बांग्लादेश के हालात से भारत बेहद चिंतित है। बांग्लादेश में शेख हसीना सरकार के गिरने के बाद से हिंदुओं पर लगातार हमले हो रहे हैं। मीडिया रिपोर्ट्स में यह दावा किया जा रहा है कि बड़ी संख्या में हिंदू बांग्लादेश छोड़ कर भारत आना चाहते हैं। बड़ी संख्या में बांग्लादेश के लोग बार्डर पर इकट्ठा हुए और भारत के खिलाफ जमकर नारेबाजी लगाई। हालांकि जीरो प्वाइअंट पर उन्हें बीएसएफ के जवानों ने रोक लिया इसका एक वीडियो शेयर किया है जिसमें भारत-बांग्लादेश बार्डर पर बड़ी संख्या में लोग एकत्र हुए नजर आ रहे हैं और उत्पात मचाते हुए उत्पात मचाते नजर आ रहे हैं और बीएसएफ के जवान उन्हें रोकते हुए नजर आ रहे हैं।बांग्लादेश में राजनीतिक संकट और हिंसा के बीच पड़ोसी देश से बड़ी संख्या में लोग भारत-बांग्लादेश सीमा पर एकत्र हुए हैं। उसका जो वीडियो शेयर किया गया हैं वो उत्तर बंगाल के कूचबिहार के सीतलकुची में पथनटुली का है।।कुछ लोग अवामी लीग का नाम लेकर नारे लगाने लगे। कुछ 'जय श्री राम' के नारे लगाते दिखे। ऐसा नजारा शुक्रवार को भारत-बांग्लादेश सीमा पर कूचबिहार के शीतलकुची के पाठानठुली में देखने को मिला। भारी संख्या में सुरक्षा बलों को यहां पर लगाया गया है। इसके बाद बांग्लादेश में कई जगहों पर हालाता बिगड़े हुए हैं। देश के कई हिस्सों में तोड़फोड़ और लूटपाट की शिकायतें आ रही हैं।ऐसे में कई बांग्लादेशी अपना घर छोड़कर शरण के लिए भारत आ रहे हैं। बुधवार को भी जलपाईगुड़ी के बेरुबारी में बांग्लादेश सीमा पर कई लोग एकत्र हुए थे। उस जगह पर कोई कंटीला तार नहीं है। बीएसएफ ने कहा कि वे जीरो पॉइंट पर इंतजार कर रहे थे। सभी भारत में प्रवेश की अनुमति चाहते हैं। हालांकि, बीएसएफ ने बॉर्डर गार्ड बांग्लादेश (बीजीबी) से बात करने के बाद उन्हें वापस भेज दिया। बांग्लादेश छोड़कर भारत आने के लिए सीतालकुची के पाठानठुली में सैंकड़ों लोग एकत्रित हुए। हालांकि, बीएसएफ ने उन्हें सीमा पर बाड़ लगाने से पहले ही रोक लिया। तभी वे लोग जीरो प्वाइंट पर जमीन पर बैठकर हसीना सरकार के समर्थन में नारे लगाने लगे। बीएसएफ सूत्रों के अनुसार, ये निवासी बांग्लादेश के लालमनिरहाट जिले के गाइबंदा, पश्चिम गोतामारी, पूर्वी गोतामारी, डाकातारी इलाकों से आए थे। जानकारी के मुताबिक वे बांग्लादेशी हसीना के समर्थन में नारे लगाने के अलावा 'भारत माता की जय', 'जय श्री राम' के नारे भी लगाते रहे।वे बांग्लादेशी बांग्लादेशी सीमा के बगल में डाक्वातारी में खरब नदी के तट पर एकत्र हुए। हालांकि, अंततः वे भारत में प्रवेश नहीं कर सके। सीमा पर तैनात बीएसएफ की 157 बटालियन के जवानों ने उन्हें जीरो प्वाइंट पर रोक लिया। लेकिन सीमा पर भारी दबाव महसूस किया जा रहा है।भारत आने की इजाजत देने के लिए पीएम मोदी के आभारी : जॉय
बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के बेटे सजीब वाजिद जॉय ने फिर कहा शेख हसीना का किसी भी देश में शरण लेने का कोई इरादा नहीं है। वे भारत में ही रहेंगी। इसके साथ ही कहा कि मां की जान बचाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आभारी हैं, उन्होंने बेहद कम समय में उन्हें भारत आने की इजाजत दी, वर्ना बांग्लादेश में उनकी हत्या हो सकती थी। जॉय ने कहा, देशभर में अवामी लीग के नेताओं और कार्यकर्ताओं पर हमले के बाद उनका नजरिया बदल गया है। यह मां का आखिरी कार्यकाल था। वे अगला चुनाव नहीं लड़तीं। मेरा भी राजनीति में आने का कोई मन नहीं था। लेकिन, पिछले दिनों जो कुछ हुआ, उससे पता चलता है कि देश के नेतृत्व में एक खालीपन आ गया है। देश के लोगों और पार्टी के कार्यकर्ताओं की खातिर मुझे राजनीति में उतरना होगा। जॉय ने कहा अवामी लीग अगले चुनाव में हिस्सा लेगी और उन्हें पूरा यकीन है कि वे चुनाव जीतेंगे। एजेंसीतख्तालट में आईएसआई का हाथ: ।जॉय ने पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई पर बांग्लादेश में हिंसा फैलाने का आरोप लगाया। जॉय ने कहा कि उन्हें ऐसे सबूत मिले हैं, जिनसे यह साफ हो जाता है कि अराजकता के पीछे आईएसआई का हाथ है। इसकी पूरी प्लानिंग की गई थी।अभी भी कई जगह अशांति का माहौल... बांग्लादेश में अभी भी कई जगहों पर अशांति का माहौल है। छुट्टी पर जा चुके पुलिस कर्मचारी भी धीरे-धीरे ड्यूटी पर आ रहे हैं। लेकिन देश भर में अल्पसंख्यक समुदाय या तो छिपा हुआ बैठा है अथवा पड़ोसी देशों की तरफ पलायन कर रहा है। जॉय ने कहा, ऐसे हालात की कभी कल्पना भी नहीं की थी।बांग्लादेश में हिंदू नरसंहार और मंदिरों का विध्वंस असहनीय
बांग्लादेश में शेख हसीना के तख्तापलट के बाद शुरू हुए हिंदुओं पर हमले को लेकर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) ने कहा है कि हिंदुओं का नरसंहार और मंदिरों का विध्वंस असहनीय है। इसके साथ ही सरकार से इस मामले में तुरंत दखल की मांग की है। आरएसएस के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले ने इस संबंध में बयान जारी कर कहा, बांग्लादेश में सत्ता परिवर्तन के आंदोलन के दौरान हिंदू, बौद्ध तथा वहां के अन्य अल्पसंख्यक समुदायों के साथ हो रही हिंसा की घटनाओं पर संघ चिंता व्यक्त करता है।हिंदुओं सहित अन्य अल्पसंख्यकों की लक्षित हत्या, लूटपाट, आगजनी, महिलाओं के साथ जघन्य अपराध और मंदिरों को नष्ट करने की संघ घोर निंदा करता है। इसके साथ ही कहा कि भारत सरकार इस मामले में बांग्लादेश की अंतरिम सरकार को ऐसी घटनाओं पर सख्ती से रोक लगाने के लिए कहा। (भारत बांग्लादेश सीमा से अशोक झा की कलम से)
जय हो
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