पश्चिम बंगाल में महिलाओं से हैवानियत के मामले रुक नहीं रहे हैं। बंगाल में एक बार फिर से महिला के साथ बर्बरता और हैवानियत का शर्मनाक और वीभत्स मामला सामने आया है। इस बार डोमजूर में महिला के बाल काटकर उसे प्रताड़ित करने वाले मामले पर पुलिस ने आखिरकार चुप्प तोड़ते हुए एक्शन लिया है। पार्टी ने लोकसभा सांसद राहुल गांधी और कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी की चुप्पी पर सवाल उठाया है। भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने पश्चिम बंगाल के हावड़ा में हुई घटना का जिक्र करते हुए कहा कि उत्तर दिनाजपुर, चोपड़ा की तालिबानी कृत्य के बाद एक और ऐसे कृत्य की तालिबानी तस्वीर सामने आई है।इस बार यह तस्वीर बंगाल के हावड़ा से आई है,जहां एक परिवार को पीटा जा रहा है,एक महिला के बाल काटे जा रहे हैं. उन्होंने इस मामले के अपराधियों के संबंध तृणमूल कांग्रेस के साथ होने का दावा करते हुए कहा कि यह दिखाता है कि आज मां-माटी-मानुष नहीं बल्कि पश्चिम बंगाल में आज टीएमसी यानी तालिबानी मानसिकता और कल्चर छा चुका है। उन्होंने कांग्रेस नेताओं की चुप्पी पर सवाल उठाते हुए कहा कि पश्चिम बंगाल में इस तरह की अनेकों घटनाएं हो रही है लेकिन कांग्रेस पार्टी के दिग्गज राहुल गांधी , प्रियंका गांधी वाड्रा और 'लड़की हूं, लड़ सकती हूं' ब्रिगेड,ये सभी चुप है। महिला के साथ हुई वारदात का विडियो वायरल हुआ था. इस केस में स्थानीय पुलिस ने सात लोगों को गिरफ्तार कर लिया है. मामले की जांच जारी है। इस बार भी आरोपियों का TMC कनेक्शन: ताजा जानकारी के मुताबिक इस महिला को चोरी के आरोप में पकड़ा गया था। उसके ऊपर आरोप लगाने के साथ ही उससे मारपीट हुई थी। महिला की पिटाई के दौरान उसके बाल काट दिए गए थे। ये वीडियो बीजेपी नेता शुवेंदु अधिकारी ने जारी किया है. इस वीडियो के जरिए शुवेंदु अधिकारी ने राज्य की कानून व्यवस्था पर एक बार फिर सवाल उठाया है। अधिकारी ने लिखा- 'कूच बिहार से चोपड़ा तक अरियादाहा से डोमजूर तक, पीड़ा जारी है. सज़ा के तौर पर एक महिला के बाल बेतरतीब ढंग से कैंची लगाकर काट दिये गए. इस घिनौने कृत्य को अंजाम देने वाले क्रूर आरोपी- ईशा लश्कर, अबुल हुसैन लश्कर, सईम लश्कर, मकबुल अली, इसराइल लश्कर, अरबाज़ लश्कर और महेबुल्लाह मिद्दे, टीएमसी पार्टी से निकटता से जुड़े हुए हैं।
'दीदी' के राज में कंगारू अदालतें कब बंद होंगी?
ऐसे में सवाल ये उठता है कि आखिर बंगाल में कब तक सड़क पर इंसाफ होगा? बंगाल में बार-बार तालिबानी अंदाज में सजा दी गई. ऐसा लगता है कि पश्चिम बंगाल में कानून एवं व्यवस्था की स्थिति इतनी 'अस्थिर' है कि राज्य भर में कंगारू अदालतें स्थापित की जा रही हैं, खासकर महिलाओं के मामले में इस तरह बेहूदगी से फैसला ऑन स्पॉट (त्वरित न्याय) दिया जा रहा है।
पहले भी सामने आ चुके ऐसे मामले: गौरतलब है कि अभी कुछ दिन पहले ही एक महिला के चरित्र पर सवाल उठाते हुए उसकी सरेआम बेरहमी से पिटाई हुई थी। ऐसे मामले आए दिन वहां सामने आ रहे हैं। कई मामलों में आरोपियों का संबंध सत्ताधारी राजनीतिक पार्टी टीएमसी से रहा है। (रिपोर्ट अशोक झा)
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