- बांग्लादेश कर रहा पासपोर्ट रद्द कर बांग्लादेश लाने की कोशिश, संजीवनी देकर हसीना को किया अमर
- बांग्लादेश आंदोलन में मारे गए शहीदों और घायलों को सरकार देगी धनराशि
बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने जुलाई में जबरन गायब किए गए लोगों और हत्याओं में कथित संलिप्तता के आरोप में अपदस्थ प्रधानमंत्री शेख हसीना के साथ-साथ 96 अन्य लोगों का पासपोर्ट रद्द कर दिए हैं। वही बांग्लादेश की हर साजिश को नाकाम करते हुए पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना को लेकर भारत सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। 77 वर्षीय हसीना अगस्त 2023 से भारत में रह रही हैं। हसीना का वीजा भारत सरकार ने हाल ही में बढ़ा दिया है। यह निर्णय ऐसे समय में आया है जब बांग्लादेश में उनकी वापसी की मांग जोर पकड़ रही है। देशव्यापी विरोध प्रदर्शनों और राजनीतिक उथल-पुथल के बीच, हसीना ने बांग्लादेश छोड़कर भारत में शरण ली थी और तब से दिल्ली के एक सुरक्षित स्थान पर रह रही हैं। भारतीय विदेश मंत्रालय और गृह मंत्रालय की सहमति से हसीना का वीजा बढ़ाया गया है। बांग्लादेश सरकार ने शेख हसीना का पासपोर्ट रद्द कर उनकी मुश्किलें बढ़ा तो दी. लेकिन बांग्लादेश ने सपने भी नहीं सोचा होगा भारत शेख हसीना को संजीवनी दे देगा।भारत ने शेख हसीना का वीजा बढ़ा कर उन्हें संजीवनी दिया है।बता दें कि वह पिछले साल अगस्त से देश में हैं. रिपोर्ट के अनुसार ऐसा उनके प्रत्यर्पण के लिए ढाका में बढ़ती मांगों की पृष्ठभूमि में किया गया है।हालांकि, भारत सरकार ने यह स्पष्ट किया है कि हसीना को शरण नहीं दी गई है क्योंकि भारत में शरणार्थियों से संबंधित कोई विशेष कानून मौजूद नहीं है। बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने 23 दिसंबर को भारत सरकार को एक आधिकारिक नोट भेजा, जिसमें हसीना के खिलाफ विभिन्न आरोप लगाते हुए उनकी वापसी की मांग की गई थी। लेकिन भारत ने इस पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं दी है क्योंकि ढाका ने इस संबंध में आवश्यक औपचारिकताएं पूरी नहीं की हैं। बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने हाल ही में 97 व्यक्तियों के पासपोर्ट रद्द कर दिए, जिनमें शेख हसीना का भी नाम शामिल है। इन लोगों पर जुलाई 2023 में हुए विरोध प्रदर्शनों के दौरान हत्याओं और गायब होने के आरोप हैं। बांग्लादेश के अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण ने 6 जनवरी को हसीना के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी करते हुए उन्हें फरवरी में न्यायाधिकरण के समक्ष पेश होने का आदेश दिया है।बांग्लादेश की राष्ट्रीय स्वतंत्र जांच आयोग के प्रमुख मेजर जनरल (रिटायर्ड) एएलएम फजलुर रहमान ने कहा कि आयोग के सदस्य भारत आकर शेख हसीना से 2009 में बांग्लादेश राइफल्स (BDR) की ओर से 74 लोगों की हत्या के मामले में पूछताछ करना चाहते हैं। हालांकि, भारत सरकार ने इस संबंध में अभी कोई आधिकारिक जानकारी नहीं दी है। शेख हसीना के बेटे साजीब वाजेद जॉय ने अगस्त 2023 में इन अफवाहों का खंडन किया था कि उनकी मां ने भारत में शरण का आवेदन किया है या उनका वीजा रद्द किया गया है। भारतीय विदेश मंत्रालय ने भी इस मामले में टिप्पणी करते हुए कहा था कि यह पूरी तरह शेख हसीना पर निर्भर करता है कि वह भविष्य में क्या निर्णय लेती हैं। शेख हसीना के खिलाफ जारी घटनाक्रम ने भारत-बांग्लादेश संबंधों पर सवाल खड़े कर दिए हैं। जहां एक ओर बांग्लादेश उनकी वापसी की मांग कर रहा है, वहीं भारत ने अभी तक इस मामले पर कोई ठोस निर्णय नहीं लिया है। इससे दोनों देशों के बीच राजनीतिक और कूटनीतिक चर्चाओं का माहौल गर्म है।
बांग्लादेश आंदोलन में मारे गए शहीदों और घायलों को सरकार देगी धनराशि: बांग्लादेश की वर्तमान सरकार हर एक शहीद के परिवार को 30 लाख टका देगी और घायलों को 1 लाख टका से 5 लाख टका तक की राशि दी जाएगी।232.6 करोड़ टका चालू वित्त वर्ष के बजट से आएंगे और शेष राशि जुलाई में 2025-26 वित्त वर्ष के बजट से आवंटित की जाएगी. नाहिद इस्लाम ने कहा कि प्रत्येक शहीद के परिवार को जनवरी से 10 लाख टका का बचत प्रमाणपत्र मिलेगा, जबकि शेष 20 लाख टका जुलाई में बचत प्रमाणपत्र के रूप में दिए जाएंगे. नकद भुगतान के अलावा, घायलों के इलाज का खर्च भी सरकार उठाएगी। कब मिलेगा पैसा?: मिलने वाली रकम में से 232.6 करोड़ टका इस वित्त वर्ष के बजट से दिए जाएंगे और शेष राशि जुलाई में 2025-26 वित्त वर्ष के बजट से आवंटित होंगे. नाहिद इस्लाम ने कहा कि हर एक शहीद के परिवार को जनवरी से 10 लाख टका का मिलने शुरू होंगे, जबकि बचे हुए 20 लाख टका जुलाई में दिए जाएंगे। नकद भुगतान के अलावा, घायलों के इलाज में होने वाला खर्च भी सरकार उठाएगी। बता दें कि इस पूरी प्रक्रिया की देखरेख लिबरेशन मंत्रालय को सौंपा गई है, जो जुलाई मास अपसर्ज के मामलों को देख रहा है।विरोध प्रदर्शनों में कितने लोगों की मौत: बांग्लादेश में शेख हसीना के खिलाफ शुरू हुए प्रदर्शनों को हसीना प्रशासन ने बलपूर्वक कुचलने की कोशिश की थी। संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार आयोग के मुताबिक 16 जुलाई से 11 अगस्त 2024 तक इन प्रदर्शनों में 650 लोगों की मौत हुई। जबकि एक इंटरव्यू में गृह मामलों के सलाहकार एम सखावत हुसैन ने अनुमान लगाया था कि मरने वालों की संख्या एक हजार के करीब हो सकती है। ( बांग्लादेश बोर्डर से अशोक झा )
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