जगदीप धनखड़ को साधारण मत समझिए, ये व्यक्ति संविधान और क़ानून का इतना बड़ा जानकर है कि 10 CJI इसके सामने पानी माँगें।
पश्चिम बंगाल का राज्यपाल रहते इन्होंने AM-PM की गड़बड़ी के कारण रात के 2 बजे कैबिनेट बैठक का ऐलान कर दिया था। इतनी तनातनी रही ममता बनर्जी से, फिर भी उप-राष्ट्रपति चुनाव में TMC ने विरोधी उम्मीदवार को वोट नहीं दिया। जो व्यक्ति पेरिस स्थित 'इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ आर्बिट्रेशन' का सदस्य रहा हो 3 वर्षों तक, उसे आज न देश में बेवकूफ बना सकते हैं और न विदेश में।
बहुत कम लोगों को पता है कि आज से 35 वर्ष पूर्व जब चंद्रशेखर सिंह प्रधानमंत्री बने थे तब उन्होंने जगदीप धनखड़ को संसदीय कार्यमंत्री बनाया था। ऐसे में संसद और सरकार कैसे काम करती है, उनके अधिकार क्या हैं और सीमाएँ क्या हैं - ये जगदीप धनखड़ को बहुत अच्छे से पता है।
वो राजस्थान हाईकोर्ट के बार एसोसिएशन के अध्यक्ष रहे हैं। एक किसान परिवार में जन्मा व्यक्ति आज जब इस पद पर है और सुप्रीम कोर्ट पर इतना बड़ा हमला कर रहा है तो उसके एक-एक शब्द को गंभीरता से लीजिए। सवाल जायज है - जस्टिस यशवंत वर्मा के घर से करोड़ों के कैश मिले 1 महीने हो गए, फिर भी एक FIR तक क्यों नहीं? राष्ट्रपति देश की प्रथम नागरिक हैं, उन्हें आदेश देने वाला सुप्रीम कोर्ट कौन? जगदीप धनखड़ भाजपा के क़ानून मामले के राष्ट्रीय संयोजक रह चुके हैं, भारतीय संस्कृति एवं इतिहास व विचारधारा को लेकर समर्पित हैं।
और हाँ, सैनिक स्कूल का विद्यार्थी अनुशासन को सबसे बड़ी प्राथमिकता रखता है, उससे भी ऊपर रखता है देश को। देश को नुकसान पहुँचाने वाला सुप्रीम कोर्ट ही क्यों न हो, उसे भी वो देख लेगा। ( एडवोकेट कॉउंसिल ऑफ इंडिया )
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