- बंगाल, बिहार , असम समेत अन्य सीमांत राज्यों में तैयार किया है स्लीपर सेल
बांग्लादेशी रोहिंग्या घुसपैठ के बल युवाओं को कर रहा माइंडवाँस
- आतंकी संगठन के काडरों को पनपाया जा रहा है जमातील मुजाहिदीन बांग्लादेश और अंसारुल बांग्लादेश
बाग्लादेश की अस्थिरता से खतरे दिनोंदिन बढ़ते जा रहे हैं। अब तो उनके आतंकी हमारी दहलीज तक आ पहुंचे हैं। असम, केरल और पश्चिम बंगाल एफटीएफ ने एक बड़े टेरर माड्यूल का भंडाफोड़ करते हुए 8 आतंकियों को गिरफ्तार किया है। जिससे वह भारत की अखंडता और एकता को बिगड़ने की कोशिश में लगे हुए हैं। उसके पास से मिली किताब की कुछ तस्वीरें हाथ लगी है। जिसे भारतीय खुफिया एजेंसियों के मुताबिक बांग्लादेश में तैयार किया गया है और उसे भारतीय युवाओं के बीच में बांटा जा रहा है। इस किताब में ऐसे अनुच्छेद हैं जिसमें भारतीय युवाओं को कहा गया है कि वह जिहाद करें। वह शास्त्र उठाएं और भारतीय व्यवस्था को तहस-नहस कर दें।इसमें एक बांग्लादेशी आतंकी है। खास बात ये कि इनका इरादा सिर्फ देश में दहशत फैलाना नहीं, बल्कि हमारी गर्दन काटने का था। ये उस सिलिगुड़ी कॉरिडोर को भारत से अलग करना चाहते थे, जिसे हम 'चिकन नेक' के नाम से जानते हैं। यही कारण है कि केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने एसएसबी स्थापना दिवस को संबोधित करते हुए कहा था कि सिलीगुड़ी और आसपास के इलाकों की सुरक्षा में एसएसबी की रणनीतिक और महत्वपूर्ण भूमिका पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा कि महानंदा और तीस्ता नदियों के बीच स्थित सिलीगुड़ी कॉरिडोर एक महत्वपूर्ण मार्ग है जो पूर्वोत्तर राज्यों को शेष भारत से जोड़ता है। शाह ने कहा, "अब समय आ गया है कि दो मित्रवत पड़ोसियों के साथ हमारी सीमाओं के माध्यम से घुसपैठ को पूरी तरह से रोक दिया जाए। हमें भारत को नुकसान पहुंचाने के इरादे से सीमा पार करने वाले प्रत्येक व्यक्ति को पकड़ना होगा।
खतरनाक संगठन कर रहे थे सपोर्ट: सूत्रों ने बताया है कि असम पुलिस ने हाल ही में जो युवकों को गिरफ्तार किया है उसमें एक बांग्लादेशी नागरिक भी शामिल है। वह भारत में धार्मिक विचारधारा के आधार पर आतंकवाद फैलाने की फिराक में थे। असम, पश्चिम बंगाल और केरल सहित उत्तर भारत में उनका पूरा नेटवर्क फैला था और बांग्लादेश में अलकायदा और ग्लोबल टेरेरिस्ट नेटवर्क जैसे खतरनाक संगठन उनका लगातार सपोर्ट कर रहे थे। जहरीली किताब का नाम 'खुत बातुल इस्लाम' : इस रैकेट का भंडाफोड़ करने वाली असम पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स ने गिरफ्तार किए गए आरोपियों के पास से वह किताब बरामद की है। इसके आधार पर वह भारतीय युवाओं को बरगला रहे थे और भारतीय व्यवस्था के खिलाफ उकसा रहे थे। यह एक धार्मिक किताब है।इसमें जिहाद का जिक्र है। इस किताब का मकसद गलत धार्मिक परिभाषा के जरिए युवाओं को भड़काना है।
किताब के जरिए युवाओं को राष्ट्रविरोधी गतिविधियों में लिप्त करना है, खुफिया एजेंसी सूत्रों के मुताबिक बांग्लादेश में तैयार की गई इस किताब का नाम 'खुत बातुल इस्लाम' है।दरअसल कुछ महीनों पहले जैसे बांग्लादेश में सत्ता परिवर्तन हुआ कट्टरवादी संगठन वहां पर सक्रिय हो गया है। सत्ता परिवर्तन के बाद उन्हें खुली छूट मिल गई है कि बांग्लादेश की धरती पर पाकिस्तान की शहर पर भारत के खिलाफ एजेंडे को फैलाना है। इस जहरीली किताब की तस्वीरें हैं मोबाइल की फुटेज है। इसके अलावा गिरफ्तार किए गए आरोपियों से पूछताछ के आधार पर जो डिटेल सामने आए हैं उसका विवरण है। इसके मुताबिक बाकायदा बांग्लादेश में मौजूदा शासन की शहर पर अलकायदा इंटरनेशनल ग्लोबल टेरेरिस्ट नेटवर्क जमातील मुजाहिदीन बांग्लादेश और अंसारुल बांग्लादेश जैसे आतंकी संगठन के काडरों को पनपाया जा रहा है। इसी कोशिश का नतीजा था कि आठ लोगों की जो गिरफ्तारी हुई है। वह अलकायदा इंटरनेशनल आतंकी संगठन की विचारधारा से प्रभावित थे। जो केरल, बिहार सीमांत, पश्चिम बंगाल, असम और उत्तर भारत में यह युवाओं को बरगलाने में जुटे हुए थे और इस किताब के जरिए वह विचारधारा उन युवाओं के अंदर थोप रहे थे।कई बड़े शहर इस नेटवर्क के निशाने पर: इस रैकेट कुड़ियों को खंगाल तो पाया धुबरी, किशनगंज, पूर्णिया, अररिया, कटिहार, गुवाहाटी मालदा कोलकाता जैसे कई शहर थे जो इस नेटवर्क के निशाने पर थे।अल-कायदा इंटरनेशनल जमातुल मुजाहिदीन बांग्लादेश और अंसारुल बांग्लादेश टीम के मुखिया सीधे तौर पर इन कारों को निर्देश दे रहे थे और इस किताब की कॉपी उनको सप्लाई की है। असम एसटीएफ प्रमुख पार्थ सारथी महंत के निर्देश में ऑपरेशन को अंजाम दिया गया। जिसमें पूरे रैकेट का भंडाफोड़ हुआ है, जो बांग्लादेश में सत्ता परिवर्तन के बाद भारत विरोधी गतिविधियों में लिप्त थे. कुछ महीना पहले नेशनल इन्वेस्टिगेटिंग एजेंसी ने असम पुलिस समिति अलग-अलग राज्यों की पुलिस को अलर्ट किया था और इस अलर्ट के आधार पर असम पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स ने यह कार्रवाई शुरू की. इसके बाद उन्होंने बांग्लादेश में पनप रहे भारत विरोधी इस एजेंट का भंडाफोड़ किया। चौंकाने वाली बात यह है कि पाकिस्तान की शह पर भारत विरोधी इस एजेंडे को पनपाया जा रहा है उसको पाला पोसा जा रहा है। फिलहाल 8 लोग इस मॉड्यूल के गिरफ्तार किए गए हैं। लेकिन कितने स्लीपर सेल के काडर इस मॉड्यूल ने तैयार किए हैं यह खुफिया सुरक्षा एजेंसियां तफ्तीश कर रही हैं।रिपोर्ट्स के मुताबिक, पाकिस्तान रोहिंग्या युवाओं को ट्रेनिंग के लिए निशाना बना रहा है. इन्हें विशेष तौर पर प्रशिक्षित किया जा रहा है ताकि ये पूर्वोत्तर भारत में हिंसक गतिविधियों को अंजाम दे सकें। जानकारों के मुताबिक, रोहिंग्याओं का इस्तेमाल कर पाकिस्तान एक तरफ अंतरराष्ट्रीय दबाव से बचने की कोशिश कर रहा है, वहीं दूसरी तरफ पड़ोसी देशों में अस्थिरता पैदा करने की कोशिश कर रहा है। इस बीच बांग्लादेश की सुरक्षा एजेंसियां भी इस मुद्दे पर आगे बढ़ी हैं. उन्होंने रोहिंग्या शिविरों में निगरानी बढ़ा दी है और संभावित आतंकवादी गतिविधियों को रोकने के लिए उपाय कर रहे हैं। इस साजिश को रोकने के लिए भारत और बांग्लादेश के संयुक्त प्रयास की योजना है. लेकिन इस मामले की गहन जांच की जरूरत है। विश्लेषकों का कहना है कि यह साजिश सिर्फ एक देश के खिलाफ नहीं है, बल्कि पूरे क्षेत्र की सुरक्षा के लिए बड़ा खतरा है. इसलिए बांग्लादेश और भारत की ठोस कार्रवाई अब बहुत महत्वपूर्ण है। ( बांग्लादेश बोर्डर से अशोक झा )
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