- उनके पास अभी भी इतनी ताकत नहीं है कि वे राष्ट्रीय ध्वज, संविधान और उस स्वतंत्रता को बुलडोजर से नष्ट कर सके
भारत के पड़ोसी मुल्क बांग्लादेश में हालात सुधरने का नाम नहीं ले रहे हैं. बुधवार को प्रदर्शनकारियों के एक बड़े समूह ने बांग्लादेश के संस्थापक शेख मुजीबुर्रहमान के ढाका स्थित आवास में तोड़फोड़ की और आग लगा दी। पूर्व प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में देशवासियों से वर्तमान शासन के खिलाफ संगठित प्रतिरोध करने का आह्वान किया। हसीना ने सीधे नोबेल पुरस्कार विजेता मोहम्मद यूनुस की सरकार की ओर इशारा करते हुए कहा, 'उनके पास अभी भी इतनी ताकत नहीं है कि वे राष्ट्रीय ध्वज, संविधान और उस स्वतंत्रता को बुलडोजर से नष्ट कर सकें, जिसे हमने लाखों शहीदों के जीवन की कीमत पर अर्जित किया है।' उन्होंने कहा, 'वे इमारत को ध्वस्त कर सकते हैं, लेकिन इतिहास को नहीं... लेकिन उन्हें यह भी याद रखना चाहिए कि इतिहास अपना बदला लेता है। शेख हसीना देश छोड़कर भारत आ गईं, मगर मुसीबत ने साथ नहीं छोड़ा। बांग्लादेश में फिर बवाल हुआ है। अब बांग्लादेश के संस्थापक शेख मुजीबुर रहमान के ढाका स्थित आवास में बुधवार को प्रदर्शनकारियों ने तोड़फोड़ की। इस दौरान उनकी बेटी और अपदस्थ प्रधानमंत्री शेख हसीना ऑनलाइन संबोधन दे रही थीं। प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि राजधानी के धानमंडी इलाके में स्थित उनके घर के सामने हजारों लोग जमा हो गए थे। सोशल मीडिया पर हसीना को रात 9 बजे (बीएसटी) अपना संबोधन देना था, जिसके बाद शाम को ही लोगों ने "बुलडोजर जुलूस" का आह्वान किया। दरअसल, शेख हसीना की अवामी लीग ने गुरुवार 6 फरवरी को बांग्लादेश की परिवहन व्यवस्था को बंद करके राजमार्गों सहित ढाका को बंद करने की योजना बनाई थी। हालांकि नियोजित विरोध प्रदर्शन से पहले पार्टी के कई समर्थकों और कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार कर लिया गया।उधर, मुजीबुर्रहमान के आवास पर हमले के बाद शेख हसीना की पार्टी अवामी लीग ने बयान जारी कर देश के अंतरिम युनूस सरकार पर निशाना साधा और राज्य मशीनरी का दुरुपयोग करने का आरोप लगाया। अवामी लीग ने बयान में कहा, "जब से अवैध, असंवैधानिक और फासीवादी यूनुस सरकार ने राज्य की सत्ता पर कब्ज़ा किया है, तब से उसने अपने लाभ के लिए राज्य मशीनरी पर कब्जा कर लिया है. यह राष्ट्रीय और राज्य संसाधनों को अपनी निजी संपत्ति समझती है. सत्ता के मद में चूर यह अलोकतांत्रिक सरकार जनता के प्रति पूरी तरह उदासीन है।घरेलू तथा विदेशी षडयंत्रों के माध्यम से एक अनिर्वाचित तथा गैरजिम्मेदार सरकार ने लोकतांत्रिक रूप से चुनी गई सरकार को उखाड़ फेंकते हुए खुद को लोगों पर भारी बोझ की तरह थोप दिया है।
'युनूस सरकार ने लोगों के लोकतांत्रिक अधिकारों को छीना'
बयान में आगे कहा गया, "युनूस सरकार ने लोगों के लोकतांत्रिक अधिकारों तथा अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को छीन लिया है. इसके विरुद्ध आवाज़ उठाने वाले किसी भी व्यक्ति या राजनीतिक संस्था को दमन तथा यातना का सामना करना पड़ता है. लोगों को इस दमन की स्थिति से मुक्त करने तथा उनके लोकतांत्रिक अधिकारों को स्थापित करने के लिए बांग्लादेश अवामी लीग ने कार्यक्रमों की एक श्रृंखला की घोषणा की है. देश की जनता अपने अधिकारों की मांग को लेकर मुखर है और अवामी लीग के कार्यक्रमों में बढ़-चढ़कर हिस्सा ले रही है।
शेख हसीना की पार्टी ने कहा, "अवामी लीग के प्रति लोगों के बढ़ते समर्थन से डरी फासीवादी सरकार अपने डर और नाकामी को छिपाने के लिए आतंक का सहारा ले रही है।
सरकार बार-बार अन्यायपूर्ण और अवैध गिरफ्तारियों की धमकी देती है, लेकिन इस राक्षसी सरकार की खूनी निगाहों के बावजूद अवामी लीग के नेता और कार्यकर्ता जनता के लोकतांत्रिक अधिकारों की स्थापना के लिए संघर्ष जारी रखे हुए हैं। वे बुरी ताकतों के विनाश का मंत्र जानते हैं. इसलिए इन आजादी पसंद लोगों को डरा-धमकाकर हराने की कोई गुंजाइश नहीं है. इसके बजाय वे हर दिन अपनी एकता और ताकत को मजबूत कर रहे हैं, जिससे यह संघर्ष और तेज होता जा रहा है।
अवामी लीग ने युनूस सरकार को दी चेतावनी:
अवामी लीग ने कहा कि हम इस फासीवादी सरकार को चेतावनी देते हैं कि अभी सामूहिक गिरफ्तारियां बंद करो, नहीं तो परिणाम गंभीर होंगे। बंगबंधु की बेटी शेख हसीना, अवामी लीग के नेताओं और कार्यकर्ताओं, केंद्रीय 14-पार्टी गठबंधन के सदस्यों और मुक्ति संग्राम की भावना में विश्वास रखने वाले लोगों के खिलाफ उत्पीड़न के झूठे मामले दर्ज किए गए हैं।राष्ट्रीय नेताओं और समाज के विभिन्न वर्गों के लोगों को बिना किसी मुकदमे के जेल में बंद कर दिया गया है. इन झूठे मामलों को तुरंत वापस लिया जाना चाहिए और सभी राजनीतिक कैदियों को बिना शर्त रिहा किया जाना चाहिए।अन्यथा, निकट भविष्य में, हम एक अजेय जन आंदोलन के माध्यम से इस सरकार को गिराने के लिए दृढ़ हैं।बांग्लादेश में हालात गंभीर: बता दें कि अवामी लीग के प्रदर्शन से ठीक एक शाम पहले बांग्लादेश में हालात गंभीर हो गए हैं. ढाका ट्रिब्यून की रिपोर्ट के अनुसार, उपद्रवी गेट तोड़कर जबरन शेख मुजीबुर्रहमान के आवास के भीतर घुस गए. जानकारी के मुताबिक यह विरोध पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना द्वारा दिए गए एक ऑनलाइन भाषण के जवाब में शुरू हुआ है. प्रदर्शनकारियों ने जवाबी कार्रवाई में धानमंडी 32 में बुलडोजर मार्च आयोजित करने की योजना की घोषणा की थी। हालांकि उन्होंने शुरू में रात 9 बजे बुलडोजर से घर को ध्वस्त करने की धमकी दी थी, लेकिन प्रदर्शनकारियों ने अपनी योजना बदल दी और रात 8 बजे तक आ गए। वे एक रैली के रूप में आवास पर पहुंचे और मेन गेट को तोड़कर भीतर घुस गए और बड़े पैमाने पर तोड़फोड़ की। (बांग्लादेश बोर्डर से अशोक झा )
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