2000 साल पुराना अर्धनारीश्वर मंदिर, तिरुचेंगोडे, तमिलनाडु। एकमात्र ऐसा मंदिर जहां जो भगवान अर्धनारीश्वर का दुर्लभ रूप है!
भगवान शिव के 64 रूपों में से एक- शिव और मां पार्वती के मिलन की पूजा की जाती है।
यह मंदिर भगवान अर्थनारीश्वर को समर्पित है, जो भगवान शिव के अवतार हैं। भगवान अर्थनारीश्वर अपनी पत्नी देवी बागमपिरियालम्मई के साथ अपने भक्तों को आशीर्वाद देते हैं।
यह एशिया का एकमात्र ऐसा मंदिर है, जिसके पीठासीन देवता भगवान अर्धनारीश्वर हैं। इस मंदिर के 6 फीट ऊंचे पीठासीन देवता को माधोरुबागन और अम्मैयप्पन के नाम से भी जाना जाता है, जिसका अर्थ है माता और पिता। यह मंदिर अद्वितीय है क्योंकि पीठासीन देवता भगवान शिव और देवी पार्वती का संयोजन हैं। यह बहुत ही अनोखी बात है कि भगवान शिव को आधे पुरुष और आधी महिला के रूप में चित्रित किया गया है। भगवान अर्धनारीश्वर के पैरों के नीचे एक झरना है और यह कभी सूखता नहीं है।
माना जाता है कि इस मंदिर के पवित्र जल को 48 दिनों तक पीने से सभी रोग ठीक हो जाते हैं।
हर हर महादेव 🙏
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