- अपनी अस्मिता बचाने के लिए भारतीय बॉडर तक भागकर आई, सकुशल पहुंचाया घर
- इस्कॉन से जुड़े साधुओं की हत्या और महिलाओं के साथ दुराचार का दिया जा रहा धमकी
बांग्लादेश में शेख़ हसीना सरकार के जाने और अंतरिम सरकार के आने के बाद से ही भारत और बांग्लादेश के बीच संबंध तनाव के दौर से गुज़र रहे हैं।उत्तर बंगाल के भारत-बांग्लादेश सीमा इसका ताजा उदाहरण है। बांग्लादेश से अपनी स्मिता बचाने के लिए एक नाबालिक बिटिया भारतीय सीमा तक पहुंच गई। उसे चोपड़ा थाना के माध्यम से सकुशल उसे घर पहुंचाया गया।
क्या है पूरा मामला: बांग्लादेश में प्रताड़ित होने के बाद जान बचाने के लिए एक नाबालिग बंगाल के बीएएसएफ 17 वीं बटालियन फतेहपुर बीओपी के पास जा पहुंच गई। जवानों ने जब उसे देखा तो उससे सारी जानकारी ली। बॉर्डर पर मौजूद जवानों ने नाबालिग को हिरासत में लेकर उत्तर दिनाजपुर के चोपड़ा ब्लॉक के फतेपुर बीओपी इलाके से चोपड़ा थाने की पुलिस को सौंप दिया। नाबालिग ने बताया कि वह बांग्लादेश के पंचागढ़ जिले की रहने वाली है। उसका परिवार इस्कॉन से जुड़ा हुआ है।नाबालिग के नाना ने बताया कि बांग्लादेश में इस्कॉन से जुड़े परिवारों को उपद्रवी लगातार धमकी दे रहे हैं कि उनकी बच्चियों को उठा ले जायेंगे। अपनी स्मिता बचाने का कोई रास्ता न मिलने पर भारत भागने पर मजबूर होना पड़ा। नाबालिग के नाना ने कहा कि बच्ची के पिता लकवा ग्रस्त दिव्यांग है और मां भी बीमार है जिन्हें अपनी बच्ची की सुरक्षा की चिंता हो रही थी।परिजनों ने उसे भेज दिया। बच्ची कैसे यहां पहुंची यह एक लंबी कहानी है। बच्ची काफी डरी सहमी हुई है। परिजनों ने बताया कि इस्कॉन से जुड़े लोगो के साथ दुष्कर्म, हत्या जैसी जघन्य घटनाएं हो रही हैं। उन्होंने कहा कि भारत सरकार तुरंत हस्तक्षेप करे और बांग्लादेश में रहने वाले हिंदुओं की सुरक्षा को सुनिश्चित किया जाना चाहिए। नाबालिग जलपाईगुड़ी के बेलाकोबा में एक रिश्तेदार के घर जाने वाली थी। चोपड़ा थाना के आइसी सूरज थापा ने बेलाकोबा के रिश्तेदारों का फोन नंबर लेकर उन्हें रात में चोपड़ा थाने बुलाया।पूछताछ के बाद पुलिस और बीएसएफ के सीनियर अफसरों ने कानूनी कार्रवाई की। मानवता का परिचय देते हुए जिला बाल कल्याण संघ के माध्यम से नाबालिग बेटी को घर भेजने की व्यवस्था की है। ( बांग्लादेश बॉर्डर से अशोक झा )
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