- कूचबिहार से मालदा समेत बिहार झारखंड के सीमावर्ती क्षेत्रों में बनाया जा रहा है पैठ
बांग्लादेश बॉर्डर से अशोक झा: एनआईए (राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण) ने बंगाल समेत देशभर में कई स्थानों पर एक साथ छापेमारी की। यह छापेमारी बांग्लादेशी नागरिकों द्वारा भारत में प्रतिबंधित आतंकी संगठन अल-कायदा की गतिविधियों को बढ़ावा देने से जुड़ी थी। एनआईए ने अहमदाबाद से गिरफ्तार चार बांग्लादेशी अलकायदा आतंकियों से पूछताछ के आधार पर गत दिनों उत्तर बंगाल के बांग्लादेश सीमावर्ती तीन स्थानों पर तलाशी ली थी। फुलबाड़ी के अलावा, कूचबिहार के हल्दीबाड़ी और कोलकाता के बेनियापुकुर के कांटोफर लेन में भी तलाशी ली गई। कूचबिहार के एक साधारण भिखारी परिवार के घर एनआईए (राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण) ने छापा मारा। इस दौरान, विश्वजीत बर्मन नामक एक युवक के घर पर तलाशी ली गई। एनआईए सूत्रों के अनुसार, विश्वजीत कट्टरपंथी संगठन अलकायदा से जुड़ा हुआ था और आतंकवादी नेटवर्क से संपर्क स्थापित करने वाले एक बिचौलिये के रूप में काम कर रहा था।
यह कार्रवाई एक बड़े जांच का हिस्सा है, जो 2023 में अहमदाबाद में एटीएस (एंटी टेररिज्म स्क्वाड) द्वारा किए गए ऑपरेशन से शुरू हुई थी। उस समय छह बांग्लादेशी नागरिकों को गिरफ्तार किया गया था, जो फर्जी भारतीय दस्तावेजों के जरिए भारत में प्रवेश कर रहे थे और अलकायदा आतंकवादी संगठन से जुड़े हुए थे। इन आरोपियों से प्राप्त जानकारी के आधार पर एनआईए ने अपनी जांच आगे बढ़ाई। तलाशी के दौरान, विश्वजीत बर्मन घर पर मौजूद नहीं था, लेकिन उसकी मां, राखी बर्मन ने बताया कि जांच एजेंट्स ने घर के हर कोने में तलाशी ली। इस घटना के बाद स्थानीय लोगों में दहशत फैल गई, क्योंकि विश्वजीत एक सामान्य भिखारी परिवार का बेटा था। एनआईए की जांच अभी भी जारी है और जल्द ही चार्जशीट दाखिल करने की योजना है। रिपोर्ट्स के मुताबिक NIA ने ऐसी 9 जगहों पर रेड की जो अल-कायदा की गतिविधियों का समर्थन और उन्हें कथित तौर पर फंड मुहैया कराने वाले संदिग्ध लोगों से जुड़े थे।क्या है प्रतिबंधित आतंकी संगठन अल-कायदा, NIA क्यों अलर्ट पर है, क्या है पूरा मामला? समझते है। क्या है अल-कायदा: अल-कायदा (Al-Qaida) एक सुन्नी इस्लामवादी संगठन है, जिसे भारत समेत दुनिया के तमाम देशों ने आतंकी संगठन घोषित कर रखा है. इसकी स्थापना ओसामा बिन लादेन और अब्दुल्लाह आज़म ने 1980 के दशक में की थी. अल-कायदा ने सबसे पहले चेचेन्या में रूस के ख़िलाफ़ लड़ाई लड़ी और उसके बाद दुनिया के अलग-अलग हिस्सों में ऐसी लड़ाइयों में हिस्सा लेने लगा, जिसके बारे में उसने दावा किया कि वहां मुसलमानों पर अत्याचार हुए।अलकायदा का सबसे खतरनाक हमला 2001 में अमेरिका पर था, जिसे 9/11 के नाम से जानते हैं. इस हमले में 3000 लोगों की जान गई. बाद में अमेरिका ने ओसामा बिन लादेन को मार गिराया. दुनिया के तमाम देशों ने इस संगठन पर कड़े प्रतिबंध लगा दिये। इसके बावजूद अल-कायदा फलता-फूलता रहा।बांग्लादेश से क्या कनेक्शन:
NIA के मुताबिक अल-कायदा का बांग्लादेश बेस्ड एक नेटवर्क है, जो भारत के खिलाफ हमले की साजिश रच रहा है और युवाओं को चरमपंथी गतिविधियों के लिए उकसा रहा है. राष्ट्रीय जांच एजेंसी कई महीनों से इसकी पड़ताल कर रही है. एजेंसी ने एक बयान में कहा कि 11 नवंबर की रेड NIA की 2023 से चल रही जांच का हिस्सा थी. जिसमें कई गिरफ्तारियां भी हुई थीं. इन पर आरोप था कि इनका उद्देश्य अल-कायदा की आतंकवादी गतिविधियों को फैलाना और भारत में भोले-भाले युवाओं को कट्टरपंथी बनाना था। पिछले साल नवंबर में एनआईए ने पांच आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की थी, जिनमें चार मोहम्मद सोजीब मियां, मुन्ना खालिद अंसान उर्फ मुन्ना खान, अजरुल इस्लाम उर्फ जहांगिर या आकाश खान और अब्दुल लतीफ उर्फ मोमिनुल अंसारी बांग्लादेशी नागरिक शामिल थे. पांचवां आरोपी फरीद भारतीय नागरिक था. एनआईए की जांच में पता चला कि आरोपियों ने अपनी गतिविधियों को गुप्त रूप से अंजाम देने के लिए जाली दस्तावेज तैयार किए थे. एनआईए के अनुसार वे भारत में मुस्लिम युवाओं को कट्टरपंथी बनाने और प्रेरित करने, अल-कायदा की हिंसक विचारधारा फैलाने, धन जुटाने और इस धन को संगठन को पहुंचाने में सक्रिय रूप से शामिल थे।ताजा छापेमारी कहां हुई, क्या मिला
ताजा छापामेरी जम्मू-कश्मीर, कर्नाटक, पश्चिम बंगाल, बिहार, त्रिपुरा और असम में उन लोगों के यहां हुई जो बांग्लादेश बेस्ड अलकायदा नेटवर्क के समर्थक हैं। NIA द्वारा जारी एक बयान के अनुसार, छापेमारी के दौरान कई आपत्तिजनक दस्तावेज बरामद हुए हैं, जिनमें बैंक स्टेटमेंट, कई डिजिटल डिवाइस, जैसे- मोबाइल फोन और आतंकवादियों के साथ संबंध और उन्हें धन मुहैया कराने से संबंधित कई अन्य सबूत भी मिले. NIA की रेड ऐसे वक्त में हुई, जब हाल ही में केंद्र सरकार ने बांग्लादेशी आतंकी संगठन जमात-उल-मुजाहिदीन बांग्लादेश (JMB) को लेकर अलर्ट जारी किया है। एक रिपोर्ट के मुताबिक केंद्र सरकार ने हाल ही में त्रिपुरा में खुफिया और सुरक्षा एजेंसियों को सतर्क किया है कि वे आतंकवादी संगठन के सदस्यों, विशेष रूप से जमात-उल-मुजाहिदीन बांग्लादेश (JMB), के बांग्लादेश से त्रिपुरा के माध्यम से भारतीय क्षेत्र में घुसपैठ की संभावित कोशिश पर नजर रखें। इस साल मई में, एनआईए ने एक तस्कर, जलिल मियां को गिरफ्तार किया, जिसे बांग्लादेशी नागरिकों और रोहिंग्याओं को नॉर्थ ईस्ट से भारत में तस्करी का मास्टर माइंड माना जा रहा है।बांग्लादेशी अलकायदा आतंकी गिरफ्तार: पूर्व कोलकाता के बेनियापुकुर इलाके में एक फ्लैट में तलाशी के बाद एनआईए के हाथ यह जानकारी लगी है। केंद्रीय जांच एजेंसी ने उक्त ट्रैवल एजेंट को पूछताछ के लिए तलब किया है। एजेंट ने अपनी दुकान बंद कर दी है। फिलहाल वह ऐप बाइक ड्राइवर है। खुफिया सूत्रों के मुताबिक पिछले साल मई में गुजरात पुलिस की आतंक निरोधी शाखा ने चार बांग्लादेशी अलकायदा आतंकियों को गिरफ्तार किया था। बाद में एनआईए ने इन्हें अपनी हिरासत में ले लिया। जांच में हुए कई खुलासे: एनआईए को पता चला कि ये कुछ साल पहले बांग्लादेश की सीमा पार करके कोलकाता आए थे। यहां एक किराए के घर में रहते थे। फर्जी पहचान पत्र दिखाकर कोलकाता के होटल में भी ठहरे थे।
अलकायदा ने उन पर देश के अलग-अलग राज्यों में जाकर उन लोगों से बात कर फंड इकट्ठा करने का दायित्व दिया जो आतंकी समूह से सहानुभूति रखते थे। इसके लिए ये चारों आतंकी देश के अलग-अलग राज्यों में जाने लगे।
वह इंटरनेट मीडिया पर संवाद के जरिए युवाओं का ब्रेन वाश करते थे। चारों के मोबाइल की जांच के बाद एनआईए अधिकारियों को कुछ मोबाइल नंबर मिले।
पता चला कि एक मोबाइल नंबर पर कई बार काल की गई थी। उस शख्स के मोबाइल नंबर के आधार पर एनआईए ने फ्लैट में छापेमारी की।
देश भर में यात्रा का टिकट खरीदते थे आतंकी: फ्लैट में रहने वाले व्यक्ति ने अधिकारियों को बताया कि मोबाइल नंबर उसके रिश्तेदार का ही है। युवक परिवार के साथ दूसरे इलाके में रहता है। युवक की न्यू मार्केट इलाके में दुकान थी। उसी की दुकान से अलकायदा आतंकी देश भर में यात्रा का टिकट खरीदते थे।
जानबूझकर अलकायदा आतंकियों की मदद: लॉकडाउन के बाद युवक का कारोबार चौपट होने लगा। उसने दुकान बंद कर दी। अब एप बाइक चलाता है। एनआईए अधिकारी इस बात की जांच कर रहे हैं कि क्या उस युवक ने जानबूझकर अलकायदा आतंकियों की मदद की थी या नहीं? विस्तृत जानकारी के लिए उससे पूछताछ की जाएगी।
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