पड़ोसी राष्ट्र बांग्लादेश की सेना देश की सत्ता पर कब्जा करने जा रही है? ढाका में बीते कुछ दिनों में हुए घटनाक्रमों और राजनीतिक बयानबाजी के बाद ये सवाल पर्यवेक्षकों के बीच तेजी से घूम रहा है।बांग्लादेश के सेना प्रमुख जनरल वकार उज-जमान इस समय सुर्खियों में हैं। शेख हसीना के खिलाफ आंदोलन करने वाले छात्रों ने सेना प्रमुख के ऊपर अवामी लीग को फिर से सत्ता में लाने का आरोप लगाया है। कुछ हलकों में यह भी कहा गया कि सेना प्रमुख यूनुस को हटाकर अब बांग्लादेश की सत्ता पर कब्जा बनाने की योजना बना रहे हैं। हाल के दिनों में यूनुस और अन्य राजनीतिक दलों को लेकर उनकी चेतावनी को इसी परिप्रेक्ष्य में देखा गया। इस बीच बांग्लादेश की सेना की सभी डिवीजन से सैनिकों को ढाका में जमा होने का आदेश दिया गया है। पिछले पूरे सप्ताह बांग्लादेश के राजनीतिक हलकों के बीच और सोशल मीडिया पर सेना को लेकर चर्चा तेज रही। इसकी शुरुआत नई बनी नेशनल सिटिजन पार्टी (एनसीपी) एक प्रमुख नेता और पिछले साल जुलाई में हुए हसीना विरोधी आंदोलन का प्रमुख चेहरा रहे हसनत अब्दुल्ला की फेसबुक पोस्ट से हुई, जिसने राजनीतिक हलकों में हलचल मचा दी। इस नेता ने सेना प्रमुख के ऊपर गंभीर लगाया था।हसनत ने दावा किया कि सेना प्रमुख जनरल वकार उज-जमान ने उनके साथ बैठक की थी और सभी दलों की भागीदारी के साथ चुनाव कराने का प्रस्ताव दिया था, जिसमें अवामी लीग भी शामिल है। हसनत ने कहा कि सेना के प्रस्ताव के अनुसार, यह शेख हसीना और उनके सहयोगियों के बिना एक नई अवामी लीग होगी। एनसीपी नेता ने दावा किया कि उन पर सहमत होने के लिए दबाव डाला जा रहा था, लेकिन उन्होंने इनकार कर दिया। जिसके बाद उन्हें परिणाम भुगतने की धमकी दी गई।इसके बाद सेना प्रमुख जनरल वकार उज-जमान ने 23 मार्च की दोपहर को एक उच्च स्तरीय बैठक की। इस बैठक में नौसेना और वायुसेना के प्रमुख के साथ ही जीओसी कमांडर मौजूद रहे। इस दौरान छात्र नेताओं की आलोचनाओं पर चर्चा की। ढाका सूत्रों के अनुसार, जनरल जमान ने इस्लाम समर्थक सैन्य अधिकारियों के दबाव का सक्रिय रूप से विरोध कर रहे हैं। सैन्य अधिकारियों में इस बात से नाराजगी है कि छात्र आंदोलनकारियों ने सेना के खिलाफ प्रदर्शन किया।पिछले दिनों हुए इन घटनाक्रमों से एक बात समझ में आई है कि सेना बांग्लादेश में समय से पहले चुनाव कराना चाहती है और अवामी लीग को पूरी तरह से बाहर नहीं करना चाहती है। सबसे बड़ी विपक्षी पार्टी और सरकार चलाने का अनुभव रखने वाली बीएनपी सेना के इस रुख से सहमत है। बीएनपी की रणनीति है कि एक अवामी लीग को चुनाव में भाग लेने की अनुमति दी जानी चाहिए, जिसमें शेख हसीना और दूसरे नेताओं को दूर रखा जाए, जिन पर मुकदमा चल रहा है। बीएनपी इस समय सबसे बड़ी पार्टी है, जिसकी पहुंच हर गांव में है।इस बीच अमेरिका और चीन की भूमिका भी महत्वपूर्ण है, जो इस क्षेत्र में अपना प्रभुत्व जमाने की कोशिश कर रहे हैं। अमेरिका के अपने हित हैं, जो ढाका के प्रति नई दिल्ली के नजरिए के अनुकूल नहीं हो सकते हैं। अमेरिकी नीति निर्माता ढाका में हो रहे घटनाक्रम पर नजर रख रहे हैं, लेकिन अभी उनका ध्यान यूक्रेन और गाजा पर है। हाल ही में शीर्ष अमेरिकी जनरल ने ढाका का दौरा किया था। बांग्लादेश पुलिस ने अपदस्थ प्रधानमंत्री शेख हसीना और 72 अन्य लोगों के खिलाफ गृह युद्ध छेड़कर मोहम्मद यूनुस की अंतरिम सरकार को उखाड़ फेंकने की साजिश रचने का मामला दर्ज किया है। यह जानकारी शनिवार को अधिकारियों और मीडिया ने दी। ढाका के आपराधिक जांच विभाग (सीआईडी) ने इस साजिश के आरोप में मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट की अदालत में केस दायर किया, जिसे अदालत ने स्वीकार कर गुरुवार को जांच शुरू करने का आदेश दिया। पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि 19 दिसंबर 2024 को हुई एक ऑनलाइन बैठक के आधार पर यह कार्रवाई की गई। इस बैठक में 577 लोग देश-विदेश से शामिल हुए थे। बैठक में 'जॉय बांग्ला ब्रिगेड' नामक मंच बनाया गया। गृह युद्ध के जरिए शेख हसीना को सत्ता में वापस लाने की योजना पर चर्चा हुई। सरकारी सूत्रों के अनुसार, बैठक की रिकॉर्डिंग से खुलासा हुआ कि हसीना और अन्य नेताओं ने मौजूदा सरकार को शांतिपूर्ण तरीके से काम न करने देने का संकल्प लिया था। पुलिस ने बताया कि यह बैठक अवामी लीग की अमेरिकी शाखा के उपाध्यक्ष रब्बी आलम ने बुलाई थी, जिन्हें मामले में दूसरा आरोपी बनाया गया है। बैठक में हसीना के निर्देशों का समर्थन जताया गया। बांग्लादेश दंड संहिता के तहत यह मामला दर्ज किया गया है। शेख हसीना की 16 साल पुरानी अवामी लीग सरकार 5 अगस्त 2024 को छात्रों के नेतृत्व में हुए हिंसक जन-विद्रोह के बाद गिर गई थी। इसके बाद 77 वर्षीय हसीना गुपचुप तरीके से देश छोड़कर भारत चली गईं। उनके सत्ता से हटने के बाद उन पर सामूहिक हत्या, भ्रष्टाचार सहित 100 से अधिक मामले दर्ज हुए हैं। उनकी जगह मोहम्मद यूनुस ने अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार का पद संभाला। इस नए मामले ने बांग्लादेश की राजनीति में एक बार फिर हलचल मचा दी है। ( बांग्लादेश बोर्डर से अशोक झा )
बांग्लादेश में सेना प्रमुख वकार उज-जमान इस समय सुर्खियों में , पाकिस्तान, चीन और अमेरिका की लगी है वहां नजर
मार्च 30, 2025
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