मणिपुर में एक बार फिर से तनाव बढ़ गया। यहां कांगपोकपी जिले में हाईवे ब्लॉक कर रहे प्रदर्शनकारियों को हटाने के लिए सुरक्षाबलों को बल का प्रयोग करना पड़ा। प्रदर्शनकारियों ने बसों पर किया हमला: प्रदर्शनकारियों ने बसों और अन्य वाहनों की आवाजाही रोकने के लिए सड़कों पर पत्थर बिछा दिए और बसों व कारों को आग के हवाले कर दिया. हालात को काबू में करने के लिए सुरक्षाबलों को लाठीचार्ज और आंसू गैस के गोले दागने पड़े। इस झड़प में सैकड़ों लोग घायल हुए हैं। सुरक्षा व्यवस्था हुई कड़ी: सरकार ने CRPF और स्थानीय पुलिस की तैनाती बढ़ा दी है। खासकर रेड जोन कहे जाने वाले इलाकों में अतिरिक्त सुरक्षा बलों की तैनाती की गई है। सरकारी बसों को भी सुरक्षा के बीच चलाया जा रहा है ताकि आम नागरिकों को राहत मिल सके। प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर किया गया और आंसू गैस के गोले दागे। जिसके बाद नागरिकों की आवाजाही के लिए रूट साफ हो सका हालात का जायजा लिया गया । मणिपुर में करीब दो साल से संघर्ष देखने को मिल रहा है। हिंसा में 250 से ज्यादा लोगों की जान जा चुकी है और हजारों लोग बेघर हो गए हैं। शनिवार को मैतेई और कुकी बहुल इलाकों में लोगों का फ्री मूवमेंट शुरू हुआ। पिछले सप्ताह केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने इसे लेकर विशेष निर्देश दिए थे. आज दो रूट से आवागमन शुरू हुआ।चुराचांदपुर में बरकरार रहेगा बफर जोन: पहला, इम्फाल से सेनापति होते हुए कांगपोकपी जिले और दूसरा, इम्फाल से चुराचांदपुर होते हुए बिष्णुपुर समेत प्रमुख मार्गों पर फिर बस सेवाएं से शुरू की गईं। हालांकि, मणिपुर के चुराचांदपुर में अभी भी बफर जोन बरकरार रहेगा. लेकिन सुरक्षा बलों ने फ्री मूवमेंट कर दिया है। ऐसे में कुकी और मैतेई इलाके में लोग आ-जा सकेंगे. चुराचांदपुर की तरफ सुरक्षा बलों काफिला शांतिपूर्वक पहुंचा, लेकिन इंफाल से कांगपोकपी से सेनापति वाले रास्ते में सुरक्षा बलों के काफिले को रोका गया।कुकी बहुल इलाके में रोके गए वाहन: दरअसल, केंद्र सरकार के निर्देश पर इंफाल से सेनापति के लिए आम लोगों को सुविधा यानि लाने और ले जाने के लिए काफिला भेजा गया था, जिसको कुकी वाले इलाके में रोका गया। सुरक्षा बलों ने काफिले को आगे बढ़ाने के लिए हल्का सा बल प्रयोग किया और आंसू गैस के गोले भी छोड़े।
लोगों में भरोसा पैदा करने के लिए बड़ा कदम: Lकेंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने पिछले दिनों मणिपुर के इंफाल से फ्री मूवमेंट का निर्देश दिया था। शनिवार को सुरक्षा बलों ने उसका पालन करना शुरू कर दिया है। ट्रक में सामान भरकर चुराचांदपुर की तरफ भेजा गया। यहां से विष्णुपुर होकर पहली बार सामान भेजा गया है. उसके बाद कुछ लोग भी यहां से जाएंगे। अब तक वेली इलाके से पहाड़ी इलाके में जाने के लिए लोग कतराते थे. लेकिन एक तरीके से लोगों में भरोसा पैदा करने के लिए बड़ा कदम उठाया गया है।क्या बनाया है प्लान...प्रशासन ने दो रास्तों का चयन किया. एक रास्ता विष्णुपुर होकर चुराचांदपुर जाएगा और दूसरा रूट कांगपोकपी और सेनापति के लिए जाता है। सुरक्षाबलों की निगरानी में सभी वाहन आगे बढ़ते देखे गए। रास्ते में अगर कोई व्यक्ति इन वाहनों को रोकने की कोशिश करेगा तो उसके खिलाफ सख्त एक्शन लेने का निर्देश दिया गया है। तीसरा तरीका भी लागू किया गया है। अगर कोई व्यक्ति पहाड़ी इलाका चुराचांदपुर से आना चाहता है तो हेलिकॉप्टर के जरिए भेजा जाएगा। यानी हेलिकॉप्टर की सुविधा भी दी जा रही है. कंस्ट्रक्शन से संबंधित सामान भी भेजा जा रहा है। हालांकि, वेली रीजन के लोग अभी पहाड़ी रीजन में नहीं जाना चाहते हैं। सरकार की तरफ से प्रयास है कि लोगों में फिर भरोसा जागे और धीरे-धीरे आवागमन शुरू हो सके।पिछले साल दिसंबर में पूर्व सीएम एन बीरेन सिंह ने इम्फाल से कांगपोकपी और चुराचांदपुर तक सार्वजनिक बस सेवाएं शुरू करने का प्रयास किया था, लेकिन वो विफल हो गया था. इम्फाल के मोइरंगखोम में मणिपुर राज्य परिवहन स्टेशन पर कोई यात्री नहीं आया था।मई 2023 में संघर्ष शुरू होने के बाद समुदायों के बीच विश्वास टूट गया था. मैतेई लोग कुकी-बहुल पहाड़ियों से भाग गए, जबकि कुकी ने मैतेई-बहुल क्षेत्रों को छोड़ दिया था। ( बांग्लादेश बोर्डर से अशोक झा )
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