नईदिल्ली : राजमाता माधवी राजे सिंधिया भले ही पंचतत्व में विलीन हो गई हो। लेकिन आज भी उनका रसूख देश विदेश में चर्चा का विषय बना हुआ है। भाजपा नेता और केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया अपनी मां माधवी राजे सिंधिया की अस्थि संचय करने के लिए छत्री परिसर पहुंचे। सिंधिया परिवार के नजदीकी बाल खांडे ने बताया कि राजमाता की अस्थियां यूपी के प्रयागराज (इलाहबाद), पड़ोसी मुल्क नेपाल सहित उज्जैन भेजी जाएंगी। केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने अपनी मां राजमाता की अस्थि संचय की. सिंधिया परिवार के राजपुरोहितों ने राजसी परंपरा के तहत विधि विधान से पूजन कराया।सिंधिया ने विधि विधान से पूजन करने के बाद अपनी माता की अस्थियां एकत्रित की। राजमाता की अस्थियों को तीन कलशों में रखा गया है। यह सभी कलश राजसी परंपरा के तहत 9 दिनों तक पेड़ पर बांधे जाएंगे। दसवे दिन इन कलशों को उज्जैन, प्रयागराज और महाराष्ट्र के कन्हेरखेड गांव भेजा जाएगा। जहां राजसी परम्परा के तहत अस्थियों का विसर्जन किया जाएगा। बता दें कि सतारा जिले में स्थित कन्हेरखेड सिंधिया परिवार का पैतृक गांव है।कान्हेरखेड़ गांव के रहने वाले पाटिल राणोजी ने सिंधिया राजघराने की स्थापना की थी राजमाता माधवी राजे सिंधिया को श्रद्धांजलि देने के लिए ग्वालियर में उमड़ी लाखों की भीड़ देखने को मिली। इस दौरान देश के कोने कोने से लोग आए।अंतिम संस्कार के दौरान पूरा सिंधिया परिवार मौजूद रहा। कई वीआईपी भी शामिल हुए। ग्वालियर में अंतिम दर्शन करने मुख्यमंत्री मोहन यादव, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष वी डी शर्मा, राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे सिंधिया, मंत्री प्रह्लाद पटेल सहित अनेक विपक्ष के नेता हुए शामिल।बता दें कि सुबह से ही लोग अंतिम दर्शन के लिए आए थे और 11:45 से शुरू अंतिम दर्शन में लाखों लोगों ने राजमाता के चरणों को प्रणाम कर अंतिम विदाई दी गई। ज्योतिरादित्य सिंधिया की पत्नी प्रियदर्शनी राजे सिंधिया, बेटे महानआर्यमन सिंधिया संग सिंधिया परिवार के अनेक सदस्य जैसे ज्योतिरादित्य की बहन चित्रांगना सिंह, बुआ वसुंधरा राजे सिंधिया, यशोधरा राजे सिंधिया सहित सिंधिया परिवार और मराठा समाज के अनेक सदस्य मौजूद थे।
400 कमरे और 45000 करोड़ के जय विलास पैलेस में रॉयल लाइफ जीती थीं राजमाता माधवी राजे सिंधिया
सिंधिया राजघराने की राजमाता माधवी राजे अब इस दुनिया में नहीं रही हैं। हाल ही में, उन्होंने दिल्ली के एम्स में अंतिम सांस ली है। बता दें, साल 1966 में ग्वालियर राजघराने की बहू बनकर आईं माधवी राजे सिंधिया लंग्स में इन्फेक्शन से जूझ रही थीं।
राजनीति की चमक दमक से दूर रहने वालीं राजमाता ग्वालियर स्थित जय विलास पैलेस में रॉयल लाइफ जीती थीं। आज इस महल की कीमत 45,000 करोड़ रुपए से ज्यादा बताई जाती है। आइए इस आर्टिकल में आपको तस्वीरों के साथ बताते हैं इस राजमहल से जुड़ी कुछ खास बातें। साल 1966 में माधवी राजे सिंधिया, माधवराव सिंधिया की पत्नी और ग्वालियर राजघराने की बहू बनकर आई थीं। राजनीति और चमक दमक से दूर रहने वाली राजमाता सिंधिया रॉयल लाइफ जीती थीं। माधवी राजे ग्वालियर स्थित 400 कमरे वाले जय विलास पैलेस में रहती थीं। मीडिया रिपोर्ट्स की मानें, तो इस पैलेस की कीमत 45,000 करोड़ रुपये से ज्यादा है। 1874 में ग्वालियर रियासत के महाराज जीवाजी राव सिंधिया ने जय विलास पैलेस को बनवाया था। बता दें, यह पैलेस यूरोपीय वास्तुकला पर आधारित है, जिसका डिजाइन फ्रांसीसी आर्किटेक्ट ने तैयार किया था।
विलास पैलेस तीन मंजिला है और इसकी पहली मंजिल तस्कीन शैली पर बनाई गई है। वहीं, दूसरी मंजिल डोरिक और तीसरी मंजिल को कोरिंथियन शैली पर तैयार किया गया है।
150 साल पुराने इस जय विलास पैलेस में फारसी और इटालियन मार्बल का इस्तेमाल किया गया है। वहीं, दरवाजों पर सोने के गिल्ट लगे हुए हैं। बता दें, कि इसे बनवाने में 12 साल का समय लगा था।जय विलास पैलेस की दूसरी मंजिल पर बने हॉल को सबसे सुंदर माना जाता है। बता दें, इसे हीरा, सोना और चांदी से डिजाइन किया गया है। वहीं, महल के अंदर एक शानदार झूमर लगा है, जिसका वजन 3300 किलो है।
दरबार हॉल में मेहमानों को खाना परोसने के लिए चांदी की ट्रेन का इस्तेमाल किया जाता है। आपको जानकर हैरानी होगी, कि यहां 100 से ज्यादा लोग एक साथ बैठकर खाना खा सकते हैं।
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