- पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ISI और बांग्लादेश के आतंकवादियों के निशाने पर
- आतंकी है अब्दुल मम्मुन अपने नेटवर्क को मजबूत करने के लिए स्लीपर सेल को कर रहा मजबूत
:- सीमा पार कर 6 जनवरी को बैठक की, फिर ट्रेनिंग देने के बाद लौट गया था
:- मुर्शिदाबाद के धुलिया के रास्ते सीमा पार कर पाकुड़ पहुंचा था
बांग्लादेश में शेख हसीना सरकार के पतन के बाद वहां के प्रतिबंधित संगठन भारत विरोधी साजिश रच रहे हैं। भारत की खुफिया एजेंसियों ने नए साल में आतंकी हमला को लेकर अलर्ट जारी किया है। खुफिया विभाग के पास आतंकी हमले की साजिश से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारी मिली हैं। दिल्ली और पंजाब पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ISI और बांग्लादेश के आतंकवादियों के निशाने पर हैं। 2025 में पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI द्वारा सीरियल बम ब्लास्ट की साजिश रचने की जानकारी सामने आई है।
भारत की खुफिया एजेंसियों ने सुरक्षा से संबंधित एक अहम अलर्ट जारी किया है, जिसमें ISI और पाकिस्तान में स्थित इस्लामिक आतंकवादी संगठनों द्वारा भारत में सिलसिलेवार बम धमाकों की साजिश रचने की जानकारी दी गई है। खुफिया विभाग के मुताबिक, ये आतंकवादी संगठन बांग्लादेश की मदद से भारत में हमले करने की योजना बना रहे हैं। वही बिहार बंगाल विधानसभा चुनाव से पहले बंगाल बिहार और झारखंड के बांग्लादेशी सीमांत क्षेत्र में कुछ बड़ा करने का प्लान है। यह वह क्षेत्र है जहां जाली नोट, हथियार, सोना, मवेशी, ड्रग्स तथा मानव तस्करी का बड़ा नेटवर्क काम कर रहा है। बंगाल विहार और झारखंड सीमांत क्षेत्र में पहले से ही आतंकियों का पनाहगार घुसपैठिए कई बार सामने आ चुके है।
इसका खुलासा झारखंड एटीएस को मिली एक सूचना से हुआ है। एटीएस को सूचना मिली है कि बांग्लादेश का प्रतिबंधित संगठन जमात-उल-मुजाहिदीन बांग्लादेश (जेएमबी) से जुड़ा आतंकी अब्दुल मम्मुन मुर्शिदाबाद के धुलिया के रास्ते बांग्लादेश सीमा पार कर जनवरी में पाकुड़ आया था। यहां उसने जेएएचए नामक एक संगठन के साथ बैठक की। बैठक में बंगाल और पाकुड़ के कई संदिग्ध शामिल हुए। इसके बाद उसने जेएएचए के कैडरों को ट्रेनिंग भी दी और लौट गया। मामले की जानकारी मिलने के बाद एटीएस अब इसकी जांच में जुट गया है। साथ ही सभी जिलों के एसपी और डीआईजी को गोपनीय सूचनाएं जुटा कर कार्रवाई के लिए लिखा है। एटीएस को जानकारी मिली है कि अब्दुल मम्मुन बांग्लादेश के सतखिरा के गोपीनाथपुर का है। वह अवैध तरीके से सीमा पार कर बीते छह जनवरी को पाकुड़ पहुंचा था। पाकुड़ के इस्लामी दावा सेंटर, दुबराजपुर में उसने जेएएचए के कैडरों के साथ बैठक की और करीब 15 सदस्यों को अपने मॉड्यूल की ट्रेनिंग दी। इसके बाद लौट गया। बांग्लादेशी प्रतिबंधित संगठन जेएमबी की सक्रियता संताल के साहिबगंज और पाकुड़ में रही है। इस संगठन के संदिग्धों और ओवरग्राउंड वर्कर्स की जानकारी पूर्व में भी एटीएस ने जुटाई थी। इन संदिग्धों की गतिविधियों पर नजर रखा जाता था।सऊदी का इस्लामी स्कॉलर बना मध्यस्थ: एटीएस को जानकारी मिली है कि पाकुड़ में हुई बैठक में मुर्शिदाबाद के जलांगी का राहुल हुसैन, सऊदी अरब निवासी इस्लामी स्कॉलर शम्सुजहां रहमान शामिल थे। शम्सुजहां को जेएमबी और जेएएचए का मध्यस्थ बताया गया है। बैठक में 24 परगना के जेएएचए सचिव अब्दुल हमीद फैजी, पाकुड़ के कुसुमनगर के मुसलेउद्दीन नजनी हफीजुल्लाह, मुर्शिदाबाद फरक्का के जमीरुल हक, धुलिया के अनवारुल हक के शामिल होने की जानकारी भी एटीएस को मिली है। वही इस बात को लेकर भी टेंशन है कि भारत-बांग्लादेश सीमा के निकट संदिग्ध सिग्नल पाए गए हैं। विशेषकर, उन्हें उर्दू, अरबी और बंगाली (बांग्लादेशी अंदाज के साथ) में पकड़ा जा रहा है। पिछले कुछ समय से बशीरहाट, बनगांव और सुंदरबन क्षेत्रों सहित दक्षिण बंगाल के विभिन्न हिस्सों में ऐसे संकेत मिल रहे हैं।कई बार बीजीबी को चेतावनी भी दी गई है, लेकिन स्थिति में कोई बदलाव नहीं हुआ। इसके उलट, अब और भी संदिग्ध घटनाएं सामने आई हैं, जिन्हें लेकर सीमा सुरक्षा बल भी चिंता में है।क्या है वह चीज़? एक संदिग्ध सिग्नल: जानकारी के अनुसार, भारत-बांगलादेश सीमा पर संकेतों के रूप में संकेतिक सिग्नल मिल रहे हैं। यह मुख्य रूप से उर्दू और अरबी भाषाओं में हो रहा है। हैम रेडियो ऑपरेटरों ने सबसे पहले इस मामले को पकड़ा और केंद्रीय सरकार को सूचित किया। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार दक्षिण बंगाल के विभिन्न जिलों में यह सिग्नल प्राप्त हो रहे हैं। बंगाली, उर्दू और अरबी में संकेत या सिग्नल भेजे जा रहे हैं। पिछले कुछ महीनों से रात के समय यह सिग्नल मिल रहे हैं। दिसंबर महीने से बशीरहाट, बंगांव और सुंदरबन क्षेत्र में विशेष संकेतिक सिग्नल मिलने लगे हैं।सूत्रों से जानकारी मिली है कि ये सिग्नल मुख्य रूप से रात 1 बजे से 3 बजे के बीच मिल रहे हैं। हैम रेडियो पर ये सिग्नल आ रहे हैं और जब पहचान पूछी जाती है, तो दूसरी ओर से चुप्पी रहती है।यह भी ध्यान देने योग्य है कि आतंकवादी अक्सर हैम रेडियो का उपयोग अपने बीच संवाद स्थापित करने के लिए करते हैं। क्योंकि मोबाइल के मुकाबले इनकी लोकेशन ट्रैक करना मुश्किल होता है, इसलिए यह उनके लिए अधिक सुविधाजनक होता है।2024 के 5 अगस्त के बाद से बांगलादेश में हालात गर्म हैं। लगातार दूसरी ओर से हिंसा भड़काने की कोशिश की जा रही है। आतंकवादी गतिविधियों की भी सूचना पहले मिल चुकी है। ऐसे में इस संदिग्ध सिग्नल के मिलते ही बीएसएफ की चिंताएं बढ़ गई हैं। इस सिग्नल की ट्रैकिंग के लिए कोलकाता स्थित इंटरनेशनल मॉनिटरिंग स्टेशन को भेजा गया है।लेकिन इन सबके बीच अब एक और नया खतरा बढ़ रहा है। इंटेलिजेंस रिपोर्ट में सामने आया है कि जमात-उल-मुजाहिदीन बांग्लादेश (JMB) नाम के आतंकी संगठन से जुड़े कट्टरपंथी हिंदुओं को निशाना बना रहे हैं। चिंता बढ़ाती खुफिया रिपोर्ट : खुफिया रिपोर्ट में सामने आया है कि चिन्मय दास की रिहाई की मांग को लेकर सड़कों पर उतरे हिंदुओं को JMB के आतंकी चुन-चुनकर निशाना बना रहे हैं।शेख हसीना की सरकार जाने के बाद हालात और खराब हो गए हैं. बांग्लादेश की जेलों में बंद हिंदू भी सुरक्षित नहीं हैं। खुफिया रिपोर्ट से पता चलता है कि जेल के अंदर और बाहर हिंदुओं को JMB के आतंकी निशाना बना रहे हैं। (बांग्लादेश बोर्डर से अशोक झा )
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