- बीएसएफ की पांच कंपनियों को किया गया तैनात , सवाल यह क्या बंगाल से हिंदुओं को करना पड़ेगा पलायन ?
पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद में वक्फ कानून को लेकर हुए विरोध प्रदर्शन ने हिंसक रूप ले लिया है। इस हिंसा में अब तक तीन लोगों की मौत हो चुकी है। अब केंद्र सरकार ने पश्चिम बंगाल की ममता बनर्जी सरकार को हिंसा से निपटने के लिए हर संभव मदद का आश्वासन दिया है। हाई कोर्ट ने इससे पहले बड़ा आदेश देते हुए हिंसा वाले क्षेत्रों में केंद्रीय बलों (CRPF and CAPF) की तैनाती का आदेश दिया है।वक्फ कानून के खिलाफ हो रहे प्रदर्शन ने मुर्शिदाबाद में उग्र रूप ले लिया। भीड़ द्वारा पिता-पुत्र की हत्या समेत अबतक 3 लोगों की मौत हो चुकी है। इस पर केंद्र सरकार ने मुर्शिदाबाद में पैरामिलिट्री फोर्स की 16 कंपनियां भेज दी हैं। हिंसक घटना के बीच DGP राजीव कुमार मुर्शिदाबाद पहुंचे। साथ ही बीएसफ के जवानों ने रूट मार्च निकाला।इस बीच केंद्रीय गृह मंत्रालय ने शनिवार को वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव और डीजीपी के साथ बातचीत की। पश्चिम बंगाल के डीजीपी ने बताया कि स्थिति तनावपूर्ण है, लेकिन कंट्रोल में है। इसकी कड़ी निगरानी की जा रही है। डीजीपी ने यह भी कहा कि वह स्थानीय स्तर पर तैनात बीएसएफ की मदद ले रहे हैं और 150 से अधिक व्यक्तियों को गिरफ्तार किया गया है। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने संवेदनशील जिलों में कड़ी नजर रखने को कहा: केंद्रीय गृह सचिव गोविंद मोहन ने कहा कि मुर्शिदाबाद में स्थानीय रूप से उपलब्ध बीएसएफ के 300 जवान के साथ राज्य सरकार के अनुरोध पर पैरामिलिट्री फोर्स की 5 कंपनियों को तैनात किया गया है। उन्होंने राज्य प्रशासन को अन्य संवेदनशील जिलों पर भी कड़ी नजर रखने के लिए कहा और जल्द से जल्द सामान्य स्थिति सुनिश्चित करने के लिए पर्याप्त कदम उठाने की सलाह दी।
वहीं, हिंसा को लेकर 100 से ज्यादा लोगों की गिरफ्तारी भी हो चुकी है। BSF की 5 और कंपनियां की तैनात: मुर्शिदाबाद में पहले से ही BSF के 300 जवान तैनात हैं। इसके अलावा हिंसा के बाद हालातों को देखते हुए केंद्र सरकार ने शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए 5 और टीमें भेजी हैं। इस बारे में जानकारी देते हुए आईजीपी दक्षिण बंगाल फ्रंटियर BSF करणी शेखावत ने बताया, "हमने अपनी 5 टीमें भेजी हैं और वे सभी पुलिस के साथ हैं। हम स्थिति कंट्रोल करने के लिए मदद करेंगे। हम पुलिस की मदद के लिए आए हैं उनके साथ हम काम कर रहे हैं। हमें उम्मीद है कि यहां जल्दी ही शांति बहाल हो जाएगी। भाजपा नेता शुभेंदु
अधिकारी की यह टिप्पणी वक्फ (संशोधन) अधिनियम के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के दौरान मुर्शिदाबाद में भीड़ द्वारा की गई हिंसा में तीन लोगों की मौत के बाद आई है।जिसमें अब तक 3 लोगों की मौत के साथ ही लाखों करोड़ की संपत्ति भी स्वाह हो चुकी है। इसी बीच कलकत्ता हाई कोर्ट के आदेश के बाद बीएसएफ ने अपनी 5 कंपनियों को मुर्शिदाबाद में तैनात किया है। यह तैनाती हालात को कंट्रोल करने में राज्य पुलिस की मदद करने के लिए की गई है। BSF की 5 कंपनियां तैनात- IG: बीएसएफ के आईजी (साउथ बंगाल फ्रंटियर) करणी सिंह शेखावत ने यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि बीएसएफ पुलिस के साथ समन्वय बनाकर काम करेगी।इस दौरान क्षेत्र में शांति बहाल करने करने के लिए वह राज्य प्रशासन की मांग पर और बल भेजने को तैयार है। मीडिया से बात करते हुए शेखावत ने कहा, 'हमें इस स्थिति में पुलिस के साथ मिलकर काम करना होगा। इसके लिए हमने अपनी पांच कंपनियां मुर्शिदाबाद भेजी हैं. हम यहां पुलिस की मदद करने आए हैं, स्वतंत्र कार्रवाई के लिए नहीं. हम राज्य पुलिस की मांग के अनुसार काम करेंगे। हमें उम्मीद है कि यहां जल्द ही शांति बहाल हो जाएगी। अगर पुलिस को और कंपनियों की जरूरत होगी, तो हम उन्हें मुहैया कराएंगे। बीएसएफ हर स्थिति के लिए तैयार है।कोर्ट के फैसले का स्वागत- राज्यपाल: कलकत्ता उच्च न्यायालय द्वारा प्रभावित क्षेत्र में केंद्रीय बलों की तैनाती के आदेश के बाद शेखावत हिंसा प्रभावित क्षेत्र पहुंचे. हाल ही में पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सी.वी. आनंद बोस ने पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद में हुए दंगों पर चिंता व्यक्त की और कहा कि उन्हें खुशी है कि कलकत्ता हाई कोर्ट ने मामले में हस्तक्षेप करते हुए उचित निर्णय दिया है।शनिवार को कलकत्ता उच्च न्यायालय की एक विशेष पीठ ने वक्फ (संशोधन) अधिनियम के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के दौरान जिले में व्यापक हिंसा के मद्देनजर मुर्शिदाबाद में "तत्काल" केंद्रीय बलों की तैनाती का आदेश दिया, जिसके परिणामस्वरूप अब तक तीन मौतें हुई हैं। 'हालात कंट्रोल करने में मिलेगी मदद': पश्चिम बंगाल में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी की ओर से हाई कोर्ट में पीआईएल दाखिल करने वाले एडवोकेट अनीश मुखर्जी ने केंद्रीय बलों की तैनाती पर खुशी जताई है। उन्होंने कहा कि हम पिछले कई दिनों से हम पूरे पश्चिम बंगाल में, खासकर मुर्शिदाबाद जिले में व्यापक हिंसा देख रहे हैं. अब केंद्रीय बलों की तैनाती से इस पर कंट्रोल करने में मदद मिलेगी लेकिन सरकार को इस मामले के गुनहगारों को नहीं छोड़ना चाहिए।मुर्शिदाबाद में अब तक 3 लोगों की मौत: बताते चलें कि कलकत्ता हाई कोर्ट ने शनिवार को मुर्शिदाबाद जिले में वक्फ (संशोधन) अधिनियम के विरोध के नाम पर हो रही हिंसा पर कड़ा रुख अपनाते हुए मुर्शिदाबाद में "तत्काल" केंद्रीय बलों की तैनाती का आदेश दिया. उस हिंसा में अब तक तीन मौतें हो चुकी हैं. कोर्ट ने इस मामले में ममता सरकार और केंद्र दोनों को विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया. मामले की अगली सुनवाई 17 अप्रैल को होनी है। शुभेंदु अधिकारी ने कहा कि 'यहां हिंदू त्योहार मनाने के लिए अदालत जाना पड़ता है। आज भी काफी हिंसा हुई। कल दो मौतें हुईं और पुलिस फायरिंग में एक और मौत हुई। धुलियान में हिंदुओं की दुकानों को लूटा गया। स्थिति पुलिस के नियंत्रण से बाहर है। अब तक 35 पुलिसकर्मी घायल हो चुके हैं। 'ममता बनर्जी तुष्टीकरण की राजनीति कर रही हैं' उन्होंने कहा, 'ममता बनर्जी तुष्टीकरण की राजनीति कर रही हैं। मैंने पहले राज्यपाल को (बंगाल में केंद्रीय बलों की तैनाती के लिए) पत्र लिखा था, कल मैंने मुख्यमंत्री से भी अपील की। जब इन लोगों ने ऐसा नहीं किया, तो मैं आज अदालत गया। कल कॉलेज स्क्वायर में भाजपा की रैली है। जमीनी हकीकत यह है कि बंगाल में हिंदू सुरक्षित नहीं हैं, स्थिति बहुत गंभीर और नाजुक है।'मुर्शिदाबाद हिंसा अपडेट: रिपोर्ट के अनुसार, मुर्शिदाबाद में हुई झड़पों में कम से कम तीन लोग मारे गए और हिंसा के सिलसिले में 138 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया गया है। एक ताजा घटनाक्रम में, कलकत्ता उच्च न्यायालय द्वारा प्रभावित क्षेत्र में केंद्रीय बलों की तैनाती के आदेश के बाद सीमा सुरक्षा बल (BSF) के दक्षिण बंगाल फ्रंटियर के महानिरीक्षक करणी सिंह शेखावत मुर्शिदाबाद में हिंसा प्रभावित क्षेत्र पहुंचे। ( कोलकाता से अशोक झा )
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