- सीमावर्ती क्षेत्रों से आतंकियों की गिरफ्तारी देश के लिए चिंता का विषय
- बीएसएफ डिजी ने सुरक्षा जायजा, दिया आवश्यक निर्देश
बांग्लादेशी और रोहिंग्या घुसपैठ भारत बांग्लादेश सीमावर्ती क्षेत्र के लिए लगातार खतरा उत्पन्न कर सकते है। क्योंकि ये भारत में स्लीपर के सेल का काम करते है। वही सीमा पर हो रही लगातार मवेशी तस्करी सूचनाओं के आदान प्रदान करने का जरिया बन गया है। यही कारण है कि बीएसएफ के डिजी ने सीमांत क्षेत्र का दौरा कर आवश्यक निर्देश दिए है। निर्देश के अनुसार अधिकारियों को विशेष रूप से जासूसी और खुफिया विंग को और अधिक सक्रिय बनाने के लिए कार्रवाई करने का भी निर्देश दिया गया है। डीजी ने सुंदरवन और सीमावर्ती इलाकों में ऑपरेशन बढ़ाने का आदेश दिया। उन्होंने बीएसएफ अधिकारियों के न केवल कार्यालय बल्कि सीमा के पास के गांवों और इलाकों में भी लगातार दौरे का जिक्र किया। यह सब तब हो रहा है जब बांग्लादेश से लगी भारत की पूर्वी सीमा पर सुरक्षा के लिए बुरी खबर है। पहले कभी आतंकी गुट बांग्लादेश का इस्तेमाल भारत पर, खासकर पूर्वोत्तर में हमले करने के लिए करते थे लेकिन उस दौर में शेख हसीना ऐसे तत्वों को खत्म करने में लगी हुईं थीं और सीमा पर हालात काफी सुधर गए थे। उन दिनों बांग्लादेश और पाकिस्तान दोस्त नहीं थे। लेकिन 5 अगस्त के बाद से जब शेख हसीना देश छोड़ कर चलीं गईं तो सब कुछ बदल गया। इस्लामाबाद के प्रति ढाका की गर्मजोशी सभी के सामने है और इसने पूर्वी क्षेत्र के बारे में भारत की सुरक्षा चिंताओं को और भी बड़ा सिरदर्द बना दिया है।भारत के सामने सीमाओं को सुरक्षित रखने की चुनौती है क्योंकि पाकिस्तान के साथ भारत की सीमा लगभग 3323 किलोमीटर लंबी है और बांग्लादेश के साथ 4096 किलोमीटर लंबी है। बांग्लादेश के अनेकों घुसपैठिये लगातार भारत में पकडे जा रहे हैं जो बरसों से फर्जी पासपोर्ट तक बनवा कर आराम से यहाँ रह रहे थे। फिलहाल तो सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के महानिदेशक दलजीत सिंह चौधरी ने आश्वासन दिया है कि देश की सीमा सुरक्षित है। हाल ही में कोलकाता के पास एक उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता करने के बाद चौधरी ने कहा कि बांग्लादेश के साथ अंतरराष्ट्रीय सीमा के बिना बाड़ वाले हिस्सों में गश्त बढ़ाने के साथ ही राज्य के उत्तर 24 परगना, नादिया और मुर्शिदाबाद कूचबिहार, मालदा जिलों में निगरानी बढ़ाई जायेगी। बीएसएफ डीजी चौधरी ने कहा है कि, "कुछ इलाकों में अभी तक बाड़ न लगाए जाने के कुछ कारण हैं। कुछ जगहों पर बाड़ न लगाए जाने का मतलब यह नहीं है कि घुसपैठ हो रही है। हमारी सीमा सुरक्षित है। हम उन सभी इलाकों में गश्त कर रहे हैं और तकनीक की मदद ले रहे हैं। हमने उन इलाकों में गश्त बढ़ा दी है। बहुत जल्द बाड़ लगाई जाएगी, लेकिन कुछ मुद्दे हैं। हमने निगरानी बढ़ाने के लिए वहां और सीसीटीवी कैमरे लगाए हैं।"
पकड़े गए 10 आतंकी : हाल ही में चंद दिनों के भीतर असम, केरल और पश्चिम बंगाल में बांग्लादेश से जुड़े कम से कम 10आतंकी संदिग्धों को गिरफ्तार किया गया है। इनमें से अधिकांश की पहचान प्रतिबंधित अंसारुल्लाह बांग्ला टीम या एबीटी के सदस्यों के रूप में की गई है। एबीटी को बांग्लादेश में अलकायदा के अग्रणी संगठनों में से एक माना जाता है। एबीटी बांग्लादेश में कई ब्लॉगरों की हत्या में लिप्त रहा है जिसमें ढाका की यात्रा पर गए अमेरिकी ब्लॉगर अविजित रॉय भी शामिल थे। इस घटना के तुरंत बाद बांग्लादेश ने एबीटी पर प्रतिबंध लगा दिया था फिर भारत, ब्रिटेन और अमेरिका ने भी प्रतिबंध लगा दिए। लेकिन शेख हसीना सरकार के पतन की तुरंत बाद ही 26 अगस्त को प्रतिबंधित एबीटी के प्रमुख जशीमुद्दीन रहमानी को 2013 में ब्लॉगर राजीब हैदर की हत्या के मामले में जमानत दे दी गई। एबीटी की हरकतें: लेकिन एबीटी की हरकतें जारी रहीं और उसके कार्यकर्ता भारत में घुसपैठ करके नए सदस्यों की भर्ती करने लगे। एबीटी के एक गुर्गे ने तो पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले में एक अवैध मदरसा खड़ा कर दिया जिस समय वह पकड़ा गया उब उस मदरसे में 30-40 छात्र थे। चौंकाने वाली बात यह है कि मुर्शिदाबाद में गिरफ्तार किए गए तीन एबीटी कार्यकर्ताओं में से कम से कम एक का नाम उस जिले के दो अलग-अलग विधानसभा क्षेत्रों की मतदाता सूची में था। चिंताजनक बात यह है कि कोलकाता से कुछ ही दूर स्थित कैनिंग जिले के एक कस्बे में गिरफ्तार किए गए 58 वर्षीय जावेद अहमद मुंशी को पुलिस ने आतंकी संगठन तहरीक-उल-मुजाहिदीन का कार्यकर्ता बताया है, जिसका घोषित एजेंडा जम्मू-कश्मीर को पाकिस्तान में मिलाना है। मुंशी के पास श्रीनगर के पते वाला आधार कार्ड मिला था। इस आतंकी को लश्कर-ए-तैयबा हैंडलर्स ने दोनों देशों के बीच बांग्लादेश के लिए सुरक्षित मार्ग की टोह लेने और ढाका पहुंचने का निर्देश दिया था। पाकिस्तान को लेकर आशंका: वर्तमान हालातों में आशंका है कि पाकिस्तान बांग्लादेश का इस्तेमाल भारत के पूर्वोत्तर में हथियार भेजने के लिए गलियारे के रूप में कर सकता है। पाकिस्तानी जहाज अब बांग्लादेश के बंदरगाहों में धड़ल्ले से प्रवेश कर रहे हैं और इन जहाजों पर सभी कार्गो की जांच करने के पहले के आदेशों को समाप्त कर दिया गया है। इसके अलावा पाकिस्तानियों के लिए अब बांग्लादेश के वीसा के लिए सुरक्षा जांच को भी समाप्त कर दिया गया है।इस बीच, बांग्लादेश में हाल ही में यूनाइटेड लिबरेशन फ्रंट ऑफ असम (उल्फा) के प्रमुख परेश बरुआ को अचानक न्यायिक राहत दे दी गई। बरुआ को 2004 में बांग्लादेश के रास्ते भारत में हजारों हथियारों की अवैध खेप भेजने में शामिल होने के लिए मौत की सजा सुनाई गई थी। लेकिन अब अचानक अदालत ने बरुआ की अनुपस्थिति में सुनाई गई मौत की सजा को आजीवन कारावास में बदल दिया। अदालतों ने बांग्लादेश नेशनल पार्टी (बीएनपी) के नेतृत्व वाली सरकार के एक मंत्री, शेख हसीना की अवामी लीग के मुख्य राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी और पांच अन्य को भी बरी कर दिया, जिन्हें अप्रैल 2004 में चटगांव में हथियारों की बड़ी बरामदगी के मामले में ट्रायल कोर्ट ने मौत की सजा सुनाई थी। दस ट्रकों से जब्त किए गए इन हथियार और गोला बारूद का एक बड़ा हिस्सा भारत के पूर्वोत्तर में जाने का संदेह था। उल्फा नेता बरुआ अभी तक पकड़ा नहीं जा सका है और संदेह है कि वह म्यांमार-चीन सीमा पर कहीं छिपा हुआ है। म्यांमार सीमा पर आतंकी सक्रिय: बांग्लादेश और म्यांमार सीमा पर भी बंगलादेशी आतंकी गुट सक्रिय हैं और उस इलाके में मौजूद बौद्ध तथा हिन्दू लोगों पर अत्याचार कर रहे हैं। म्यांमार के लगभग पूरे राखिन राज्य पर नियंत्रण हासिल कर लेने वाली अलगाववादी अराकान आर्मी ने आरोप लगाया है कि जिहादी समूह बांग्लादेश की सीमा पर अत्याचार कर रहे हैं। कोल सब का लही, बांग्लादेश में रोहिंग्या शरणार्थी शिविरों से लगभग 11 आतंकवादी समूह संचालित हो रहे हैं, जिनमें रोहिंग्या सॉलिडेरिटी ऑर्गनाइजेशन, अराकान रोहिंग्या साल्वेशन आर्मी, अराकान रोहिंग्या आर्मी शामिल हैं। हत्याओं, बलात्कारों, अपहरणों और अन्य प्रकार की यातनाओं के कारण सैकड़ों लोग मारे गए हैं। रोहिंग्या सॉलिडेरिटी ऑर्गनाइजेशन पर अल-कायदा और जमात-ए-इस्लामी के साथ साझेदारी करने का आरोप है। ग्लोबल अराकान नेटवर्क की एक रिपोर्ट के अनुसार, इस्लामवादियों ने माउंगडॉ में मुस्लिम आबादी को मानव ढाल के रूप में इस्तेमाल किया है और उनसे गैर-मुस्लिम आबादी (बौद्ध और हिंदू) से लड़ने को भड़काया है। अराकान सेना का आरोप है कि बांग्लादेश ने सशस्त्र रोहिंग्या गुटों को मौन और प्रत्यक्ष समर्थन दे रखा है।अब आगे क्या होगा?: आगे क्या होगा, कुछ कहा नहीं जा सकता। बांग्लादेश में लगातार भारत विरोधी भावनाओं को भड़काया जा रहा है। बांग्लादेश के रिटायर्ड सैन्य अफसर भारत पर चढ़ाई की धमकी दे रहे हैं, ऐसे भी तत्व हैं जो बांग्लादेश को पाकिस्तान के साथ परमाणु समझौता करने की सलाह दे रहे हैं। हिन्दुओं पर हमले की घटनाओं को मोहम्मद युनुस की कार्यवाहक सरकार डाउन प्ले करती जा रही है। पाकिस्तान का सपना है कि वह एक बार फिर बांग्लादेश को पूर्वी पाकिस्तान बनाकर 1971 का बदला चुकता करें। ( बांग्लादेश बोर्डर से अशोक झा )
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