- 1970 से 1987 के बीच सबसे महंगे गायक के रूप में अपना नाम दर्ज कराया
अशोक झा
भारतीय फिल्म जगत के बहुमुखी प्रतिभा के धनी स्वर्गीय किशोर कुमार का जन्मदिन आज 4 अगस्त को है। इस दिन देशभर से हजारों की संख्या में उनके प्रशंसक खंडवा स्थित उनकी समाधि पर श्रद्धांजलि देने पहुंचते हैं। किशोर कुमार का असली नाम 'आभास कुमार गांगुली' था। किशोर कुमार का जन्म 4 अगस्त, 1929 ई. को खंडवा, मध्य प्रदेश में एक बंगाली परिवार में हुआ था। किशोर कुमार एक विलक्षण शख़्सियत रहे। हिन्दी सिनेमा की ओर उनका बहुत बड़ा योगदान है। किशोर कुमार के पिता कुंजीलाल खंडवा शहर के जाने माने वक़ील थे। किशोर चार भाई बहनों में सबसे छोटे थे। सबसे छोटा होने के नाते किशोर कुमार को सबका प्यार मिला। इसी चाहत ने किशोर को इतना हंसमुख बना दिया था कि हर हाल में मुस्कुराना उनके जीवन का अंदाज़बन गया। उनके सबसे बड़े भाई अशोक कुमार मुंबई में एक अभिनेता के रूप में स्थापित हो चुके थे और उनके एक और भाई अनूप कुमार भी फ़िल्मों में काम कर रहे थे। किशोर कुमार बचपन से ही एक संगीतकार बनना चाहते थे, वह अपने पिता की तरह वक़ील नहीं बनना चाहते थे। किशोर कुमार ने 81 फ़िल्मों में अभिनय किया और 18 फ़िल्मों का निर्देशन भी किया। फ़िल्म 'पड़ोसन' में उन्होंने जिस मस्त मौला आदमी के किरदार को निभाया, वही किरदार वे ज़िंदगी भर अपनी असली ज़िंदगी में निभाते रहे। हिन्दी सिनेमा में इलैक्ट्रिक संगीत लाने का श्रेय किशोर कुमार को जाता है।
किशोर कुमार के. एल. सहगल के गानों से बहुत प्रभावित थे और उनकी ही तरह गायक बनना चाहते थे। किशोर कुमार के भाई अशोक कुमार की चाहत थी कि किशोर कुमार नायक के रूप में हिन्दी फ़िल्मों के हीरो के रूप में जाने जाएं, लेकिन किशोर कुमार को अदाकारी की बजाय पार्श्व गायक बनने की चाहत थी। किशोर कुमार ने संगीत की प्रारंभिक शिक्षा कभी किसी से नहीं ली थी। किशोर कुमार की शुरुआत एक अभिनेता के रूप में फ़िल्म 'शिकारी' (1946) से हुई। इस फ़िल्म में उनके बड़े भाई अशोक कुमार ने प्रमुख भूमिका की थी। किशोर कुमार ने 1951 में फणी मजूमदार द्वारा निर्मित फ़िल्म 'आंदोलन' में हीरो के रूप में काम किया मगर फ़िल्म फ्लॉप हो गई। 1954 में किशोर कुमार ने बिमल राय की 'नौकरी' में एक बेरोज़गार युवक की संवेदनशील भूमिका कर अपनी अभिनय प्रतिभा से भी परिचित किया। इसके बाद 1955 में बनी 'बाप रे बाप', 1956 में 'नई दिल्ली', 1957 में 'मि. मेरी' और 'आशा' और 1958 में बनी 'चलती का नाम गाड़ी' जिस में किशोर कुमार ने अपने दोनों भाईयों अशोक कुमार और अनूप कुमार के साथ काम किया और उनकी अभिनेत्री मधुबाला थी। किशोर कुमार को पहली बार गाने का मौक़ा 1948 में बनी फ़िल्म 'ज़िद्दी' में मिला। फ़िल्म 'ज़िद्दी' में किशोर कुमार ने देव आनंद के लिए गाना गाया था। 'जिद्दी' की सफलता के बावज़ूद उन्हें न तो पहचान मिली और न कोई ख़ास काम मिला। किशोर कुमार ने गायकी का एक नया अंदाज़ बनाया जो उस समय के नामचीन गायक रफ़ी, मुकेश और सहगल से काफ़ी अलग था। किशोर कुमार सन् 1969 में निर्माता निर्देशक शक्ति सामंत की फ़िल्म 'आराधना' के ज़रिये गायकी के दुनिया में सबसे सफल गायक बन गये। किशोर कुमार को शुरू में एस डी बर्मन और अन्य संगीतकारों ने अधिक गंभीरता से नहीं लिया और उनसे हल्के स्तर के गीत गवाए गए, लेकिन किशोर कुमार ने 1957 में बनी फ़िल्म "फंटूस" में 'दुखी मन मेरे' गीत को गाकर अपनी ऐसी धाक जमाई कि जाने माने संगीतकारों को किशोर कुमार की प्रतिभा का लोहा मानना पड़ा। किशोर कुमार को इसके बाद एस डी बर्मन ने अपने संगीत निर्देशन में कई गीत गाने का मौक़ा दिया। लता मंगेशकर को किशोर कुमार गायकों में सबसे ज़्यादा अच्छे लगते थे। लता जी ने कहा कि किशोर कुमार हर तरह के गीत गा लेते थे और उन्हें ये मालूम था कि कौन सा गाना किस अंदाज़ में गाना है। किशोर कुमार लता जी की बहन आशा भोंसले के भी सबसे पसंदीदा गायक थे और उनका मानना है कि किशोर अपने गाने दिल और दिमाग़ दोनों से ही गाते थे। आज भी उनकी सुनहरी आवाज़ लाखों संगीत के दीवानों के दिल में बसी हुई है और उसका जादू हमारे दिलों दिमाग़ पर छाया हुआ है।आर डी बर्मन के संगीत निर्देशन में किशोर कुमार ने मुनीम जी, टैक्सी ड्राइवर, फंटूश, नौ दो ग्यारह, पेइंग गेस्ट, गाईड, ज्वेल थीफ़, प्रेमपुजारी, तेरे मेरे सपने जैसी फ़िल्मों में अपनी जादुई आवाज़ से फ़िल्मी संगीत के दीवानों को अपना दीवाना बना लिया। एक अनुमान के मुताबिक़ किशोर कुमार ने वर्ष 1940 से वर्ष 1980 के बीच के अपने करियर के दौरान क़रीब 574 से अधिक गाने गाए। किशोर कुमार ने की थी 4 शादियां: किशोर कुमार की प्रोफेशनल लाइफ तो काफ अच्छी रही, लेकिन पर्सनल लाइफ में उन्हें काफी उतार -चढ़ाव देखना पड़ा। अपनी निजी जिंदगी को लेकर किशोर कुमार काफी सुर्खियों में रहते थे। उन्होंने 4 शादियां की थी। उनकी पहली शादी रुमा देवी से हुई थी, लेकिन दोनों में काफी झगड़े होने की वजह जल्द ही उनका तलाक हो गया। इसके बाद, उन्होंने मधुबाला के साथ शादी रचाई। लेकिन 9 साल के बाद किशोर दा को मधुबाला हमेशा-हमेशा के लिए छोड़ गईं। इसके बाद किशोर ने 1976 में अभिनेत्री योगिता बाली के साथ शादी की। लेकिन अफसोस उनकी तीसरी शादी भी ज्यादा समय तक टिक नहीं पाई। वहीं योगिता से अलग होने के बाद किशाद दा ने 1980 में लीना चंद्रावरकर से चौथी शादी रचाई। लीना भी अपनी जिंदगी में अकेली थी और 25 साल की उम्र में विधवा हो चुकी थीं। वह अपने भाई के साथ रहती थीं। वहीं किशोर कुमार भी अकेले थे, दोनों एक शूटिंग पर मिले, जिसके बाद किशोर ने लीना को प्रपोज कियाऔर दोनों ने शादी का फैसला लिया। लीना उम्र में किशोर कुमार से 21 साल छोटी थीं। लीना और किशोर कुमार का एक बेटा है, जिसका नाम सुमित कुमार है।
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