बांग्लादेश बॉर्डर से अशोक झा: मणिपुर सरकार द्वारा घाटी के पांच जिलों में सभी इंटरनेट सेवाओं पर अस्थायी प्रतिबंध लगाए जाने के तीन दिन बाद, अधिकारियों ने ब्रॉडबैंड सेवाओं पर प्रतिबंध सशर्त हटाने की घोषणा की। आयुक्त (गृह) एन. अशोक कुमार ने कहा, "राज्य सरकार ने ब्रॉडबैंड सेवा (आईएलएल और एफटीटीएच) के मामले में प्रतिबंध को उदार तरीके से सशर्त हटाने का एक सुविचारित निर्णय लिया है, जो नियमों और शर्तों को पूरा करने के अधीन है।"
मणिपुर में मैतेयी और कुकी के बीच हो रही नस्लीय हिंसा में कई हाईटेक हथियारों का इस्तेमाल हो रहा है। इन हथियारों का पता करने के लिए मीडिया ने मणिपुर हिंसा से जुड़े दर्जनों वीडियो खंगाले। साथ ही मणिपुर पुलिस द्वारा 1 जून 2023 से 12 सितंबर 2024 तक जब्त हथियारों का एनालिसिस किया।पता चला कि कुकी विद्रोही भारतीय हथियारों के अलावा चीन, अमेरिका, इंग्लैंड और म्यांमार में बने हथियारों का इस्तेमाल कर रहे हैं। इनमें अधिकतर वैसे हथियार हैं, जिनका इस्तेमाल भारतीय सिक्योरिटी फोर्सेस भी करती हैं।जैसे- एके-47, इंसान, इसापोर फैक्ट्री में बनी 7.64 मिलिमीटर की सेल्फ लोडिंग राइफल्स और स्टन कार्बाइन।
भारत में बनी एडवांस स्वदेशी 'घातक' गन को भी मणिपुर पुलिस ने सीज किया है। सबसे बड़ी दिक्कत और चिंता की बात है विदेशी हथियार। जैसे- M4 कार्बाइन, ये ऐसी राइफल है, जिसका इस्तेमाल अमेरिका की तीनों सेनाएं करती हैं। अमेरिका में बनी AR-15 सेमी-ऑटोमैटिक राइफल और उसके बाद की M16 असॉल्ट राइफल। इसके अलावा जर्मनी में बनी हेकलर एंड कोच 5.56 राइफल्स। एके-47 का चीनी वैरिएंट एके-56, म्यांमार की MA1 MK-3, इसके अलावा ब्रिटेन में बनी एमके-5 राइफल भी कुकी विद्रोहियों के पास देखी गई हैं।सीज की गई हैं. कुकी पहाड़ों के ऊपर रहते हैं. जबकि मैतेयी समुदाय के लोग घाटियों में।।HE-36 Mills और MK-3A2 हैंड ग्रैनेड्स, इसके अलावा 51 मिलिमीटर और 81 मिलिमीटर के मोर्टार बम भी मिले हैं. इन्हें कुकी विद्रोही लोकल लॉन्चर से दागते हैं। ये लॉन्चर स्टील की पाइप से बनाए जाते हैं. जिन्हें पंपी कहते हैं। 51 mm वाला मोर्टार एक किलोमीटर और दूसरा वाला 5 किलोमीटर तक टारगेट कर सकता है।।टैंक उड़ाने लायक हाई-एक्सप्लोसिव एंटी-टैंक हथियार भी हैं। ताकि ये बख्तरबंद वाहनों को भी उड़ा सकें। कुकी नेशनल फ्रंट मिलिट्री काउंसिल या कुकी आर्मी के विद्रोहियों के पास RPG भी हैं। जिनमें 80 और 85 mm के ग्रैनेड दागे जाते हैं. आरपीजी के बारे में तब जानकारी मिली थी, तब चूराचंदपुर जिले के थांगजिंग पहाड़ियों पर कुकी विद्रोहियों का रेजिंग डे हो रहा था। कितने हथियार जब्त किए गए: पिछले साल मई से लेकर इस साल फरवरी तक कई जगहों पर पुलिस के हथियार डिपो को लूटा गया है. अभी तक सही आंकड़ा नहीं पता कि कितने हथियार लूटे गए हैं. लेकिन माना जाता है कि एक साल में कुकी विद्रोहियों ने 4000 हथियार लूटे हैं। मीडिया के एनालिसिस में यह पता चलता है कि मणिपुर पुलिस अन्य सिक्योरिटी फोर्सेस के साथ मिलकर चोरी किए गए हथियारों को वापस हासिल करने का प्रयास कर रही हैं. पिछले एक साल में अब तक मणिपुर पुलिस ने 161 जगहों से हथियार सीज किए हैं। 1 जनवरी से 10 सितंबर 2024 तक सबसे ज्यादा हथियार रिकवरी के 33 मामले कांगपोक्पी से है. इसके बाद पूर्वी इंफाल और थोबल में 25-25, चूराचंद्रपुर में 24, काकचिंग में 19 और बिष्णुपुर में 14. पूर्वी इंफाल में 1 सितंबर को ड्रोन से बम गिराने की घटना के बाद से पुलिस ने एंटी-ड्रोन सिस्टम भी तैनात कर दिया है।ऑपरेशन के दौरान हथियारों की जब्ती: संबंधित घटनाक्रम में, अभियान चला रहे सुरक्षा बलों ने चुराचांदपुर जिले के घने जंगलों में 7.5 फुट का एक देसी रॉकेट बरामद किया। मणिपुर पुलिस ने बताया कि अधिकारियों ने इन अभियानों के दौरान कई हथियार भी जब्त किए हैं।बरामद की गई वस्तुओं में एक संशोधित एम-16 राइफल, एक बड़े आकार का देशी मोर्टार, एक मध्यम आकार का देशी मोर्टार, तीन मध्यम आकार के बम लांचर, चार बम लांचर और तीन बम शामिल हैं। ये खोजें क्षेत्र में चल रही सुरक्षा चुनौतियों को रेखांकित करती हैं। ब्रॉडबैंड सेवाओं पर कुछ प्रतिबंध हटाने के सरकार के फैसले का उद्देश्य सार्वजनिक व्यवस्था बनाए रखने और आवश्यक संचार चैनलों को अनुमति देने के बीच संतुलन बनाना है। हालांकि, मोबाइल इंटरनेट पर लगातार रोक से सार्वजनिक सुरक्षा पर गलत सूचना के संभावित प्रभाव के बारे में चिंताएं उजागर होती हैं। यह सतर्क दृष्टिकोण, जारी तनाव के बीच सुरक्षा जोखिमों और कनेक्टिविटी के लिए जनता की मांग, दोनों को प्रबंधित करने के राज्य के प्रयासों को दर्शाता है।
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