जब मेरे दोस्त अपने समुंद्री सफर की दस्ताने सुनाते तो मैं सोचता की मेरी लाइफ कितनी सीमित है ! जब मै बी.एच.यू. के इतिहास विभाग का शोध छात्र था, मेरे गाइड प्रोफेसर भूपेन कानूनगो मुझे हमेशा घूमने के लिए प्रेरित करते थे और उन्हीं की वजह से उस वक्त मुझे दिल्ली और कोलकत्ता जैसे महानगर और वहाँ के लाइब्रेरीज देखने का मौका मिला ! कोलकत्ता एक दर्जन से ज्यादा बार गया पर समुंद्र तक नहीं पहुँच सका ! जब कुछ दिन पूर्व द्धारका गया तो बेयेत द्धारका भी जाना हुआ जहाँ छोटी मोटर बोट द्वारा अरब सागर का नजारा देखा ! कहा जाता है कि यहीं भगवान कृष्ण परिवार सहित रहते थे ! इसी जगह भगवान विष्णु ने शंखासुर राक्षस का वध किया था ! धृंगेश्वर और कई मंदिर देखे जो सभी जा रहे थे ! पर कितने मंदिर थे गिना नहीं, जबकि सुना है वहाँ २० विष्णु, २३ शिव, १४ देवी, और ९ हनुमान मंदिर है !
---------------------------- (द पायनियर के वाराणसी ब्यूरोचीफ रमेश सिंह की कलम से)
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