वक्फ कानून के खिलाफ पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद में भड़की हिंसा को लेकर बीजेपी ममता सरकार पर हमलावर है। इस बीच पुरुलिया से बीजेपी सांसद ज्योतिर्मय सिंह महतो ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को पत्र लिखकर पश्चिम बंगाल के कुछ सीमावर्ती जिलों को आर्म्ड फोर्स (स्पेशल पॉवर्स) एक्ट के तहत 'अशांत क्षेत्र' घोषित करने की मांग की है। पुलिस गांवों का भी दौरा कर रही है। रात भर चले तलाशी अभियान में कई लोगों को गिरफ्तार किया गया। इस बीच मुर्शिदाबाद सहित चार डिस्टर्ब जिलों में AFSPA लगाने की मांग उठी है। पुरुलिया से भाजपा सांसद ज्योतिर्मय सिंह महतो ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को पत्र लिखकर बंगाल में AFSPA लगाने की मांग की. उन्होंने एक्स हैंडल पर पोस्ट कर लिखा कि राज्य में हिंदुओं का खून बह रहा है।उन्होंने कहा कि मुर्शिदाबाद, मालदा, नादिया, दक्षिण 24 परगना - हिंदुओं पर हमला किया गया, घरों को लूटा गया. टीएमसी के तुष्टीकरण से कानून और व्यवस्था विफल हो गई है. कश्मीरी पंडितों की तरह बंगाली हिंदुओं का भी शिकार किया जा रहा है. उन्होंने केंद्रीय गृह मंत्री से मांग की कि 1958 अधिनियम की धारा 3 के तहत आफ्सा लगाई जाये। संवेदनशील इलाकों में सेंट्रल फोर्स का रूट मार्च: दूसरी ओर, केंद्रीय बलों और राज्य पुलिस ने रविवार सुबह से मुर्शिदाबाद के संवेदनशील इलाकों में संयुक्त रूट मार्च करने का फैसला किया है। सभी संगठनों के साथ शांति बैठक आयोजित करने की योजना है। मुर्शिदाबाद में अब तक कुल 150 से अधिक गिरफ्तारियां हो चुकी हैं। कानून व्यवस्था ध्वस्त हो चुकी है और हिंदुओं को निशाना बनाया जा रहा है। पश्चिम बंगाल की पुरुलिया लोकसभा सीट से सांसद ज्योतिर्मय सिंह महतो ने गृह मंत्री को भेजे पत्र में लिखा कि 'बंगाल के कई जिलों में, खासकर मुर्शिदाबाद में हालात बेहद चिंताजनक हैं। कानून व्यवस्था ध्वस्त हो चुकी है और हिंदुओं को निशाना बनाया जा रहा है।पश्चिम बंगाल में वक्फ कानून के विरोध में हो रहे विरोध प्रदर्शनों के चलते हिंसा की चपेट में है। इस बीच भाजपा सांसद ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को पत्र लिखकर बंगाल के सीमावर्ती जिलों में अफस्पा कानून लागू करने की मांग कर दी है।भाजपा सांसद ज्योतिर्मय सिंह महतो ने यह मांग की है। उन्होंने पत्र में लिखा है कि बंगाल के सीमावर्ती जिलों को अफस्पा कानून के तहत अशांत इलाके घोषित कर देना चाहिए क्योंकि इन जिलों में हिंदुओं पर बार-बार हमले हो रहे हैं। पश्चिम बंगाल की पुरुलिया लोकसभा सीट से सांसद ज्योतिर्मय सिंह महतो ने गृह मंत्री को भेजे पत्र में लिखा कि 'बंगाल के कई जिलों में, खासकर मुर्शिदाबाद में हालात बेहद चिंताजनक हैं। कानून व्यवस्था ध्वस्त हो चुकी है और हिंदुओं को निशाना बनाया जा रहा है।तुष्टिकरण की राजनीति के चलते टीएमसी सरकार कोई कार्रवाई नहीं कर रही है।' सांसद ने दावा किया कि 'मुर्शिदाबाद जिले में ही हिंदू समुदाय की 86 से ज्यादा दुकानों और मकानों में लूटपाट और तोड़फोड़ हुई है। ऐसी ही घटनाएं माल्दा, नादिया और दक्षिण 24 परगना में हुई हैं। यहां बार-बार सांप्रदायिक दंगे हो रहे हैं।विपक्षी नेताओं को हिंसा प्रभावित इलाकों में जाने नहीं दिया जा रहा। कलकत्ता उच्च न्यायालय ने दखल दिया है और उसके बाद हिंसा प्रभावित इलाकों में केंद्रीय बलों की तैनाती हो सकी है। इससे राज्य में कानून व्यवस्था की स्थिति का सही अंदाजा लगाया जा सकता है।' वक्फ कानून के विरोध की आड़ में पश्चिम बंगाल में पिछले तीन दिन से जमकर हिंसा हो रही है। मुर्शिदाबाद में वक्फ एक्ट को लेकर भड़की हिंसा में तीन लोगों की मौत हुई है। मामला सिर्फ स्थानीय स्तर पर नहीं बल्कि पूरे राज्य और केंद्र सरकार के बीच तनाव का कारण बन गया है. प्रशासन ने स्थिति को नियंत्रण में लाने के लिए कई बड़े कदम उठाए हैं और अब केंद्रीय सुरक्षा बलों को तैनात किया गया है। हिंसा में तीन की मौत, 150 गिरफ्तार: मुर्शिदाबाद के सुती और शमशेरगंज क्षेत्रों में हुए विरोध-प्रदर्शनों के बाद हिंसा भड़क गई. इनमें एक पिता-पुत्र समेत तीन लोगों की हत्या हो गई. पुलिस ने बताया कि शमशेरगंज में एक घर में पिता और बेटे के शव मिले, जिनके शरीर पर चाकू के निशान थे. वहीं, सुती में 21 वर्षीय एक युवक की गोली लगने से मौत हो गई. हिंसा को बढ़ता देख पुलिस ने अब तक 150 से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार किया है। बीएसएफ और केंद्रीय बलों की तैनाती: स्थिति को काबू में करने के लिए पश्चिम बंगाल में बीएसएफ की 8 कंपनियां तैनात की गई हैं. इस आदेश को कलकत्ता हाईकोर्ट ने जारी किया, जिसमें सुरक्षा की स्थिति को लेकर गंभीर चिंता जताई गई. कोर्ट ने केंद्र और राज्य से 17 अप्रैल तक स्थिति पर विस्तृत रिपोर्ट देने को कहा है।ममता बनर्जी ने किया कानून के खिलाफ ऐलान: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने शनिवार को स्पष्ट किया कि राज्य में वक्फ (संशोधन) अधिनियम लागू नहीं होगा. उन्होंने कहा कि यह कानून केंद्र सरकार ने बनाया है और राज्य सरकार इसका समर्थन नहीं करती. ममता ने प्रदर्शनकारियों से शांति बनाए रखने की अपील की और कहा कि धर्म के नाम पर कोई हिंसा नहीं होनी चाहिए।राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप और विपक्षी नेताओं की प्रतिक्रिया: बीजेपी के नेता सुवेंदु अधिकारी ने ममता बनर्जी पर निशाना साधते हुए कहा कि स्थिति पूरी तरह से पुलिस के नियंत्रण से बाहर हो गई है. उन्होंने दावा किया कि बंगाल में हिंदू सुरक्षित नहीं हैं और तुष्टीकरण की राजनीति हो रही है. वहीं, ममता बनर्जी ने इसे राजनीति से प्रेरित करार दिया और कहा कि कुछ लोग धर्म का इस्तेमाल राजनीतिक फायदे के लिए कर रहे हैं। स्थानीय मुस्लिम धर्मगुरु का संदेश: वहीं, मुस्लिम धर्मगुरु मौलाना शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी ने मुस्लिम समुदाय से अपील की कि वे वक्फ संशोधन कानून को लेकर उग्र प्रदर्शन न करें. उनका कहना था कि यह बिल मुस्लिम समुदाय के हित में है और इससे मस्जिदों, मदरसों और अन्य धार्मिक स्थलों पर कोई खतरा नहीं है।
केंद्रीय गृह सचिव की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग: केंद्रीय गृह सचिव गोविंद मोहन ने भी मुर्शिदाबाद हिंसा पर पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव और डीजीपी के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंस की. उन्होंने राज्य सरकार को सुरक्षा सुनिश्चित करने और सामान्य स्थिति बहाल करने के लिए हरसंभव सहायता देने का आश्वासन दिया. वर्तमान में मुर्शिदाबाद के कई हिस्सों में निषेधाज्ञा लागू कर दी गई है और इंटरनेट सेवाएं भी बंद कर दी गई हैं. पुलिस ने हिंसा फैलाने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की चेतावनी दी है और मामले की गंभीरता को देखते हुए केंद्र सरकार भी स्थिति पर निगरानी रखे हुए है। 0बंगाल हिंसा के बीच बंगाल के बहरामपुर सीट से TMC सांसद और पूर्व क्रिकेटर यूसुफ पठान ने सोशल मीडिया पर कुछ ऐसा पोस्ट कर दिया, जिसको लेकर बवाल मच गया है।टीएमसी सांसद युसुफ पठान ने दो दिन पहले यानी शुक्रवार को इंस्टाग्राम पर कुछ तस्वीरें शेयर की हैं। जिनमें वह चाय पीते और पेड़ के नीचे बैठकर मौसम का मजा लेते नजर आ रहे हैं। उन्होंने तस्वीरें शेयर करते हुए लिखा, 'सुकून भरी दोपहर, अच्छी चाय और शांत वातावरण। बस पल का आनंद ले रहा हूँ।' इस पोस्ट के बाद युसुफ पठान लोगों के निशाने पर आ गए हैं। इसके अलावा, भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने भी उनकी आलोचना की है। शहजाद पूनावाला ने कहा, 'ममता बनर्जी ने यूसुफ पठान नामक क्रिकेटर को कहीं से उठाकर टिकट दे दिया और वोट बैंक ने उसे बहरामपुर में जिताया और आज जब बंगाल जल रहा है, हिंदुओं को चुन-चुनकर मारा जा रहा है, यूसुफ पठान चाय की चुस्की का आनंद ले रहे हैं…यही टीएमसी की प्राथमिकता है कि पठान साहब चाय पिएंगे और आनंद लेंगे जबकि बंगाल जल रहा है और दास परिवार मारा जा रहा है। कुणाल घोष के आरोप पर आग बबूला भाजपा: बंगाल के मुर्शिदाबाद में हिंसा के बीच अब सियासत शुरू हो गयी है। तृणमूल नेता कुणाल घोष ने रविवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में विस्फोटक दावा किया। उन्होंने कहा कि बीएसएफ की एक टुकड़ी की मदद से अशांति फैलाने और आगजनी करने के लिए हमलावरों को सीमा पार से लाया जा रहा है।कुछ राजनीतिक दल, कुछ केंद्रीय एजेंसियों के साथ मिलकर, बंगाल को बदनाम करने के लिए अशांति पैदा कर रहे हैं. उन्होंने मुर्शिदाबाद अशांति की उचित जांच की मांग की। कुणाल घोष ने कहा, “विरोध प्रदर्शन, सभा, जुलूस लोकतांत्रिक तरीके से हो सकते हैं. जिन जगहों पर हिंसक घटनाएं हुई हैं, वहां आरोप है कि बंगाल को बदनाम करने, मुद्दे उठाने और भड़काने के लिए बीएसएफ की एक टुकड़ी की मदद से कुछ आपत्तिजनक हमलावरों को सीमा से लाया गया है. इलाके के लोग उपद्रव करने वाले चेहरों के मूल आरोपी को नहीं पहचान पा रहे हैं. उपद्रव करने वालों को गिरफ्तार किया जा रहा है।
कुणाल घोष ने बीएसएफ पर साधा निशाना: कुणाल घोष ने बीएसएफ के एक वर्ग को भी कटघरे में खड़ा किया है. कुणाल घोष ने यह भी आरोप लगाया कि हमलावर बीएसएफ की मदद से बंगाल में घुस रहे हैं और हमला करने के बाद भाग रहे हैं।कुणाल घोष ने कहा, “आरोप है कि कुछ राजनीतिक दलों ने केंद्र की कुछ एजेंसियों के साथ मिलकर या उस एजेंसी के प्रबंधन के तहत एक गुप्त ब्लूप्रिंट के माध्यम से उपद्रवियों की घुसपैठ कराने, अराजकता पैदा करने और उन्हें हटाने के लिए बीएसएफ की एक टुकड़ी का इस्तेमाल किया।बंगाल में अशांति के लिए भाजपा जिम्मेदार: कुणाल का दावा है, “जिन लोगों ने उपद्रव मचाया, उन्हें ढूंढा नहीं जा सकता. लोग उन्हें पहचान नहीं सकते हैं, वे ही हैं जिन्होंने लोगों को गुस्सा दिलाया, वे ही हैं जिन्होंने आग लगाई। उन्होंने इस अशांति के लिए सीधे तौर पर भाजपा को जिम्मेदार ठहराया है। कुणालघोष ने कहा, “इस उकसावे में मत आइए. यह भाजपा का एजेंडा है. हम इस आरोप की सच्चाई जानने के लिए जांच की मांग कर रहे हैं. यह एक गहरी साजिश है। हालांकि, बीएसएफ खुफिया अनुमानों से पता चलता है कि मुर्शिदाबाद-मालदा में अशांति के पीछे बांग्लादेश के नवाबगंज के कट्टरपंथी भी हो सकते हैं. इसे पहले ही आईजी को सौंप दिया गया है। ( कोलकाता से अशोक झा )
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