- भारी मात्रा में हथियार, गोला बारूद बरामद, अब नहीं बचेगा टाइगर
- नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (NIA) जुटी है तलाश में
मणिपुर के मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह ने राज्य में पिछले दो वर्षों से जारी जातीय हिंसा के लिए माफी मांगी है, लेकिन इस बीच कांगपोकपी जिले में कुकी-जो महिलाओं और सुरक्षाबलों के बीच झड़पों की खबरें सामने आई हैं।मणिपुर से मिली एक सनसनीखेज खबर के अनुसार यहां के इंफाल वेस्ट जिले के कदंग्बंद गांव में बीते मंगलवार देर रात संदिग्ध उग्रवादियों ने हमला किया। मामले पर पुलिस ने जानकारी दी कि अत्याधुनिक हथियारों से लैस उग्रवादियों ने बीते रात 1 बजे कांगपोकपी जिले में अपने पर्वतीय ठिकानों से इंफाल वेस्ट जिले के कदंग्बंद गांव में गोलीबारी की और बम फेंके। मामले पर पुलिस ने बताया कि इलाके में तैनात ग्राम स्वयंसेवकों ने जवाबी गोलीबारी की। स्थिति को नियंत्रित करने के लिए अतिरिक्त सुरक्षा बलों को इलाके में भेजा गया है, गोलीबारी में किसी के घायल होने की खबर नहीं है। उन्होंने बताया कि हमले के कारण कई ग्रामीणों को सुरक्षित स्थानों में शरण लेनी पड़ी।
भारी मात्रा में हथियार और गोला-बारूद जब्त: वहीं, सुरक्षा बलों ने मणिपुर के बिष्णुपुर और थौबल जिलों में तलाशी अभियान के दौरान भारी मात्रा में हथियार और गोला-बारूद जब्त किया, एक पुलिस बयान में बुधवार को कहा गया। बिष्णुपुर जिले के थोंगखोंगलोक गांव से सुरक्षा बलों ने मंगलवार को एक मैगजीन के साथ एक एसएलआर, एक .303 राइफल, एक 12 बोर सिंगल बैरल बंदूक, मैगजीन के साथ दो 9 मिमी पिस्तौल, एक दंगा रोधी बंदूक, दो इंसास एलएमजी मैगजीन, दो इंसास राइफल, मैगजीन, चार हथगोले, एक डेटोनेटर, पांच दंगा-रोधी गोले, गोला-बारूद और अन्य सामान जब्त किया।सुरक्षा बलों ने थौबल जिला के लीशांगथेम इकोप पैट क्षेत्र से मैगजीन के साथ एक एंटी मटेरियल राइफल स्नाइपर, दो सिंगल बोल्ट एक्शन राइफल, तीन 9 मिमी पिस्तौल, एक हैंड ग्रेनेड, चार एमके-13टी और गोला-बारूद जब्त किया। इस बीच, पुलिस ने मंगलवार को इंफाल पूर्वी जिले में बंगाली क्रॉसिंग के पास मंत्रीपुखरी बाजार से जबरन वसूली में शामिल प्रतिबंधित संगठन कांगलेईपाक कम्युनिस्ट पार्टी (पीपुल्स वार ग्रुप) के एक सदस्य को गिरफ्तार किया। पुलिस ने कहा कि उसके कब्जे से मैगजीन के साथ एक 9 मिमी पिस्तौल, केसीपी (PWG) की दो धन रसीदें और अन्य सामान जब्त किए गए।मणिपुर में एक संदिग्ध कुकी उग्रवादी कमांडर के खिलाफ नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (NIA) ने जो सबूत अदालत में पेश किए, उन्हें NIA की स्पेशल कोर्ट ने स्वीकार कर लिया है।एनआईए ने अदालत को बताया को कुकी नेशनल फ्रंट-पी (KNF-P) के कमांडर 'टाइगर' के बारे में बताया। टाइगर वीडियो में दावा कर रहा है कि उसने और उसके साथियों ने सीआरपीएफ (CRPF) पर हमला किया और घरों को भी आग लगाई। इस वीडियो को एनआईए ने गवाहों की मौजूदगी में डाउनलोड कर एक पेन ड्राइव में अदालत के सामने पेश किया है। अदालत ने इसे स्वीकार कर जांच के लिए एनआईए को वापस सौंप दिया।टाइगर वीडियो में दावा कर रहा है कि उसने और उसके साथियों ने सीआरपीएफ (CRPF) पर हमला किया और घरों को भी आग लगाई. इस वीडियो को एनआईए ने गवाहों की मौजूदगी में डाउनलोड कर एक पेन ड्राइव में अदालत के सामने पेश किया है. अदालत ने इसे स्वीकार कर जांच के लिए एनआईए को वापस सौंप दिया.
क्या है मणिपुर का KNF-P?
KNF-P संगठन को पहले KNF के नाम से जाना जाता था. KNF-P ने 1994 में विभाजन के बाद से 'प्रेसिडेंट' का नाम अपनाया. यह संगठन मणिपुर सरकार और केंद्र सरकार के साथ सस्पेंशन ऑफ ऑपरेशन्स (SoO) समझौते का हिस्सा भी है. यह समझौता फरवरी 2023 में समाप्त हो गया था. इस समझौते के तहत उग्रवादी अपने हथियारों को लॉक में रखकर नामित कैंपों में रहते हैं, लेकिन मणिपुर सरकार ने आरोप लगाया है कि SoO समझौते में शामिल उग्रवादी मणिपुर की हिंसा में सक्रिय रूप से शामिल रहे हैं.
250 से ज्यादा लोगों की मौत
मणिपुर में मेइती और कुकी समुदायों के बीच लंबे समय से विवाद चल रहा है. सामान्य कैटेगरी में आने वाली मेइती समुदाय अनुसूचित जनजाति (ST) का दर्जा मांग रहे हैं. दूसरी तरफ कुकी समुदाय मणिपुर से अलग प्रशासन की मांग कर रहा है. कुकी समुदाय पहाड़ी इलाकों में रहता है और म्यांमार व मिजोरम के चिन समुदाय से जातीय संबंध रखता है. इसी विवाद को लेकर चल रहे जातीय संघर्ष में अब तक 250 से भी ज्यादा लोगों की जान चली गई है. इसके अलावा 50 हजार से ज्यादा लोग हिंसा की वजह से अपने घर छोड़ने पर मजबूर हो गए हैं.
मणिपुर के ताजा हालात
11 नवंबर को हुई हिंसा में जिरीबाम जिले में मेइती समुदाय के 6 लोगों की अपहरण के बाद हत्या कर दी गई. इसके कुछ ही घंटों बाद सीआरपीएफ के साथ मुठभेड़ में 10 संदिग्ध कुकी उग्रवादी मारे गए. इसी दिन इंफाल वेस्ट जिले में पहाड़ियों से गोलीबारी हुई, जिसमें दो अन्य लोग घायल हो गए. इन घटनाओं ने मणिपुर में तनाव को और बढ़ा दिया है. सुरक्षा बल अब पहाड़ियों में बने बंकरों को हटाने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन कुकी समुदाय के लोग इसका विरोध कर रहे हैं. हालात अब भी तनावपूर्ण बने हुए हैं और मणिपुर सरकार इस मुद्दे पर केंद्र से कड़े कदम उठाने की मांग कर रही है.
मुख्यमंत्री ने लोगों से मांगी माफी
इस मुद्दे पर विपक्षी पार्टिया केंद्र और राज्य की भाजपा सरकार पर लगातार सवाल उठा रही हैं. संसद से लेकर सड़कों तक विपक्ष ने इस मुद्दे को भुनाने की कोशिश की है. इसी बीच हाल ही में मणिपुर के मुख्यंत्री बीरेन सिंह लंबे समय से चली आ रही हिंसा को लेकर लोगों से माफी मांगी है. मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने कहा कि उन्हें 'अफसोस' है और 'राज्य के लोगों से माफ़ी मांगना चाहते हैं.' उन्होंने कहा,'मैं राज्य में जो कुछ हुआ उसके लिए माफ़ी मांगना चाहता हूं. कई लोगों ने अपने प्यारों को खो दिया और कई लोगों को अपना घर छोड़ना पड़ा. मुझे खेद है और माफ़ी मांगना चाहता हूं.'
लोगों की शांति की अपील
मुख्यमंत्री ने आगे कहा,'पिछले तीन-चार महीनों में अपेक्षाकृत शांति देखने के बाद, मुझे उम्मीद है कि आने वाले साल में सामान्य स्थिति बहाल हो जाएगी.' बीरेन सिंह आगे कहते हैं,'जो कुछ भी हुआ सो हुआ... मैं सभी समुदायों से अपील करना चाहता हूं कि वे अपनी पिछली गलतियों को माफ़ करें और भूल जाएं और एक शांतिपूर्ण व खुशहाल मणिपुर में एक साथ रहकर नए सिरे से जिंदगी की शुरुआत करें। ( बांग्लादेश बोर्डर से अशोक झा )
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