कोलकाता: संसद में सुरक्षा की चूक की घटना में एक दिलचस्प मोड़ सामने आया है। आदिवासी शिक्षा के लिए समर्पित पश्चिम बंगाल स्थित एक गैर सरकारी संगठन के प्रमुख ने संसद सुरक्षा उल्लंघन से जुड़े मामले को लेकर बड़ा खुलासा किया है। पुरुलिया जिले में एनजीओ के नेता नीलाक्ष आइच ने बताया कि ललित झा, एक भगोड़ा और पूर्व सहयोगी, घटना के बाद पहुंचा। ललित झा से जुड़ी वेस्ट बंगाल की NGO की भी पड़ताल शुरू हो गई है। इसे फंड कहां से मिलता है, इसकी भी जांच होगी. इसी NGO में ललित झा जनरल सेक्रेटरी है।इस बीच खुलासा हुआ है कि संसद पर स्मोक अटैक के बाद ललित झा ने पश्चिम बंगाल के हुगली की रहने वाली नीलाक्षा एच को वीडियो भेजा था। नीलाक्ष उस NGO की फाउंडर है, जिसमें ललित जनरल सेक्रेटरी है. एक टीवी चैनल से बातचीत में नीलाक्ष ने कहा कि ललित कोलकाता का रहने वाला है। कल की घटना के बाद ललित ने नीलाक्ष को वीडियो भेजा और उसके मीडिया कवरेज की मांग की. हालांकि नीलाक्ष ने ललित से डिटेल मांगी, लेकिन उसे कोई जवाब नहीं दिया। इस आदमी ने आपको कल वीडियो भेजा था. उसने आपको वीडियो क्यों भेजा? कहा, मुझे भी नहीं पता. उसने मुझे फोन किया और वीडियो भेजा. उन्होंने कहा, कृपया इस वीडियो को मीडिया कवरेज में देखें और इस वीडियो को सेव कर लें. मैंने वीडियो पहले डाउनलोड किया. मुझे स्थिति समझ में नहीं आ रही है. फिर मैंने उससे पूछा कि ये वीडियो किसका है. ये कहां पर हुआ? फिर किसी ने मुझसे आगे संपर्क नहीं किया। आप लोगों का ललित से परिचय कहां हुआ? कहा ,जैसा कि मैंने पहले कहा था अप्रैल महीने में मैं उनसे सेंट्रल कोलकाता में एक सेमिनार में मिला था. मैं उसे उस स्रोत के माध्यम से जानता हूं.जब आपने उनसे बात की तो क्या उन्होंने कभी संसद पर हमले की किसी योजना पर चर्चा की? कहा नहीं बिल्कुल नहीं. हमारा जो एनजीओ है और वह जिसके साथ जुड़ा हुआ था, वह पूरी तरह से एक सामाजिक कार्य संगठन है. हम शिक्षा पर काम करते हैं. जनजातीय लोगों के बीच हमने शिक्षा का प्रसार किया. उस मंच पर हमने कभी भी ऐसी किसी योजना पर चर्चा नहीं की। जो व्यक्ति आपको 3-6 महीने से जानता हो, वह इतना संवेदनशील वीडियो कैसे भेज सकता है? सारी जांच में आपका नाम आ रहा है। कहा, वह तो मैं देख रहा हूं. मैंने देखा कि उसने कई प्लेटफॉर्म पर वीडियो भेजा है. उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म फेसबुक, इंस्टाग्राम से ऐसा वीडियो पोस्ट किया है. मुझे लगता है कि उसी सिलसिले में उन्होंने मुझे वीडियो भेजा है.
झा का पूरा नाम क्या है? कहा ललित झा. वह कोलकाता में रहता है. कोलकाता में कहां, मुझे नहीं पता। वह क्या करते हैं। उसने मुझे कभी नहीं बताया कि वह क्या करता है. उन्होंने मुझे कभी नहीं बताया कि उनका पेशा क्या है। आपको/किसी पुलिस को किसने बुलाया? कहा, खुद को वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ललित मोहन नेगी बताने वाले एक व्यक्ति ने मुझे फोन किया और कहा कि इस मामले में किसी से बात न करें और मुंह बंद रखे। इन छह लोगों में से दो, मनोरंजन डी और सागर शर्मा दर्शक दीर्घा से लोकसभा कक्ष में कूद गए और धुएं के केन खोल दिए, जिससे सांसदों में दहशत फैल गई। वहीं, उनके साथियों नीलम और अमोल शिंदे ने केन से रंगीन धुआं छोड़ा और संसद भवन के बाहर नारेबाजी की। पुलिस सूत्रों ने बताया कि ललित और विशाल शर्मा पर उनके सहयोगी होने का संदेह है। विशाल को हरियाणा के गुरुग्राम से हिरासत में लिया गया है जबकि ललित फरार है। ये सभी गुरुग्राम के सेक्टर- 7 में विशाल शर्मा और उसकी पत्नी राखी के किराए के घर पर ठहरे हुए थे।
मैसूरु का रहने वाला मनोरंजन डी बीई ग्रेजुएट
कर्नाटक के मैसूरु के रहने वाले मनोरंजन डी ने 2016 में बीई पूरा किया और परिवार के साथ खेतीबाड़ी के काम में जुटा हुआ था। मनोरंजन के परिवार ने कहा कि उसने दिल्ली और बेंगलुरु में कुछ फर्मों में भी काम किया। मनोरंजन डी. के पिता देवराज गौड़ा ने दावा किया कि उनका बेटा ईमानदार और सच्चा है तथा हमेशा समाज के लिए अच्छा करना चाहता है। गौड़ा ने संवाददाताओं से कहा, अगर मेरा बेटा अच्छा करता है तो ठीक है लेकिन अगर उसने कुछ गलत किया है तो उसे फांसी दे दो। अगर उसने गलत किया है तो वह मेरा बेटा नहीं है। वह संसद हमारी है। आप जैसे लोगों ने ही इसे बनाया है। इसे बनाने में महात्मा गांधी, नेहरू जैसे नेताओं ने कड़ी मेहनत की थी। जो कोई भी हमला करता है वह निंदनीय है। हम इसे स्वीकार नहीं करेंगे। उन्होंने कहा, मेरा बेटा एक अच्छा लड़का है। वह ईमानदार और सच्चा है। उसकी एकमात्र इच्छा समाज के लिए अच्छा करना और समाज के लिए बलिदान देना है। वह स्वामी विवेकानंद की किताबें पढ़ता था। मुझे लगता है कि इन किताबों को पढ़ने के बाद उसके मन में ऐसे विचार विकसित हुए। गौड़ा ने कहा, यह समझना मुश्किल है कि उसके दिमाग में क्या चल रहा था। मेरे बेटे ने 2016 में बीई (बैचलर इन इंजीनियरिंग) पूरा किया और खेती का काम देख रहा था। उसने दिल्ली और बेंगलुरु में कुछ कंपनियों में भी काम किया है। सागर शर्मा चलाता था ई-रिक्शा लोकसभा में बुधवार को दर्शक दीर्घा से छलांग लगाने वालों में से एक सागर शर्मा लखनऊ का रहने वाला है और उसके परिजनों का कहना है कि वह कुछ दिन पहले दिल्ली में विरोध प्रदर्शन में भाग लेने के लिए घर से निकला था, हालांकि, संसद में हुई घटना में उसकी संलिप्तता के इरादे के बारे में कुछ भी नहीं जानते थे। राजधानी के मानक नगर थाना क्षेत्र के रामनगर इलाके का रहने वाले सागर की मां रानी शर्मा इस घटना से हैरान नजर आ रही है। रानी ने कहा, सागर दो दिन पहले घर से निकला था। उसने कहा था कि वह कुछ काम के लिए दोस्तों के साथ दिल्ली जा रहा है। मैंने उससे पिछले दिन आखिरी बार फोन पर बात की थी। मानक नगर के थानाध्यक्ष शिव मंगल सिंह ने कहा, हमने सागर के पिता को उनके बेटे के बारे में पूछने के लिए बुलाया है। पुलिस के मुताबिक, सागर का परिवार मूल रूप से उत्तर प्रदेश के उन्नाव जिले का रहने वाला है। पुलिस ने परिजनों के हवाले से बताया कि सागर हाल ही में बेंगलुरु से लखनऊ लौटा था। सागर की नाबालिग बहन ने कहा, मैंने अपने भाई को अपनी मां से यह कहते हुए सुना कि वह कुछ दिन पहले एक विरोध प्रदर्शन में शामिल होने के लिए दिल्ली जा रहा है। मेरा भाई ई-रिक्शा चलाता था। वह पहले बेंगलुरु में काम करता था। पुलिस के मुताबिक, सागर शर्मा अपनी बहन और माता-पिता के साथ रामनगर इलाके में किराए के मकान में रहता था और उसके पिता रोशन लाल बढ़ई का काम करते हैं।
लातूर का अमोल शिंदे स्नातक : पुलिस ने संसद के बाहर प्रदर्शन के दौरान जिन दो लोगों को गिरफ्तार किया है उनकी पहचान हरियाणा के जींद जिले के घासो खुर्द गांव निवासी नीलम (42) और महाराष्ट्र के लातूर इलाके के अमोल शिंदे (25) के रूप में हुई है। संसद भवन के बाहर केन खोलकर धुआं फैलाने वाले दोनों लोगों ने तानाशाही नहीं चलेगी, भारत माता की जय और जय भीम, जय भारत जैसे नारे लगाए। दिल्ली में हुई घटना के बाद लातूर पुलिस की टीम शिंदे के घर पहुंची। चाकुर के एक पुलिस अधिकारी ने कहा कि शिंदे स्नातक है। पुलिस के मुताबिक, प्रारंभिक जानकारी के अनुसार शिंदे ने पुलिस और सेना की भर्ती परीक्षाओं की तैयारी के दौरान दिहाड़ी मजदूर के रूप में भी काम किया था। अधिकारी ने कहा कि शिंदे के दो भाई और माता-पिता भी दिहाड़ी मजदूर के रूप में काम करते हैं। नीलम की मां सरस्वती देवी ने 'पीटीआई-भाषा' को बताया कि वह (नीलम) सिविल सेवा परीक्षाओं की तैयारियों के सिलसिले में प्रदेश के हिसार में एक 'पेइंगगेस्ट' के तौर पर रह रही थी। उन्होंने कहा कि वह 25 नवंबर को घर से हिसार के लिए निकली थी और उन्हें उसके दिल्ली जाने और प्रदर्शन में शामिल होने का पता मीडिया में आई खबरों से चला। एमफिल और नेट पास है नीलम :नीलम के गांव के कुछ लोगों ने बताया कि वह दिल्ली के जंतर-मंतर पर पहलवानों के आंदोलन स्थल पर भी गई थी। सरस्वती ने कहा, मेरी बेटी के साथ आज सुबह बात हुई थी और उसने मुझसे ध्यान से दवा लेने को कहा था। हमें इसकी जानकारी नहीं थी कि वह दिल्ली गई है। नीलम की मां ने कहा, मुझे नहीं पता कि किस तरह से उसने यह कदम उठाया। हो सकता है कि उसने नौकरी (पाने) के लिए ऐसा किया हो। उसके परिजनों का दावा है कि वह परास्नातक, एमफिल और राष्ट्रीय पात्रता परीक्षा (नेट) उत्तीर्ण है और सरकारी नौकरी के लिए प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रही थी।इंस्टाग्राम के जरिए संपर्क में थे :पुलिस सूत्रों ने कहा कि संसद की सुरक्षा में सेंध लगाने वाले छह लोगों द्वारा इस घटना को एक सुनियोजित और अच्छी तरह से समन्वित तरीके से अंजाम दिया गया। ये सभी इंस्टाग्राम और अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर एक-दूसरे के संपर्क में थे। उन्होंने बताया कि आरोपियों ने कुछ दिन पहले योजना तैयार की और बुधवार को संसद आने से पहले उन्होंने रेकी की। सूत्र ने कहा, संसद में आने से पहले उनमें से पांच लोग गुरुग्राम में विशाल के आवास पर ठहरे थे। योजना के अनुसार, सभी छह संसद के अंदर जाना चाहते थे, लेकिन केवल दो को ही पास मिला। @रिपोर्ट अशोक झा
दुनियाभर के घुमक्कड़ पत्रकारों का एक मंच है,आप विश्व की तमाम घटनाओं को कवरेज करने वाले खबरनवीसों के अनुभव को पढ़ सकेंगे
https://www.roamingjournalist.com/