मैं रंजना सूरी भारद्वाज आपको ले चलती हूं दक्षिण भारत के पवित्र मंदिरों के दर्शन कराने। पति समीर संग बेटी नियति को देश की खूबसूरती के साथ आस्था के पथ पर हर साल की तरह इस साल भी हम उस जगह पर जाने की योजना बना रहे थे जिसे हमने पहले नहीं देखा है। भारत बहुत विशाल और सुंदर है। इसलिए हर साल हम तीर्थयात्रा की योजना बनाते हैं। मेरे आसपास के कई लोग दूसरे देश में छुट्टियां मनाना पसंद करते हैं लेकिन मुझे लगता है कि सबसे पहले हमें अपने देश का पता लगाना चाहिए जो समृद्ध संस्कृति और खूबसूरत जगहों से भरा है। इसलिए हम सब चले दक्षिण भारत की खूबसूरती देखने। आप भी चलिए न हम सबके साथ। इसी साल फरवरी के अंतिम सप्ताह में ह नईदिल्ली से मदुरै के लिए
विमान पकड़ने के बाद हम पहुंच गए कुछ घंटे में हिंदुओं के पवित्र
तीर्थस्थलों की नगरी में। फिर एयरपोर्ट से 7 दिन के लिए ही टैक्सी बुक की।
सबसे पहले हमने मीनाक्षी मंदिर के दर्शन किये। फिर हमने नाश्ता किया उसके बाद हमने साइट सीन शुरू किये। दोपहर के भोजन के बाद हमने तिरुवलुर महल का दौरा किया, नवीकरण और मरम्मत कार्य के कारण केवल आधा क्षेत्र खुला था। हमने थोड़ी खरीदारी के साथ मदुरै के अन्य स्थल देखे। फिर शॉपिंग के बाद हम लोग रामेश्वरम की ओर बढ़े और वहां दो रात रुके। हमने धनुषकोडी, सीताकुंड, लक्ष्मणकुंड, लाइट हाउस, रामसेतु आदि लगभग सभी साइट दृश्यों को कवर किया। शाम को हमने रामेश्वरम में दर्शन किए। इससे पहले हमने समुद्र में स्नान किया जिसे अग्नितीर्थम कहा जाता है, फिर 22 कुओं से आध्यात्मिक स्नान किया जो मंदिर के अंदर है, ऐसा कहा जाता है कि इन 22 कुओं से श्री राम जी के 22 तीर प्रकट हुए थे। फिर उसके बाद हमने भक्तिपूर्वक रामेश्वरम के दर्शन किए। रामेश्वरम मंदिर के पास डॉ एपीजे अब्दुल कलाम संग्रहालय का संग्रहालय है जहां हम उपलब्धि देख सकते हैं। यह कलाम का घर था जिसे संग्रहालय में बदल दिया गया है। इसमें हमने पहला दिन और दूसरा दिन मदुरै और रामेश्वरम में पूरा किया
चारों धाम में से एक है रामेश्वरम
एक रामेश्वरम मंदिर तमिलनाडु के रामनाथपुरम जिले में स्थित है। मंदिर में स्थापित शिवलिंग बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक है। रामेश्वर तीर्थ चार धाम में से एक है। माना जाता है कि यहां स्थित शिवलिंग के दर्शन से समस्त रोगों से मुक्ति मिल जाती है। भगवान शिव को समर्पित रामेश्वरम् हिंदुओं का प्रसिद्ध तीर्थस्थल है। रामेश्वरम चार धामों में से एक धाम और भगवान शंकर के 12 ज्योतिर्लिंग में से एक पवित्र तीर्थ स्थान है। यह तमिलनाडु के रामनाथपुरम जिले में स्थित है। यह हिंद महासागर और बंगाल की खाड़ी से घिरा हुआ एक खूबसूरत आइलैंड है। जिसका आकार एक सुंदर शंख की तरह नजर आता है। रामेश्वर का अर्थ होता है भगवान राम और इसलिए इस स्थान का नाम भगवान राम के नाम पर रामेश्वरम रखा गया है।
145 खम्भों पर टिका है मंदिर
रामेश्वरम मंदिर जाने के लिए कंक्रीट के 145 खम्भों पर टिका करीब सौ साल पुराना पुल है। जिससे होकर श्रद्धालु गुजरते हैं। समुद्र के बीच से निकलती ट्रेन का तो नजारा ऐसा खूबसूरत है जिसका एहसास आपको यहां जाकर ही होगा। वैसे इस पुल के अलावा सड़क मार्ग से भी यहां पहुंचा जा सकता है। रामेश्वरम मंदिर का गलियारा दुनिया का सबसे बड़ा गलियारा है।
चमत्कारिक गुणों से भरा है यहां का पानी
रामनाथ स्वामी मंदिर के बारे में मान्यता है कि यहां स्थित अग्नि तीर्थम में स्नान करने से सारे पाप धुल जाते हैं। इस तीर्थम से निकलने वाले पानी को चमत्कारिक गुणों से भरपूर माना जाता है। जिसमें डुबकी लगाने से सारे दुख दूर हो जाते हैं और बीमारियां भी दूर होती हैं। इस मंदिर के परिसर में 22 कुंड है जिसमें श्रद्धालु पूजा-अराधना से पहले स्नान करते हैं।
किसने की थी रामेश्वरम ज्योतिर्लिंग की स्थापना?
पौराणिक कथाओं के अनुसार, रावण ब्राह्मण कुल से था। इसलिए, श्रीराम को ब्रह्म हत्या का पाप लगा था। जिसके पश्चाताप के लिए ऋषियों ने भगवान राम को शिवलिंग स्थापित करके अभिषेक करने का सलाह दी थी। इसी के चलते प्रभू श्रीराम ने दक्षिणी तट पर रेत से शिवलिंग बनाकर उसका अभिषेक किया था।
(ग्रेटर नोएडा की रंजना सूरी भारद्वाज की कलम से)
बहुत अच्छी रचना और लेखन..सभी तथ्यों को विस्तार से देखकर अच्छा लगा..!! हर हर महादेव!!
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