पाकिस्तान में हिंदुओं के साथ यह दृश्य आम है लेकिन धर्म का चोला ओढ़कर सियासत करने वालों को इससे कोई फर्क नहीं पड़ता।यह दृश्य देखकर किसी भी इंसान की आंखे नम हो सकतीं हैं।लेकिन वहाँ अब इंसान नहीं लगभग सब राक्षस रहते हैं..
यह खबर यही बताती है कि इस्लामिक गणराज्य पाकिस्तान में हिंदू जीवन का कोई मूल्य नहीं है!गत दिनों पाकिस्तान के सिंध में एक गरीब हिंदू किसान चमन कोलही ने अपने तीन मासूम बच्चों के साथ आत्महत्या कर ली।पाकिस्तानी हिंदुओं में आत्महत्या की दर दुनिया में सबसे ज्यादा है।पाकिस्तानी राज्य द्वारा असंख्य तरीकों से हिंदुओं के साथ भेदभाव किया जाता है। हिंदू बहुल आबादी वाले क्षेत्रों में कोई विकास नहीं होता है, रोजगार के अवसर दुर्लभ हैं, बाढ़ जैसी प्राकृतिक आपदाओं के दौरान उन्हें सरकारी राहत से भी वंचित किया जाता है।कम उम्र की हिंदू लड़कियों का अपहरण, जबरन धर्म परिवर्तन और निकाह बड़े पैमाने पर हो रहा है और हर दिन कई मामले सामने आ रहे हैं।
फिर भी, उनकी दुर्दशा को दुनिया ने नजरअंदाज कर दिया है,संयुक्त राष्ट्र संघ और अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग भी हिंदुओ के साथ कहीं भी क्रूरता की खबर पर चुप्पी साध लेता है।विश्व का दारोगा अमेरिका को भी इसमें कुछ असहज नहीं दिखता ! अभी अभी बंग्लादेश में हो रहे हिंदुओं के नरसंहार ने उसके चेहरे की चमक मटमैला कर दिया है।
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