मुंबई हमलों के आरोपी तहव्वुर राणा को दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने 18 दिन की NIA रिमांड पर भेज दिया है। इससे पहले अमेरिका से राणा का प्रत्यर्पण करके भारत लाया गया। भारत आते ही उसे गिरफ्तार कर लिया गया. पालम एयरपोर्ट के गेट नंबर 4 से उसे पटियाला कोर्ट में पहुंचाया गया .स्पेशल NIA जज चंद्रजीत सिंह की कोर्ट में तहव्वुर राणा की रिमांड पर सुनवाई हुई। वैसे NIA ने कोर्ट से तहव्वुर राणा की 20 दिन की रिमांड मांगी थी। NIA ने कोर्ट में तहव्वुर राणा के खिलाफ सारे सबूत रखे थे।NIA ने पुख्ता सबूतों का हवाला दिया: सूत्रों के मुताबिक- एनआईए ने पुलिस हिरासत की मांग करते हुए पुख्ता सबूतों का हवाला दिया, जिनमें ईमेल्स शामिल हैं. NIA ने अदालत से कहा है कि साजिश का पर्दाफाश करने के लिए आरोपी की कस्टोडियल पूछताछ जरूरी है।
NIA ने पुख्ता सबूतों का हवाला दिया: सूत्रों के मुताबिक- एनआईए ने पुलिस हिरासत की मांग करते हुए पुख्ता सबूतों का हवाला दिया, जिनमें ईमेल्स शामिल हैं. NIA ने अदालत से कहा है कि साजिश का पर्दाफाश करने के लिए आरोपी की कस्टोडियल पूछताछ जरूरी है। NIA ने यह भी कहा है कि राणा ने अन्य षड्यंत्रकारियों के साथ मिलकर आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने की आपराधिक साजिश रची.कोर्ट ने राणा से यह भी पूछा कि क्या वह खुद वकील रखना चाहते हैं या अदालत उन्हें कानूनी सहायता प्रदान करें।पालम एयरपोर्ट पर हुई कागजी कार्रवाई: पालम एयरपोर्ट पर आने के बाद काफी देर तक राणा को भारत लाने से जुड़ी कुछ कागजी कार्यवाही की जा रही थी. इसके बाद एनआईए की टीम उसे कोर्ट लेकर गई. अब राणा को एनआईए के दफ्तर ले जाया जाएगा।इन धाराओं के तहत तहब्बुर राणा को गिरफ्तार किया है: 120B,121,121A,302,468471 IPC, Section 16,18,20 of UAPA act। 11 नवम्बर 2009 को NIA ने केस दर्ज किया था । तहव्वुर राणा पर क्या हैं आरोप
तहव्वुर राणा को अमेरिका से भारत लाने में लंबी कानूनी लड़ाई के बाद उसके प्रत्यर्पण को मंजूरी दी गई. तहव्वुर साल 2008 के मुंबई आतंकी हमले के मुख्य साजिशकर्ताओं में से एक डेविड कोलमैन हेडली उर्फ दाऊद गिलानी का करीबी सहयोगी है. राणा पर कई धाराओं के तहत आरोप लगाए गए हैं, जिनमें आपराधिक साजिश, भारत सरकार के खिलाफ युद्ध छेड़ना, हत्या, जालसाजी और गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम शामिल हैं।नरेंद्र मान को केस सौंपा गया: इस बीच, केंद्र सरकार ने 26/11 मुंबई हमले से जुड़े महत्वपूर्ण मामले की सुनवाई के लिए अधिवक्ता नरेंद्र मान को विशेष लोक अभियोजक (स्पेशल पब्लिक प्रॉसिक्यूटर) नियुक्त किया है. यह नियुक्ति राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) के मामले आरसी-04/2009/एनआईए/डीएलआई और इससे संबंधित अन्य मुकदमों के संचालन के लिए की गई है. नरेंद्र मान दिल्ली में एनआईए की विशेष अदालतों और अपीलीय अदालतों में एनआईए की ओर से पैरवी करेंगे. इसकी जानकारी सरकार ने एक आधिकारिक गजट नोटिफिकेशन के जरिए दी।नरेंद्र मान की नियुक्ति इस अधिसूचना के प्रकाशन की तारीख यानी 10 अप्रैल, 2025 से शुरू होगी. यह नियुक्ति 3 साल की अवधि के लिए होगी. मान को यह जिम्मेदारी तीन साल के लिए दी गई है, जो इस नियुक्ति की अधिसूचना प्रकाशित होने की तारीख से लागू मानी जाएगी. यदि ट्रायल इससे पहले पूरा हो जाता है, तो जिम्मेदारी वहीं खत्म हो जाएगी. वहीं दिल्ली विधिक सेवा प्राधिकरण के अधिवक्ता पीयूष सचदेवा ने आरोपी तहव्वुर हुसैन राणा का प्रतिनिधित्व किया। आतंकी हमले के प्रमुख आरोपी तहव्वुर हुसैन राणा को भारत लाने की जिम्मेदारी राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) के दो वरिष्ठ अधिकारियों को सौंपी गई है। इनमें से एक इंस्पेक्टर जनरल (आईजी) रैंक के अधिकारी और दूसरी डिप्टी इंस्पेक्टर जनरल (डीआईजी) रैंक की अधिकारी हैं, जिन्होंने अमेरिका से राणा की प्रत्यर्पण प्रक्रिया को पूरा करने में अहम भूमिका निभाई।तो चलिए जानते हैं तीनों ऑफिसर्स के बारें में। 26/11 हमले के मास्टरमाइंड तहव्वुर राणा को NIA की टीम ने भारत लाया है। इस टीम में IG आशीष बन्ना, DIG जया राय और SP प्रभात कुमार शामिल थे। इन अफसरों ने अमेरिका में केस की पैरवी और भारत में सुरक्षा की तैयारियों को सुनिश्चित किया।26/11 हमलें से चर्चा तेज: बता दें कि तहव्वुर राणा का नाम उस समय से चर्चा में बना हुआ है जब भारत के मुंबई में 26/11 हमला हुआ। जिसमें कई लोगों की जान चली गईं। मास्टरमाइंड राणा को अब NIA के तीन अधिकारी भारत लेकर आए हैं। NIA के टीम में शामिल अफसरों ने न सिर्फ अमेरिका में केस की पैरवी की, बल्कि भारत में उनकी सुरक्षा और पूछताछ की तैयारियों को भी निश्चित किया।आशीष बन्ना पहला अधिकारी: राणा को भारत लाने में NIA टीम में शामिल आशीष बन्ना, जो झारखंड पुलिस कैडर के 1997 बैच के IPS अधिकारी हैं। मौजूदा समय में वो NIA की टीम में IG के पद पर कार्यरत है। इन्होने अभी ड्यूटी के दौरान जहानाबाद और रांची जैसे जगहों पर सेवाएं दी हैं।दूसरा अफसर: NIA टीम का दूसरा अफसर, एक महिला है जिनका नाम जाया राय हैं। जो साल 2011 बैच की झारखंड कैडर IPS अधिकारी हैं। DIG के पद पर कार्यरत जया मौजूदा में NIA में वरिष्ठ पब्लिक रिलेशंस अधिकारी के पद पर तैनात है। उनकी मौजूदगी में टीम को एक अलग पहचान मिली है। तीसरे अधिकारी: तीसरे अधिकारी प्रभात कुमार हैं, जो छत्तीसगढ़ कैडर के 2019 बैच के IPS हैं। NIA टीम में प्रभात SP के पद पर तैनात हैं। राणा को वापस भारत लाने के लिए प्रभात ने अमेरिका से बात की और उनके साथ मिलकर काम किया। आज जब राणा को भारत लाया जा रहा था तो दिल्ली हवाई अड्डे से NIA हेडकॉटर तक पूरे ऑपेरशन के कोऑर्डिनेटर भी थे। ( नई दिल्ली से अशोक झा की रिपोर्ट )
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