देश के गृह मंत्री अमित शाह ने श्रीनगर में पहलगाम के मृतकों को श्रद्धांजलि दी। हमले में जिन 26 लोगों की जान गई, उनमें विभिन्न राज्यों के नागरिक शामिल हैं:सुशील नथली - इंदौर, मध्य प्रदेश सैयद आदिल हुसैन शाह - पहलगाम, जम्मू-कश्मीर,हेमंत सुहास जोशी - मुंबई, महाराष्ट्र,विनय नरवाल - करनाल, हरियाणा, अतुल श्रीकांत मोनी - डोंबिवली, महाराष्ट्र, नीरज उधवानी - उत्तराखंड, बितान अधिकारी - कोलकाता, पश्चिम बंगाल, सुदीप न्यौपाने - नेपाल, शुभम द्विवेदी - कानपुर, उत्तर प्रदेश, प्रशांत कुमार सतपथी - ओडिशा, मनीष रंजन - बिहार, एन. रामचंद्र - कोच्चि, केरल, संजय लक्ष्मण लाली - ठाणे, महाराष्ट्र, दिनेश अग्रवाल - चंडीगढ़समीर गुहार - कोलकाता, पश्चिम बंगाल, दिलीप दसाली - पनवेल, महाराष्ट्रजे. सच्चंद्र मोली - विशाखापट्टनम, आंध्र प्रदेश,मधुसूदन सोमिसेट्टी - बेंगलुरु, कर्नाटक, संतोष जगधा - पुणे, महाराष्ट्र, मंजू नाथ राव - कर्नाटककस्तूबा गवंटोये - पुणे, महाराष्ट्र, भरत भूषण - बेंगलुरु, कर्नाटक, सुमित परमार - भावनगर, गुजरात, यतेश परमार - भावनगर, गुजरात ,तगेहायलिंग - अरुणाचल प्रदेश (वायुसेना कर्मचारी), शैलेशभाई एच. हिमतभाई कलाठिया - सूरत, गुजरात
है।
अमित शाह आतंकी हमले में घायल हुए लोगों से भी अस्पताल जाकर मुलाकात करेंगे। बता दें कि इस हमले के बाद अमित शाह ने एक बड़ी बैठक की थी, जिसमें मनोज सिन्हा और सीएम उमर अब्दुल्ला मौजूद थे। इस घटना को लेकर देशभर में आक्रोश है। जहां हमले के खिलाफ पूरा जम्मू कश्मीर बंद है वही आज सिलीगुड़ी में विहिप की ओर से हिंदू हुंकार रैली निकाली जाएगी। विहिप के जिला उपाध्यक्ष सह प्रवक्ता सुशील रामपुरिया ने कहा कि नैनो में नीर है ,हृदय में पीर है। भारत के बहुसंख्यक समाज हिन्दुओ पर क्रूरतापूर्वक कायराना हमला जो पहलगाम में हुआ जिसमे 26 लोगों की हत्या कर दी गई अति निंदनीय और दुःखजनक है और चिंताजनक भी है की धर्म के आधार पर हत्या की गई और क्रूर हमले को अंजाम दिया गया। इसका जवाब भारत को देना होगा। देश की जनता सरकार के साथ है।
दो आतंकियों को मार गिराया, आतंकियों के पास से IED, एके राइफल बरामद: भारतीय सेना की चिनार कॉर्प्स ने जानकारी दी कि 23 अप्रैल 2025 को लगभग 2-3 आतंकवादियों ने उरी नाला, बारामूला में सरजीवन के सामान्य क्षेत्र से घुसपैठ करने की कोशिश की। एलसी पर सतर्क टीपीएस ने उन्हें चुनौती दी और उन्हें रोक दिया, जिसके परिणामस्वरूप गोलीबारी हुई। एनकाउंटर में मारे गए आतंकियों के पास से आईईडी सामग्री,दो एके राइफल और एक पिस्तौल बरामद की गई।
कश्मीर पूरी तरह बंद: घाटी में पूर्ण बंद के बारे में एएनआई से बात करते हुए, कश्मीर ट्रेडर्स एंड मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन के महासचिव बशीर अहमद कोंगपोश ने कहा कि पूर्ण बंद का उद्देश्य पहलगाम आतंकी हमले की कड़ी निंदा और विरोध प्रदर्शित करना है।कोंगपोश ने कहा, "कल हुई दिल दहला देने वाली घटना के बाद, कश्मीर व्यापारी और निर्माता संघ आज पूरी तरह बंद रहेगा. हमने इसका विरोध किया है और इस कृत्य की यथासंभव कड़ी निंदा करते हैं. इस्लाम ऐसी चीजों की इजाजत नहीं देता, जिसमें लोग मारे जाएं... यह मानवता की मौत है... हम वास्तव में इन कृत्यों के खिलाफ हैं... कल हमने बंद पर एक बैठक की थी... हम इन कृत्यों को क्षेत्र से दूर रखना चाहते हैं... एकजुटता दिखाते हुए, हमने हमले के जवाब में पूर्ण बंद का आह्वान किया है." पुंछ में व्यापारिक समुदायों ने भी कल हुए आतंकी हमले के जवाब में पूर्ण बंद का आह्वान करते हुए विरोध प्रदर्शन किया. राजस्थान के एक पर्यटक अंकित माहेश्वरी ने कहा कि कश्मीर में इस तरह का बंद देखना दुर्लभ है; हालांकि, उन्होंने कहा कि बंद के बावजूद स्थानीय लोग बहुत सहायक रहे हैं. उन्होंने कहा, "यह एक बड़ी घटना है और यह बहुत दुखद है. ऐसा नहीं होना चाहिए, क्योंकि यह एक बहुत ही खूबसूरत जगह है, लेकिन यह बहुत दुखद है।ऐसा पर्यटकों के साथ पहले कभी नहीं हुआ और अब यह पहली बार हुआ है। इसकी निंदा की जानी चाहिए और ऐसा बहुत कम होता है कि कश्मीर बंद हो... लेकिन यहां के स्थानीय लोग बहुत सहायक हैं और बंद के बावजूद बहुत कुछ कर रहे हैं." श्रीनगर के निवासी आशिक हुसैन ने इस बात पर जोर दिया कि यह हमला "मानवता की हत्या" है और उन्होंने सवाल उठाया कि ऐसी घटनाएं क्यों होती हैं, क्योंकि इससे इस जगह का नाम खराब होता है. हुसैन ने कहा, "पहलगाम में पर्यटकों पर हमला होने की खबर अच्छी बात नहीं है, क्योंकि यह मानवता की हत्या है... यह स्पष्ट नहीं है कि अब ऐसी घटनाएं क्यों हो रही हैं।वर्तमान में पर्यटन अपने चरम पर है, लेकिन आप जल्द ही इसका असर देखेंगे. इस स्थिति से हमारा नाम खराब हो रहा है, जो पूरी दुनिया में खराब हो रही है. अगर कोई गलती कर रहा है, तो हमारा नाम खराब हो रहा है. हम नहीं चाहते कि ऐसी चीजें हों. यह बिल्कुल गलत है... हम सभी कश्मीरी इस समय उनके (पीड़ितों के) दर्द के साथ हैं." इससे पहले मंगलवार को जम्मू-कश्मीर के कई राजनीतिक दलों ने पहलगाम आतंकी हमले की निंदा करने और पीड़ित परिवारों के साथ एकजुटता दिखाने के लिए बुधवार को कश्मीर बंद के आह्वान को अपना समर्थन दिया है।जम्मू-कश्मीर नेशनल कॉन्फ्रेंस (जेकेएनसी) ने लोगों से बंद को "पूरी तरह सफल" बनाने और पहलगाम आतंकी हमले की निंदा करने में शामिल होने की अपील की है. एक्स पर एक सोशल मीडिया पोस्ट में जेकेएनसी ने लिखा, "पार्टी अध्यक्ष के निर्देश पर, जेकेएनसी पहलगाम आतंकी हमले की कड़ी निंदा करते हुए बंद के सामूहिक आह्वान में शामिल है. हम जम्मू-कश्मीर के लोगों से अपील करते हैं कि वे धार्मिक और सामाजिक नेताओं द्वारा आहूत हड़ताल को पूरी तरह सफल बनाएं." जम्मू-कश्मीर पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने पीड़ितों के परिवारों के साथ एकजुटता व्यक्त की है और बंद का समर्थन करते हुए इसे "हम सभी पर हमला" बताया है।जम्मू-कश्मीर छात्र संघ (जेकेएसए) ने इस हमले को "जम्मू-कश्मीर की आत्मा पर हमला" बताया है और बंद को अपना समर्थन भी दिया है. ऑल पार्टीज हुर्रियत कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष मीरवाइज उमर फारूक ने जम्मू-कश्मीर के लोगों से बंद का समर्थन करने और "जघन्य अपराध" के खिलाफ शांतिपूर्ण तरीके से विरोध करने का आग्रह किया. इस बीच, भारतीय सेना और जम्मू-कश्मीर पुलिस ने हमले के अपराधियों को पकड़ने के लिए बैसरन, पहलगाम, अनंतनाग के सामान्य क्षेत्र में तलाशी अभियान शुरू किया है। पहलगाम हमले के पीछे पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के एक फ्रंट टीआरएफ यानी 'द रेजिस्टेंस फ्रंट' है। पहलगाम हमले का मास्टरमाइंड: सूत्रों से पता चला है कि आतंकी सैफुल्लाह कसूरी जम्मू-कश्मीर में लश्कर और टीआरएफ की आतंकी गतिविधियों के पीछे का दिमाग है और वह इन हमलों का मास्टरमाइंड है। पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में स्थित दो आतंकवादी भी जांच के घेरे में हैं। अधिकारियों का कहना है कि हमला पूर्व नियोजित था और हमलावरों ने कई दिन पहले ही घटनास्थल की रेकी कर ली थी। कौन है सैफुल्लाह कसूरी: सैफुल्लाह साजिद जट्ट, जिसे सैफुल्लाह कसूरी के नाम से भी जाना जाता है, पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के शांगमंगा गांव का निवासी है। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने उसे "कट्टर आतंकवादी" करार दिया है, जो वर्तमान में इस्लामाबाद में लश्कर-ए-तैयबा एक प्रमुख कमांडर और डिप्टी चीफ है। कसूरी आतंकवाद से जुड़ी गतिविधियों में अपनी संलिप्तता को छिपाने के लिए चैरिटी और धार्मिक मुखौटों का इस्तेमाल करता है। लश्कर का ये कमांड, पाकिस्तान की आईएसआई और पाकिस्तानी सेना के प्रमुख लोगों के साथ घनिष्ठ संबंध बनाए रखने के लिए जाना जाता है।सैफुल्लाह कसूरी का आतंक की दुनिया में परिचय:लश्कर-ए-तैयबा से जुड़ाव: सैफुल्लाह ने 2000 के दशक की शुरुआत में लश्कर को जॉइन किया, और उसकी ट्रेनिंग खुद पाकिस्तान में हुई, जिसका मतलब है उसे संगठित आतंकवाद की गहराई से समझ है। हाफिज सईद से सीधा संपर्क: इससे यह संकेत मिलता है कि वह आतंकी नेटवर्क की ऊंची पायदान पर रहा है और उच्च स्तर के आतंकी ऑपरेशनों में उसकी भागीदारी रही है। हाफिज सईद का काफी करीबी माना जाता है।
पुंछ-राजौरी और POK में सक्रियता: साजिद भारत के पुंछ--राजौरी और पीओके में सक्रिय रहा है। जो यह दर्शाता है कि वह न केवल ऑपरेशनल था बल्कि भारतीय सीमा के पास आतंकियों की मूवमेंट और प्लानिंग का प्रमुख चेहरा भी रहा है।
TRF और PAFF जैसे प्रॉक्सी संगठन: ये नए नाम आतंकी हमलों की जिम्मेदारी से बचने की रणनीति के तहत बनाए गए, ताकि सीधे तौर पर जैश-ए-मोहम्मद या लश्कर का नाम सामने न आए।पहलगाम आतंकी हमला: बता दें कि कल यानि कि मंगलवार 22 अप्रैल 2025 को पहलगाम के बाइसरण घाटी में पर्यटकों पर हुए हमले में कम से कम 26 लोग मारे गए और 20 से अधिक घायल हुए। यह हमला कश्मीर घाटी में वर्षों में हुआ सबसे भीषण नागरिक हमला है। इस हमले के पीछे पाकिस्तानी आतंकियों के नाम सामने आ रहे हैं। हमले के बाद सेना आतंकियों को पकड़ने के लिए सर्च ऑपरेशन चला रही है। ( नई दिल्ली से अशोक झा )
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