एक दिलचस्प जानकारी।
नॉर्थ ईस्ट में मेघालय घूमने वाले ये ज़रूर जाने
। असम के गुवाहाटी के अलावा लोग मेघालय भी जाते हैं। मेघालय मेघों का घर कहते हैं इसीलिए इसका नाम मेघालय है । यहां रातें अक्सर बहुत ठंडी होती हैं। ब्रिटिश काल मे मेघालय की राजधानी शिलॉन्ग को पूर्वोत्तर का स्कॉटलैंड कहा जाता था। शिलॉन्ग में आज भी ब्रिटिश राज के दौरान बनायी इमारतें खड़ीं हैं और मेघालय की राजकीय भाषा भी अंग्रेजी ही है।
मेघालय मूलतः तीन भागों में बंटा है, पहला खासी हिल्स दूसरा जैंतिया हिल्स और तीसरा गारो हिल्स। मेघालय के दर्शनीय स्थल खासी और जैंतिया हिल्स में ही पड़ते हैं, गारो हिल्स में पर्यटन नाममात्र ही है। भारत मे मेघालय ही एकमात्र ऐसा राज्य है जहां स्त्रियों को पुरुषों से ज्यादा अधिकार हैं। यही एक ऐसा राज्य है जहां शादी के बाद पुरुष अपना घर छोड़ के लड़की के घर रहने आता है। पुरुष के ऊपर घर को संभालने की जिम्मेदारी होती है जिसमे वह हर काम जो आम महिला अपने घर मे करती है, वही सब काम मेघालय में पुरुषों को करने पड़ते हैं।
घर चलाने के लिए धन की आवश्यकता होती है, शादी के बाद कमाने की जिम्मेदारी महिला की होती है। बच्चों के नाम के पीछे पिता का नही बल्कि माँ का नाम लिखा जाता है। माँ की प्रॉपर्टी में सबसे बड़ा भाग सबसे छोटी बेटी के हिस्से में आता है। अन्य बेटियाँ होने पर सबसे छोटी बेटी के अलावा उनमे भी प्रोपर्टी बाँट दी जाती है।
साल के एक महीने में शादी शुदा पुरुष अपने घर भी रहने जाता है जैसे सामान्यतः हमारे यहां स्त्री अपने मायके जाती है।
अब सबसे मजेदार बात, चाहे खासी हो, जैंतिया हो या गारो हो, शादी के लिए कोई अरेंज मैरिज का सिस्टम नही है। पूरे मेघालय में अरेंज मैरिज कोई नही जानता। यहाँ का कल्चर सिर्फ लव मैरिज पर टिका है। अब इसमें भी एक ट्विस्ट है, मेघालय की लड़की सिर्फ अपनी जनजाति यानी खासी, जैंतिया या गारो लड़के से ही शादी कर सकती है। शादी के लिए लड़की खुद अपनी पसंद का लड़का कभी नही चुन सकती, चुनने का अधिकार सिर्फ लड़के के पास होता है, सिर्फ लड़का ही लड़की को प्रपोज़ कर सकता है, अगर लड़की ने सहमति दे दी तो दोनो का ब्याह हो जाएगा लेकिन इसमें लड़की की सहमति बहुत ज़रूरी है। लड़का जितनी चाहे उतनी लड़कियों को प्रपोज़ल दे सकता है लेकिन लड़की पूरी उम्र किसी लड़के को प्रपोज़ नही कर सकती। ऐसे भी कई मामले देखने मे आए हैं कि लड़की को कभी किसी लड़के ने प्रपोज़ ही नही किया, इस केस में लड़की पूरी ज़िंदगी या तो प्रपोज़ल का इंतज़ार करेगी या फिर बिना शादी के रहेगी।
ये भारत ही है जहां हमे इतनी विविधताएं देखने को मिलती हैं वार्ना आज के इस मॉडर्न युग मे कौन सा ऐसा इलाका होगा जो इतनी रूढ़िवादी परंपराओं का आज भी पालन कर रहा होगा। लड़की के गैर जातीय लड़के से शादी कर लेने पर या फिर किसी अन्य के साथ बंधन में बंध जाने पर, उसके सारे अधिकार खत्म हो जाते हैं और फिर कभी वह अपने पैतृक घर नही जा सकती। तो कैसी लगी आपको यह जानकारी कमेंट में ज़रूर बताना। @लखनऊ की ज्योति किरन की कलम से
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