उत्तर बंगाल से सटे पड़ोसी देश नेपाल के बीरता मोड़ में हिंदू राष्ट्र के साथ राजतंत्र की बहाली को लेकर रैली निकाली गई। नेपाल
अपनी हिंदूवादी संस्कृति के लिए दुनिया में विख्यात है। लंबे समय तक नेपाल हिंदू राष्ट्र का तमगा हासिल किए रहने वाले नेपाल में बड़ी संख्या में हिंदू समुदाय रहते हैं। इनमें बड़ी संख्या में मधेशी लोगों की संख्या है। हालांकि हाल के समय में नेपाल से हिंदू राष्ट्र का तमगा छिन गया है। नेपाल में लंबे समय तक राजतंत्र भी रहा। इन सबके बीच नेपाल में फिर से राजशाी की मांग और देश को हिंदू राष्ट्र घोषित करने की बड़ी डिमांड को लेकर नेपाल के लोग सड़कों पर उतर आए। हिंदू राष्ट्र बनाने की मांग को लेकर लोगों का सड़कों पर विरोध प्रदर्शन: सड़कों पर नेपाल के लोगों ने उतरकर जोरदार विरोध प्रदर्शन किया। इनके हाथों में झंडे थे। इस दौरान बड़ी संख्या में सुरक्षाकर्मी तैनात थे। इन लोगों ने विरोध प्रदर्शन कर मांग रखी कि नेपाल में फिर से राजशाही स्थापित की जाए और इसे हिंदू राष्ट्र घोषित किया जाए। हिंदू राष्ट्र बनाने की मांग को लेकर लोगों का सड़कों पर विरोध प्रदर्शन साल 2008 में खत्म हुई थी राजशाही
नेपाल में साल 2008 में राजशाही खत्म हो गई थी। इस राजशाही की वापसी की मांग करने के लिए पूर्व नेपाल नरेश ज्ञानेंद्र के समर्थक पूरे देश से नेपाल की राजधानी काठमांडू से गुरुवार को आंदोलन को पहुंचे। हिंदू राष्ट्र बनाने को लेकर लोगों में इतना आक्रोश था कि पुलिस को भीड़ को काबू करने के लिए भारी मशक्कत करना पड़ी। पुलिस को सड़कों पर उतरे जनसैलाब को तितर बितर करने के लिए लाठियों और आंसूगैस का इस्तेमाल करना पड़ा।इस आंदोलन का नेतृत्व हिंदुवादी नेता दुर्गा प्रसाद, संतोष राजाबाड़ी, धर्मराज जोसी, रूम स्वार, मीना स्वर्णकार, बल बहादुर चंद हिंदूवादी, गजेंद्र बहादुर चंद कंचनपुर, लक्ष्मी सिंह सुदुरपश्चिम, लक्ष्मी मल्ल कंचनपुर, शिरीस थापा कंचनपुर संतोष देउजा काठमांडू, बिक्रम पांडे, कैलास कटुवाल, मुनींद्र राज भंडारी, काठमांडू, नरेश कार्की कंचनपुर धर्मराज जोसी सुदुरपश्चिम आरपीपीए सुदुरपश्चिम अध्यक्ष और अन्य लोगों ने हिंदू राष्ट्र की पुनः स्थापना के लिए एक मजबूत अभियान शुरू किया है।रिपोर्ट अशोक झा
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