सिलीगुड़ी : पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सीवी आनंद बोस को उत्तर बंगाल आपदा प्रभावित क्षेत्र के दौरा क्रम में सिलीगुड़ी सर्किट हाउस और बागडोगरा एयरपोर्ट के निकट तृणमूल कांग्रेस नेता और समर्थकों ने काला झंडा दिखाए। राज्यपाल गो बैक के लगातार नारे लगाते रहे। इस दौरान सिलीगुड़ी पुलिस कमिश्नरेट की पुलिस व खुफिया सुरक्षा टीम मूकदर्शक बनी रही। इसको लेकर राज्यपाल की सुरक्षा पर भी प्रश्नचिन्ह लग गया है। राज्यपाल का विरोध करते हुए नगर निगम के मेयर परिषद सदस्य राम भजन महतो ने कहा कि राज्यपाल जिस प्रकार से उत्तर बंगाल में राजनीति करने आए है उसका विरोध किया गया है। वही राज्यपाल का कहना था कि यह तो होना ही था। उन्होंने कहा वह इसकी परवाह नही करते है। राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने गुरुवार को कहा कि विकास के नाम पर पारिस्थितिकी को नष्ट किया जा रहा है और उन्होंने कहा कि सिक्किम में आई आपदाओं को कम करने के लिए विशिष्ट अध्ययन किए जाने की जरूरत है। उत्तरी पश्चिम बंगाल के बाढ़ प्रभावित इलाकों के रास्ते में पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने कहा कि एक स्थायी समाधान खोजा जाना चाहिए ताकि ऐसी आपदाएं दोबारा न आएं। बोस जलपाईगुड़ी, कलिम्पोंग और कूचबिहार के बाढ़ प्रभावित जिलों का हवाई सर्वेक्षण करने के लिए ,सिलीगुड़ी पहुंचे थे। कहा कि अधिक से अधिक स्थानों को देखना चाहूंगा ताकि मैं यह महसूस कर सकूं कि जमीन पर क्या हो रहा है। इससे भी अधिक, मैं शिविरों में गया और लोगों को सुना। उनके विचार, भावनाएं और शिकायतें। साथ ही, भविष्य में ऐसी चीजों को रोकने पर उनके क्या विचार हैं।
उन्होंने कहा, "इन आपदाओं के पीछे कई कारण हैं। विशिष्ट अध्ययन करना होगा और आकलन करना होगा। मैं आपदा प्रबंधन में अपने अनुभव से कह सकता हूं कि ये दुर्घटनाएं आकस्मिक नहीं हैं। विकास के नाम पर हम पारिस्थितिकी को नष्ट कर रहे हैं।" राज्यपाल ने कहा कि विकास और संरक्षण के बीच संतुलन होना चाहिए। उन्होंने कहा, "प्रकृति की ओर वापसी ही इसका स्थायी उत्तर है।" राज्यपाल उस दिन उत्तरी जिलों में गए, जब सत्तारूढ़ टीएमसी ने केंद्र से मनरेगा फंड जारी करने की मांग को लेकर कोलकाता में 'राजभवन चलो' मार्च का कार्यक्रम तय किया है । बाढ़ की स्थिति का सर्वेक्षण पूरा करने के बाद बोस नई दिल्ली के लिए उड़ान भरी। वह बुधवार शाम कोच्चि से नई दिल्ली पहुंचे थे और वहां से बाढ़ की स्थिति का जायजा लेने के लिए सिलीगुड़ी पहुंचे थे। सिक्किम में तीस्ता नदी में अचानक आई बाढ़ ने पश्चिम बंगाल के उत्तरी मैदानी इलाकों को जलमग्न कर दिया, जिसके कारण हजारों लोगों को अपने घरों से बाहर निकलना पड़ा। बुधवार को उत्तरी सिक्किम में ल्होनक झील में बादल फटने से अचानक आई बाढ़ के कारण भारी मात्रा में पानी जमा हो गया, जो चुंगथांग बांध की ओर मुड़ गया और उफान में नीचे की ओर बढ़ने से पहले बिजली के बुनियादी ढांचे को नष्ट कर दिया। सिक्किम में आपदा के कारण चौदह लोगों की मौत हो गई है और 22 सेना कर्मियों सहित 102 अन्य लापता हैं। रिपोर्ट अशोक झा
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