नई दिल्ली: संसद में चल रहे शीतकालीन सत्र के दौरान लोकसभा में सुरक्षा में चूक का बड़ा मामला सामने आया है। बुधवार 13 दिसंबर को लोकसभा में हंगामा होने की जानकारी सामने आई है। यह हंगामा उस समय हुआ जब दर्शक दीर्घा में बैठा अज्ञात शख्स कुर्सियों पर कूद गया। इसी घटना के बाद लोकसभा में हंगामा होना शुरु हो गया था। लोकसभा की कार्यवाही के दौरान संसद भवन के सामने ट्रांसपोर्ट भवन की तरफ एक युवक और एक महिला सुरक्षा का घेरा तोड़ते हुए लोकसभा की वेल में पहुंच गए। अंदर घुसे लोगों में से एक बाद में लोकसभा के अंदर बने टेबल पर यहां वहां कूदने लगा। इस दौरान इस शख्स ने फ्लोरोसेंट गैस का छिड़काव कर दिया। बता दें कि दो अलग-अलग ग्रुप हैं। एक ने संसद के अंदर घटना को अंजाम दिया और दूसरे ने बाहर। दिल्ली पुलिस ने बाहर वालों को पकड़ा है जबकि अंदर वाले शख्स को संसद की सिक्योरिटी ने डिटेन कर रखा है।इस घटना का एक वीडियो भी सामने आया है, जिसमें एक शख्स हाथ में कुछ लिए लोकसभा के अंदर बने टेबल पर कूदता हुआ दिख रहा है। खास बात ये है कि आज ही संसद में हुए आतंकी हमले की 22 वीं बरसी है। ऐसे में लोकसभा में किसी अंजान शख्स के ऐसे घुसने और टेबल पर कूदने की तस्वीरों के सामने आने के बाद सुरक्षा को लेकर कई तरह के सवाल खड़े हो रहे हैं। बता दें कि जो वीडियो सामने आया है उसमें दिख रहा है कि लोकसभा में घुसे इस शख्स को पकड़ने के लिए वहां मौजूद सांसद भी कोशिश करते दिखे हैं। मिली जानकारी के अनुसार इस शख्स ने स्मोक कैंडल निकालकर लोकसभा में ही जला दिया था। जिसपर अब सुरक्षा व्यवस्था को लेकर कई सवाल खड़े हो रहे हैं। मामले की गंभीरता को देखते हुए किसी भी अनहोनी होने के अंदेशा से सांसदो के बीच काफी अफरा-तफरी मचने की जानकारी सामने आई है। बता दें कि इस घटना के बाद बीच में ही लोकसभा की कार्यवाही को स्थगित कर दिया गया है। अब इस मामले को लेकर विपक्ष के सांसदो द्वारा सुरक्षा को लेकर बड़ी चूक होने की जानकारी सामने आ रही है। वहीं विपक्ष द्वारा अब इस मामले को लेकर आरोप लगाया जा रहा है।कांग्रेस सांसद अधीर रंजन ने बताया कि अचानक दो लोग ऊपर से नीचे कूद गए। अजीब माहौल बन गया था। उन्हें सांसदों ने ही पकड़कर सुरक्षा कर्मियों के हवाले किया। यह बहुत चिंता की बात है। उनके हाथ में धुएं का कनस्तर था। वहीं इस बीच तृणमुल सांसद ने भी तीखा हमला बोला है। सुदीप बनर्जी ने अपने अनुभव को बताते हुए कहा कि यह डरावना अनुभव था। दो लोग अचानक सांसदों के बीच कुर्सी पर कूद गए। वे लगातार आगे बढ़ रहे थे। उनके हाथ में थोड़ी ही देर में धुएं की मशाल दिखने लगी। हम सभी लोग घबरा गए थे. वे लगातार आगे बढ़ रहे थे। बाद में सांसदों ने उन्हें पकड़कर सुरक्षा कर्मियों के हवाले किया। तृणमूल ने लोकतांत्रिक संस्थाओं की सुरक्षा की जिम्मेदारी संभालने वालों की निगरानी में तंत्र में हुई इस चूक पर चिंता व्यक्त की और जवाबदेही तय करने पर जोर दिया है। संसद पर 2001 में हुए हमले की बरसी के दिन हुई इस घटना से सांसदों में दहशत फैल गई।
तृणमूल सांसद काकोली घोष दोस्तीदार:
घटना की प्रत्यक्षदर्शी तीन बार की तृणमूल सांसद काकोली घोष दोस्तीदार ने केन लेकर सदन में दो अज्ञात लोगों के प्रवेश पर सवाल उठाया है. उन्होंने कहा, ''हम घबरा गए क्योंकि वे दोनों अचानक दर्शक दीर्घा से कूद गए थे। पहले तो हमें लगा कि शायद कोई दर्शक दीर्घा से गिर गया है, लेकिन कुछ ही सेकंड बात यह अहसास हो गया कि दोनों व्यक्ति जानबूझकर कूदे हैं और उन्होंने केन खोल दिए। यह वास्तव में भयावह है और सुरक्षा में बड़ी चूक है। विधानसभा अध्यक्ष विमान बनर्जी : पश्चिम बंगाल विधानसभा अध्यक्ष बिमान बनर्जी ने कहा, ''यह सुरक्षा में बड़ी चूक है. ऐसा नहीं होना चाहिए था. खामियों को सुधारा जाना चाहिए और जवाबदेही तय की जानी चाहिए। टीएमसी ने सोशल मीडिया मंच 'एक्स' (पूर्व में ट्विटर) पर पोस्ट के माध्यम से सुरक्षा खामियों के लिए भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार की आलोचना की और अमित शाह के अधीन आने वाले केंद्रीय गृह मंत्रालय की प्रभावशीलता पर सवाल उठाया। पोस्ट में कहा, ''नया भारत, नई संसद, नये कानून, वही पुरानी सुरक्षा चूक। आज, पुराने संसद भवन पर आतंकवादी हमले की 22वीं बरसी पर केन से पीला धुआं छोड़ते हुए दो अज्ञात लोग दर्शक दीर्घा से कूद गए और लोकसभा कक्ष में भाग गये। 'इतनी गंभीर चूक कैसे हुई, खासकर तब जब अमित शाह के गृह मंत्रालय के अधीन आने वाली दिल्ली पुलिस को हाई अलर्ट पर रखा गया था ? और आगंतुकों को किसके नाम पर पास जारी किए गए थे? भाजपा सांसद सुकांत मजूमदार ने कहा इस प्रकार की घटना का कतई समर्थन नहीं किया जा सकता. लेकिन इस घटना पर राजनीति भी नहीं होनी चाहिए. सांसदों के पास हमेशा ही लोग आते हैं और विजिटर पास की मांग करते हैं। अगर उन्हें विजिटर पास देने से मना किया जाता है, तो इसे लेकर विपक्षी पार्टी के नेता हमलावर हो जाते हैं। श्री मजूमदार ने कहा कि यह जरूरी नहीं कि सांसदों द्वारा जिन्हें विजिटर पास जारी किया जाता है, वह उसे व्यक्तिगत रूप से जानते हों. सभी पार्टी के सांसद विजिटर पास जारी करते हैं, इसलिए इस घटना पर राजनीति की बजाय सुरक्षा को लेकर बहस होनी चाहिए। @
रिपोर्ट अशोक झा
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