- कुकी और मैती मिलकर करेंगे सभी समस्याओं का समाधान, राज्यपाल की होगी अहम भूमिका
लगभग दो सालों से हिंसा की आग में जल रहे मणिपुर में शांति के लिए ठोस प्रयास शुरू हो गए है। यहां के राज्यपाल के रूप में पूर्व गृह सचिव अजय कुमार भल्ला को राज्यपाल नियुक्त किया गया है। कौन हैं अजय कुमार भल्ला?: अजय कुमार भल्ला असम-मेघालय कैडर के 1984 बैच के आईएएस अधिकारी हैं और पंजाब के जालंधर से आते हैं। अजय भल्ला, हाल ही में केंद्रीय गृह सचिव के पद से सेवानिवृत्त हुए हैं और अब मणिपुर में राज्यपाल की जिम्मेदारी संभालेंगे। वे लक्ष्मण प्रसाद आचार्य की जगह लेंगे, जिन्हें हिंसा प्रभावित मणिपुर का अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया था। अजय कुमार भल्ला का कार्यकाल केंद्रीय गृह सचिव के रूप में अगस्त 2024 में खत्म हुआ। भल्ला ने अगस्त 2019 में गृह सचिव के रूप में पदभार संभाला था और इस पद पर उनका कार्यकाल सबसे लंबा रहा। केंद्रीय गृह सचिव के तौर पर भल्ला ने देश के सुरक्षा, आंतरिक मामलों और कई संवेदनशील मामलों में महत्वपूर्ण निर्णय लिए थे। उनके कार्यकाल में गृह मंत्रालय ने कई जटिल सुरक्षा और कानून-व्यवस्था मुद्दों से निपटा है। वही दूसरी ओर मैतेई राजा पम्हीबा ने हिंदू धर्म को राजधर्म बना दिया था और अपने राज्य कांगलीपक का नाम बदलकर मणिपुर कर दिया था। भारत के पूर्वोत्तर राज्य मणिपुर कुकी और मैतेई के बीच जातीय हिंसा के कारण पिछले कुछ समय से चर्चा में है।पिछले वर्ष मई से इंफाल घाटी स्थित मैतेई और समीपवर्ती पहाड़ियों पर स्थित कुकी-जो समूहों के बीच जातीय हिंसा में 250 से अधिक लोग मारे गए हैं और हजारों लोग बेघर हो गए हैं। एलबीपीए से 44 सप्ताह के कड़े प्रशिक्षण के बाद सोमवार को कुल 1,946 रंगरूट स्नातक हुए थे। इनमें मैतेई, कुकी, नगा, मुस्लिम और अन्य समुदायों के रंगरूट शामिल थे। पुराने जमाने में राजा-महाराजा मणिपुर से यहां आकर शरण लेते थे और रहते थे यहांं मैतेई। कुकी युवाओं ने एक साथ प्रशिक्षण लिया है, इन्हें एक साथ ही पाेस्टिंग दी जाएगी मणिपुर में स्थाई शांति बहाल करने के लिए यह सभी मिलकर काम करेंगे।मुख्यमंत्री बीरेन सिंह ने देरगांव स्थित लाचित बरफूकन पुलिस ट्रेनिंग अकादमी में पासिंगआउट परेड समारोह में भाग लेने के बाद पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे।उन्होंने कहा कि बीते वर्ष 3 मई से मणिपुर की खराब स्थिति के कारण मणिपुर पुलिस के दो बैच की वहां ट्रेनिंग नहीं हो सकी। उन्होंने कहा कि वह असम के मुख्यमंत्री डॉ. हिमंत बिस्व सरमा का हृदय से आभार व्यक्त करते हैं कि उन्होंने ऐसी स्थिति में असम पुलिस के इस ट्रेनिंग सेंटर में मणिपुर पुलिस के जवानों को ट्रेनिंग दिया। उन्होंने इसके लिए असम के पुलिस महानिदेशक जीपी सिंह तथा स्पेशल डीजीपी हरमीत सिंह को भी धन्यवाद दिया।मुख्यमंत्री बीरेन ने कहा कि आज का पासिंग आउट परेड देखने के बाद पता चलता है कि किस प्रकार से हमारे बच्चों को ट्रेनिंग देकर दक्ष पुलिसकर्मी बनाया गया है। उन्होंने कहा कि इनका परफॉर्मेंस देखकर एक अभिभावक के नाते आज उन्हें बहुत ही अच्छा लग रहा है. उन्होंने मणिपुर के लोगों की ओर से मुख्यमंत्री तथा असम के मंत्रियों को धन्यवाद दिया। एक प्रश्न के उत्तर में बीरेन सिंह ने कहा कि इस ट्रेनिंग के दौरान यहां जिस प्रकार कुकी और मैतेई युवाओं ने साथ एक साथ काम किया, उसी तरह से उन्हें वहां भी साथ काम में लगाया जाएगा। उन्होंने कहा कि मणिपुर में स्थाई शांति बहाल करने के लिए ये सभी मिलकर काम करेंगे। मणिपुर में पहले ऐसी स्थिति नहीं थी. सभी आपस में मिलकर रह रहे थे। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस टीम को तोड़ा नहीं जाएगा। सभी का एक साथ पोस्टिंग किया जाएगा. मणिपुर की जो एकता पहले थी, उसे फिर से बहाल रखने की कोशिशें की जा रही हैं। मणिपुर की स्थिति को नियंत्रित करने संबंधी उपाय के विषय में पूछे जाने पर मुख्यमंत्री बीरेन सिंह ने कहा कि स्थिति जटिल जरूर है, लेकिन उसको नियंत्रित करने की कोशिशें की जा रही हैं। उन्होंने कहा कि धीरे-धीरे मणिपुर में शांति बहाल हो रही है। बांग्लादेश तथा म्यांमार से होने वाले घुसपैठ से संबंधित सवाल पर उन्होंने कहा कि यह समस्या सिर्फ मणिपुर की नहीं, बल्कि असम, मिजोरम, त्रिपुरा, अरुणाचल प्रदेश, मेघालय आदि सभी राज्यों की है. हम सभी मिलकर इसका समाधान करने में लगे हुए हैं।घुसपैठ सभी जगह हो रहा है, उसे रोकने की कोशिश की जाएगी।उल्लेखनीय है कि हिंसा से प्रभावित मणिपुर में वर्ष 2019 में पुलिस में 1946 जवानों की भर्ती की गई थी, लेकिन इनका प्रशिक्षण नहीं हाे पा रहा था. बाद में मणिपुर पुलिस के इन कैडेटाें काे असम के देरगांव में स्थित लाचित बरफूकन पुलिस अकादमी में लाकर इस वर्ष प्रशिक्षण दिया गया। बड़ी मात्रा में विस्फोटक बरामद, लगातार जांच जारी : भारतीय सेना की ओर से दी गई जानकारी में कहा गया है कि मणिपुर के चुराचांदपुर जिले के लीसांग गांव में आईईडी की मौजूदगी की खुफिया जानकारी के आधार पर कार्रवाई करते हुए, स्पीयर कोर के तहत असम राइफल्स इकाई और मणिपुर पुलिस ने एक संयुक्त तलाशी अभियान शुरू किया और इंफाल-चुराचांदपुर मार्ग पर एक पुल के नीचे 3.6 किलोग्राम विस्फोटक, डेटोनेटर, कॉर्डटेक्स और अन्य सामान बरामद किया।
सोमवार से किया जा रहा है छापा: इससे पहले मणिपुर में सुरक्षा बलों द्वारा चलाए गए तलाशी अभियान के दौरान इंप्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस (आईईडी), देसी रॉकेट और अन्य हथियार एवं गोला-बारूद जब्त किए गए। पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि गुप्त सूचना के आधार पर कार्रवाई करते हुए सुरक्षा बलों ने सोमवार को चुराचांदपुर जिले के तेइजांग गांव में तलाशी अभियान चलाया और तीन देसी रॉकेट, एक राइफल एवं मैगजीन, चार पिस्तौल एवं मैगजीन, छह देसी बम तथा 45 कम तीव्रता वाले विस्फोटक एवं अन्य कारतूस जब्त किए।लगातार मिल रहे हैं हथियार: इंफाल पूर्वी जिले के मारिंग संदंगसेंगबा के साथ लगे नगारियान पर्वतीय क्षेत्र में एक अन्य अभियान के दौरान सुरक्षा बलों ने मैगजीन के साथ 7.62 एमएम की एलएमजी (लाइट मशीन गन), एक सिंगल बैरल बंदूक, नौ एमएम की एक पिस्तौल और दो ग्रेनेड तथा अन्य कारतूस भी जब्त किए। ( बांग्लादेश बोर्डर से अशोक झा )
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