मौसम की मार से चाय के उत्पादन में आएगी महंगाई की उबाल
जून 20, 2024
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- चाय उत्पादन में जून तक 60 मिलियन किलोग्राम की कमी आने का अनुमान
मौसम की मार के चलते पिछले साल की तुलना में चाय उत्पादन में जून तक 60 मिलियन किलोग्राम की कमी आने का अनुमान है. फसल खराब होने से गुणवत्ता वाली चाय उत्पादन में गिरावट का अनुमान जताया जा रहा है। ऐसे में उत्पादन में कमी की वजह से चाय की कीमतों में इजाफा हो सकता है। चाय उत्पादन वाले राज्यों में बारिश नहीं होने से ये हालात उपजे है। साथ ही भीषण गर्मी ने भी चाय की फसल को अहम रूप से बड़े स्तर पर प्रभावित किया है। पश्चिम बंगाल के प्रमुख चाय उत्पादक जिलों में हालत अच्छे नहीं है। यही कारण है कि अब चाय के दामों में इजाफा हो सकता है। जो कि आम जन की जेब पर असर डालेगा। चाय पीना भारत के लोगों को बेहद पसंद है और चाय उत्पादन और खपत दोनों के लिए सबसे ज्यादा आगे रहने वाले देशों में भारत का नाम है. चाय उत्पादन करने वाले देशों में भारत का दूसरा स्थान है और चीन के बाद आता है। दुनियाभर के देशों में असम और दार्जिलिंग की चाय मशहूर है और चाय सस्ता पेय पदार्थ होने के साथ-साथ लोगों की जिंदगी में ऐसे समा गया है कि इसे अलग करना लगभग नामुमकिन है. चाय के दाम कम होना भी इसकी पॉपुलैरिटी की एक वजह है लेकिन इस साल लगता है कि चाय पीना भी जेब पर भारी पड़ने वाला है.उत्तर भारतीय चाय इंडस्ट्री है परेशान: उत्तर भारतीय चाय उद्योग को प्रतिकूल मौसम के कारण चालू फसल वर्ष के जून तक छह करोड़ किलोग्राम उत्पादन में कमी का सामना करना पड़ रहा है. एक चाय संगठन ने यह अनुमान लगाया है. पिछले साल की इसी अवधि की तुलना करने पर देश में चाय का प्रोडक्शन घटता दिख रहा है. अधिकारियों का कहना है कि पहली और दूसरी फसल साल की सबसे हाई क्वालिटी वाली चाय पैदा करती है. इसके नष्ट होने से बिना किसी शक के चाय उत्पादकों के राजस्व पर असर पड़ेगा और चाय की कीमतें बढ़ सकती हैं।क्यों घटा इस साल चाय का प्रोडक्शन: उत्तर भारतीय चाय उद्योग में शामिल असम और पश्चिम बंगाल के राज्य खतरनाक हालात का सामना कर रहे हैं. मई में बेतहाशा गर्मी और बारिश की कमी के साथ-साथ अत्यधिक बारिश और धूप की कमी ने चाय के उत्पादन पर बुरी तरह असर डाला है। चाय का प्रोडक्शन 6 करोड़ किलो तक कम रहेगा-भारतीय चाय संघ (टीएआई) के अध्यक्ष संदीप सिंघानिया ने अनुमान लगाया कि पिछले साल की तुलना में जून तक चाय की संयुक्त फसल का नुकसान छह करोड़ किलोग्राम हो सकता है. असम और पश्चिम बंगाल से ज्यादा घटा चाय उत्पादन: उन्होंने कहा, "संघ के सदस्य चाय बागानों से मिली सूचना के मुताबिक असम और पश्चिम बंगाल के चाय बागानों में मई 2024 के दौरान पिछले साल की तुलना में क्रमशः लगभग 20 फीसदी और 40 फीसदी की कमी रहने का अनुमान है.. भारतीय चाय बोर्ड के निकाले गए आंकड़ों से पता चलता है कि अप्रैल 2024 तक असम में चाय उत्पादन में पिछले वर्ष की इसी अवधि की तुलना में लगभग 8 फीसदी और पश्चिम बंगाल में लगभग 13 फीसदी की गिरावट आएगी। रिपोर्ट अशोक झा
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