अनूठी यादे जुड़ी है इस जगह से…संन्यासी बाबा के साथ जीवन के आध्यात्मिक पलों को यहाँ जिया था सरकार ने…आज वो जो भी है संन्यासी बाबा की देन है…संन्यासी बाबा का अंतिम संस्कार भी यही हुआ था…जिन पलों को पूज्य सरकार जीवन पर्यंत नहीं भूल सकते…माँ गंगा के आग़ोश में पूज्य सरकार हर वर्ष पहुँचते है गया जाने के क्रम में किसी और जगह से अचानक मन परिवर्तित हुआ और पूज्य सरकार की सवारी मणिकर्णिका घाट की ओर निकल पड़ी…पूरा पुलिस महकमा और सुरक्षा कर्मी हतप्रभ…आनन फ़ानन में उच्च अधिकारी भी पहुँचे….लेकिन हमारे सरकार तो है सरकार….पहुँच गए मणिकर्णिका घाट पर और निहारते रहे जीवन के शाश्वत सत्य को….चिता धूं धूं जल रही थी और वहाँ खड़े लोग किनकर्तव्यमूढ़ बने पूज्य सरकार को निहार रहे थे…एक सेवक ने पूछा गुरुदेव क्या आदेश…पूज्य सरकार ने कहा इस जगह पर जीवन का अंतिम सत्य लिखा जाता है…ये सबका अंतिम मंज़िल है यही सत्य है…धन्य है आप गुरुदेव…आपकी सोच को नमन….
काशी के महाश्मशान पर जलती चिताओं के बीच चिंतन की धुनी जमाए बागेश्वर सरकार
सितंबर 27, 2024
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