कोलकाता: बंगाल के मुर्शिदाबाद में वक्फ के खिलाफ हिंसा थमने का नाम नहीं ले रही है। शुक्रवार को फिर वक्फ कानून के खिलाफ सुती में हिंसा भड़क उठी. सरकारी बसों में आग लगा दी गई है। पुलिस ने स्थिति को नियंत्रित करने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़े।
प्रदर्शनकारियों ने सरकारी बसों के साथ-साथ कई वाहनों में आग लगा दी। पुलिस ने स्थिति को नियंत्रित करने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़े, लेकिन स्थिति अभी भी नियंत्रण से बाहर है। भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 163 सुती में लागू कर दी गई है, लेकिन इसके बावजूद विरोध-प्रदर्शन जारी है।
सड़क और रेल सेवाएं भी बाधित: वक्फ संशोधन अधिनियम, 2025 को लेकर मुर्शिदाबाद में विरोध-प्रदर्शन के दौरान कई वाहनों को आग लगा दी गई, पुलिस वैन में तोड़फोड़ की गई। इस घटना में कम से कम 10 पुलिसकर्मी घायल हो गए हैं। सड़क और रेल सेवाएं भी बाधित हुई हैं। सूती मे प्रदर्शनकारीयों ने पुलिस पर पत्थरबाजी की और सड़क से गुजरने वाली बाईक, कार और बस सहित कई अन्य वाहनों मे तोड़फोड़ कर आग के हवाले कर दिया। वहीं, शमशेरगंज और लालगोला में भी प्रदर्शन किया जा रहा है। पूरे इलाके मे तनावपूर्ण माहौल, BSF ने संभाला मोर्चा : पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता के पार्कस्ट्रीट में स्थित आलिया विश्वविद्यालय के सामने भी वक्फ बिल के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन हुआ। वहीं, मुर्शिदाबाद के लालगोला, सूती और शमशेरगंज मे भी विभिन्न मुस्लिम संगठनों ने राष्ट्रीय राज्यमार्ग 12 को जाम कर अपना विरोध जता रहे थे। जब पुलिस सड़क पर प्रदर्शन कर रहे प्रदर्शनकारीयों को हटाने पहुंची तो एक बार फिर प्रदर्शनकारी पुलिस के साथ उलझ गए और उन पर पथराव कर दिया। जवाबी कार्रवाई मे पुलिस ने भी प्रदर्शनकारीयों पर आंसू गैस के गोले छोड़े। इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने सड़क से गुजरने वाली कई वाहनों को निशाना बनाया। वाहनों मे तोड़फोड़ कर अगजनी की घटना को भी अंजाम दिया। बताया जा रहा है कि प्रदर्शनकारियों ने बम भी फेंके हैं। सूती में घटी इस घटना को लेकर पूरे इलाके में तनावपूर्ण माहौल है, जिसे देखते हुए मौके पर भारी संख्या में पुलिस बल के साथ-साथ बीएसएफ की भी तैनाती की गई है।पत्थरबाजी में 10 पुलिसकर्मी घायल: बता दें कि वक्फ अधिनियम के विरोध में पिछले कुछ दिनों से मुर्शिदाबाद में हिंसक प्रदर्शन हो रहा है। राज्य के विभिन्न हिस्सों से अशांति की तस्वीरें सामने आई हैं। शुक्रवार को सुती और शमसेरगंज इलाकों से हजारों लोग मार्च कर रहे थे। जब प्रदर्शनकारियों ने साजुर चौराहे के पास राष्ट्रीय राजमार्ग 12 को जाम करने की कोशिश की तो पुलिस ने उन्हें रोक दिया। बताया जा रहा है कि उस समय कुछ प्रदर्शनकारियों ने पुलिस पर ईंट-पत्थर भी फेंके, जिसमें करीब 10 पुलिसकर्मी घायल हो गए हैं।अशांति की आशंका को देखते हुए राज्यपाल ने हालात के बारे में मुख्यमंत्री से चर्चा की। हालांकि बातचीत का ब्यौरा गोपनीय है, लेकिन राजभवन ने पुष्टि की है कि मुख्य सचिव से संपर्क किया गया है और आश्वासन दिया है कि पुलिस बलों को प्रभावित इलाकों में व्यवस्था बहाल करने और उसे बनाए रखने के लिए सभी जरूरी कदम उठाने के निर्देश दिए गए हैं।राज्यपाल बोस ने कहा, "हमें सूचना मिली थी कि उपद्रव हो सकता है और इस बारे में मुख्यमंत्री कार्यालय से चर्चा की गई है। हम हालात पर नजर रख रहे हैं।पुलिस को सख्त निर्देश दिए गए हैं कि वह कार्रवाई करे। विरोध के नाम पर लोगों की जान से खिलवाड़ करना सही नहीं है। ऐसा करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।"उन्होंने कहा, "हमारे पास एक शांति कक्ष है जहां जनता जानकारी साझा कर सकती है। उसके आधार पर हमारे पास जानकारी थी और हम हमेशा ऐसी सूचनाओं पर मुख्यमंत्री कार्यालय के साथ चर्चा करते हैं।"राज्यपाल बोस स्थिति पर कड़ी नज़र रख रहे हैं। साथ ही, सार्वजनिक सहायता के लिए एक समर्पित हेल्पलाइन (033-22001641) के साथ-साथ एक 24x7 नियंत्रण कक्ष स्थापित किया गया है। हिंसा प्रभावित क्षेत्रों की अंतरराष्ट्रीय सीमाओं से निकटता को ध्यान में रखते हुए, राज्यपाल ने इस मामले में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से भी संपर्क किया है।इस बीच, तृणमूल कांग्रेस के नेता कुणाल घोष ने 16 अप्रैल को कोलकाता में इमामों के साथ ममता बनर्जी की महत्वपूर्ण बैठक से पहले प्रदर्शनकारियों से शांति बनाए रखने की अपील की है। यह घटना मुर्शिदाबाद में वक्फ अधिनियम के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के हिंसक होने के तीन दिन बाद हुई है।मंगलवार को, कानून के खिलाफ प्रदर्शन करने के लिए बड़ी भीड़ इकट्ठा हुई थी, जब प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच झड़प हो गई। पुलिस द्वारा क्षेत्र में एक प्रमुख सड़क को अवरुद्ध करने से प्रदर्शनकारियों को रोकने के लिए हस्तक्षेप करने के बाद स्थिति और बिगड़ गई।क्षेत्र में अराजकता फैलने के कारण कई वाहनों को आग लगा दी गई और पत्थर फेंके गए। पिछले हफ़्ते संसद के दोनों सदनों ने मैराथन बहस के बाद वक्फ (संशोधन) अधिनियम, 2025 पारित कर दिया। शनिवार को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की मंजूरी के बाद यह विधेयक अधिनियम बन गया।इस अधिनियम को अधिसूचित किया गया और यह मंगलवार, 8 अप्रैल से लागू हो गया।इससे पहले शुक्रवार को कोलकाता के आलिया विश्वविद्यालय के छात्रों ने भी विवादास्पद वक्फ अधिनियम के खिलाफ विरोध मार्च निकाला, जिसे कई विपक्षी दलों ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। ( कोलकाता से अशोक झा )
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