देकर कहा कि अदालतें, सरकार और समाज के सभी जिम्मेदार और सजग नागरिक एकजुट होकर इन अपराधियों को खत्म करने के लिए कड़ा रुख अपना चुके हैं। ( कोलकाता से अशोक झा )
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