*परंपरा से ही पुष्ट होते हैं जीवन में संस्कार - प्रेमभूषण
देवरिया। परंपरा सदा ऊपर से नीचे की ओर आती रही है। हम अगर नई पीढ़ी में परंपरा और संस्कार का बीजारोपण करना चाहते हैं तो इसकी शुरूआत स्वयं हमें करनी होगी। अपने घर परिवार में तीसरी पीढ़ी के आगमन के पूर्व अगर हम नित्य मानस का पाठ करने की परंपरा स्वयं शुरू करें तो बच्चों में स्वयं ही संस्कार अवतरित होते चले जाएंगे।
देवरिया के बैतालपुर स्थित श्रीराम मंदिर खिरहाँ के पांचवें वार्षिक महोत्सव में देश के लब्धप्रतिष्ठित विद्वानों का सम्मान करने के कार्यक्रम के दौरान सरस श्री राम कथा के गायन के लिए विश्व प्रसिद्ध प्रेम मूर्ति पूज्य श्री प्रेमभूषण जी महाराज ने उक्त बातें कहीं।
सरस श्री राम कथा के माध्यम से दुनिया भर में सनातन परंपरा का अलख जगा रहे पूज्य श्री प्रेमभूषण जी महाराज ने कहा कि सनातन धर्म और संस्कृति में ऋषि परंपरा, कुल परंपरा और लोक परंपरा की प्रधानता रही है। जगत में कौन गलत कार्य कर रहा है हमें इसका चिंतन नहीं करना चाहिए। हमें तो यह चिंतन करना चाहिए कि हम उच्चतम क्या कर सकते हैं। कभी कल चूड़ामणि तुझे बाद तुलसीदास जी ने हमें मानस की जो परंपरा प्रदान की है उसे हमें अपने अगली पीढ़ी तक लेकर जाने की आवश्यकता है केवल एक ही ग्रंथ पूरे समाज को सुसंस्कार और सनातन परंपरा से जोड़ कर रखने में समर्थ है। सनातन संस्कृति से जुड़े सभी विद्वतजनों नें स्वीकार किया है कि बाबा तुलसीदास जी ने मानस जी में सभी सद्ग्रन्थों का रस निचोड़ कर रख दिया है। अब अगर हमें इस रस का पान करना हो तो भी बाबा ने बहुत सरल मार्ग दिखा दिया है। अगर हम रामजी के चरणों में अनुराग चाहते हैं तो हमें चुपचाप सत्संग में जाकर बैठ जाने भर से हमारे इच्छा की पूर्ति हो जाती है। यह प्रमाणित सत्य है और इसमें कोई भी संशय नहीं।
इस दौरान मुख्य यजमान राहुल मणि त्रिपाठी, चंद्रभाल मणि, चंद्रचूड़ मणि, अरविन्द मणि ने व्यास पीठ का पूजन किया। संचालन दिनेश मणि त्रिपाठी ने किया कथा में मुख्य रूप से पूर्व विधान परिषद सदस्य भाजपा नेता महेन्द्र यादव , सिद्धार्थ मणि त्रिपाठी, संजय राव, इष्टदेव मणि त्रिपाठी, सनत पांडेय, पारस यादव, अशोक मद्देसिया, डा. पवन त्रिपाठी, अजय मिश्र, जिलाशासकीय अधिवक्ता, नवनीत मालवीय, बसंत मणि, आदि उपस्थित रहे।
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कथा प्रारंभ होने के पूर्व गण मान्यों का हुआ सम्मान
बैतालपुर, राम कथा प्रारंभ होने के पूर्व तुलसी पीठाधीश्वर स्वामी रामभद्राचार्य के प्रतिनिधि, उनके प्रिय शिष्य प्रेममूर्ति प्रेमभूषण जी महाराज द्वारा पूर्व कुलपति प्रो. मुरली मनोहर पाठक, लोक सेवा आयोग के सदस्य हरीश त्रिपाठी, पूर्व कुलपति प्रो. श्रेयांश त्रिपाठी नीरज शास्त्री, गर्गाचार्य जी, वेदिक दुर्गेश पांडेय आदि को व्यासपीठ से सम्मानित किया गया।
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इस दौरान, तुलसी पीठाधीश्वर स्वामी रामभद्राचार्य जी द्वारा प्रेषित वर्चुअल शुभकामना एवं आशीर्वाद का एलईडी वाल पर प्रसारित किया दिया गया।
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