बांग्लादेश के दिनाजपुर में तालाब से भगवान विष्णु की एक प्रतिमा मिली है। धरती के नीचे भगवान विष्णु की मूर्ति मिलने की घटना से जिले में कौतूहल का माहौल है।यह पहली बार नहीं है, जब बांग्लादेश में धरती के नीचे से भगवान विष्णु की कोई मूर्ति निकली है।पिछले 4 साल में देश के 4 अलग-अलग हिस्सों से भगवान विष्णु की प्रतिमाएं मिलने की खबर आई हैं। बांग्लादेशी सूत्रों की मुताबिक दिनाजपुर के नवाबगंज इलाके में एक तालाब की खुदाई चल रही थी। इसी दौरान 29 इंच और 13 इंच चौड़ी भगवान विष्णु की प्रतिमा बाहर निकली। प्रतिमा के बाहर निकलते ही तालाब के आसपास लोगों की भीड़ लग गई।
27 किलो वजनी है भगवान विष्णु की प्रतिमा: रिपोर्ट के मुताबिक विष्णु की इस प्रतिमा का वजन 27 किलो है। भगवान विष्णु के साथ-साथ प्रतिमा में माता लक्ष्मी की तस्वीर भी उकेरी गई है।दिलचस्प बात है कि बुलडोजर से खुदाई होने के बावजूद प्रतिमा के किसी भी हिस्से में टूट नहीं हुई। स्थानीय पुलिस के मुताबिक प्रतिमा को कब्जे में लेकर कोषागर में भेजा गया है। यहां से पुरातत्व विभाग के पास इस प्रतिमा को भेजा जाएगा। पुरातत्व विभाग प्रतिमा की जांच कर बताएगी कि आखिर यह मूर्ति कब की है?इससे पहले साल 2023 में बांग्लादेश के फरीदपुर में भगवान विष्णु की एक प्रतिमा मिली थी। इस मूर्ति का वजन 32 किलो था. 2021 के अगस्त में बांग्लादेश में 1000 साल पुरानी भगवान विष्णु की प्रतिमा चुकी है।
बार-बार धरती से क्यों निकल रहे भगवान विष्णु?: वर्तमान में बांग्लादेश के जिस जगह से भगवान विष्णु की प्रतिमा निकली है, वहां पर एक राजमहल है। यहां सालों पहले हिंदू धर्म का राजा रहता था, जो भगवान विष्णु का उपासक था। कहा जा रहा है कि उसके राजमहल की प्रतिमा ही तालाब के नीचे चली गई होगी।बांग्लादेश 1947 से पहले भारत का हिस्सा था। 1947 से 71 तक ये प्रांत पाकिस्तान के अधीन आ गया। 1971 में बांग्लादेश अलग राष्ट्र के रूप में मान्यता मिली।बांग्लादेश में पहले बंगाली हिंदू परिवार के लोग रहते थे। जो भगवान विष्णु के उपासक थे।इनकी आबादी जैसे-जैसे घटती गई, वैसे-वैसे वहां मंदिर टूटे और भगवान की मूर्ति धरती के नीचे चली गई। अब जमीन के नीचे खुदाई से ये मूर्तियां बाहर निकल रही है। ( बांग्लादेश बोर्डर से अशोक झा )
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