सिलीगुड़ी: बंगाल कैबिनेट के एक सदस्य सहित कई राजनीतिक रूप से प्रभावशाली व्यक्तियों के करीबी विश्वास पात्र के रूप में जाने जाने वाले रहमान को गिरफ्तार कर लिया गया है। बरामद सामग्री और पूछताछ में जो बातें सामने आई है वह चौकाने वाला है। राशन वितरण घोटाला कोई 100 करोड़ का घोटाला नही है यह घोटाला कई सौ करोड़ तक पहुंच सकता है। जॉच में पता चला है कि राशन वितरण के नाम पर विदेशों ओर साउथ किया में बड़े बड़े होटल खोलकर लगाए गए है। धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) की एक विशेष अदालत में पेश किया गया। ईडी ने कहा कि इस घोटाले में राज्य खाद्य एवं आपूर्ति विभाग के कुछ अधिकारियों और उचित मूल्य वितरकों के एक वर्ग की भी संलिप्तता है। बंगाल में करोड़ों रुपये के राशन वितरण मामले की जांच कर रहे प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बकीबुर रहमान के मालिकाना हक वाली दुबई में विदेशी संपत्तियों का पता लगाया है। इस मामले में व्यवसायी को हाल ही में केंद्रीय एजेंसी के अधिकारियों ने गिरफ्तार किया था। सूत्रों ने कहा कि ईडी के अधिकारी दुबई में रहमान के नाम पर पंजीकृत दो आलीशान आवासीय आवासों का पता लगाने में सक्षम हुए हैं। इन संपत्तियों की कुल कीमत 14 करोड़ रुपये के करीब बताई जा रही है। सूत्रों ने कहा कि शुरुआती जांच से पता चला है कि दोनों संपत्तियों को खरीदने के लिए अधिकांश धनराशि रहमान ने भारत से ट्रांसफर की थी, लेकिन इसका एक छोटा हिस्सा विदेशी बैंक ऋण के माध्यम से वित्तपोषित किया गया था। अब, जांच अधिकारियों को यह सवाल परेशान कर रहा है कि क्या इन संपत्तियों को खरीदने के लिए केवल कथित घोटाले की आय के दुरुपयोग के माध्यम से संपत्ति के विस्तार के लिए की गई थी या अंत:त रहमान की दुबई भागने की योजना थी। इस बीच रहमान के कुछ करीबी भी ईडी की जांच के दायरे में हैं। अगले कुछ दिनों के दौरान उन्हें इसी सिलसिले में तलब कर पूछताछ की जाएगी। ये सभी प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से राज्य की राशन वितरण प्रणाली से जुड़े हुए हैं। इनमें से कुछ राज्य खाद्य एवं आपूर्ति विभाग के कर्मचारी हैं, तो कुछ राशन वितरक और डीलर हैं। पश्चिम बंगाल में राशन वितरण अनियमितता मामले में ईडी द्वारा गिरफ्तार किए गए बकीबुर रहमान के दफ्तर से पहले ही कई राज्य सरकार की मुहरों की जब्ती से इस मामले में राज्य के खाद्य एवं आपूर्ति विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों की संलिप्तता की पुष्टि हो गई है।
कैसे होता था गरीबों के राशन पर डाका : ईडी के द्वारा पकड़ा गया व्यापारी बकीबुर रहमान एक ऐसा नाम है जिसे इन दिनों व्यापारी कम खाद्य मंत्रालय का मंत्री से ऊपर का माना जा रहा था। वह भी किसी को भी मिलने के लिए मंत्रालय के ऑफिस में ही बुलाता था। जानकारी के अनुसार विभागीय मंत्रालय के द्वारा
उपभोक्ता को राशन वितरण के लिए मिल मालिकों एजेंट को कोटा निर्धारित किया जाता है। यहां से राशन दुकानदारों तक उसे पहुंचाने का काम होता है। बंगाल में राशन दुकानों में गेंहू के बदले आटा मुहैया कराया जाता है। इसके लिए मिल मालिकों को कामिशन सरकार के द्वारा दिया जाता है। कोरोना काल में राशन डबल किया गया। बताया जा रहा है की बकीबुर रहमान उन कारोबारियों में था जो दूसरों को आवंटन दिलवाने का काम करता था। आवंटन में भी प्रति क्वीटल राशि की भी मोटी रकम लेने की बात सामने आ रहा है। माकपा नेता दिलीप सिंह का कहना है की उत्तर बंगाल में गरीबों के राशन की मांग को लेकर लगातार आंदोलन किया गया। पचास प्रतिशत लोगों को ही राशन कार्ड दिया गया और उसका राशन भी नदारत। इस प्रकार के घोटाले में जबतक कोई प्रभावशाली व्यक्ति का हाथ नहीं होगा तबतक ऐसा घोटाला नही हो सकता। बंगाल में राशन कार्ड के नाम पर फर्जीवाड़ा का खुलासा हुआ था। राज्य में फर्जी राशन कार्डों की पहचान का काम एक साल पहले शुरू हुआ था। संबंधित सूत्रों के मुताबिक चालू वित्तीय वर्ष में राज्य करीब दो करोड़ फर्जी राशन कार्ड रद्द किए गये हैं। सरकारी सूत्रों का दावा है कि फर्जी राशन कार्ड रद्द करने से प्रति साल सरकार को कम से 3600 करोड़ रुपए की बचत हो रही है। सवाल यह उठता है कि अगर यह फर्जी राशन कार्ड था तो इसका राशन कहा गया? केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत गेहूं का कोटा कम कर दिया है और चावल का कोटा बढ़ा दिया था। यह बदलाव कई राज्यों और कुछ केंद्रशासित प्रदेशों में किया गया है। केंद्र के इस बदलाव से राशन कार्डधारकों को पहले के मुकाबले कम चावल दिया गया।
कांग्रेस अध्यक्ष ने किया बड़ा हमला: अब इसे लेकर कांग्रेस ने ममता सरकार पर हमला बोला है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी ने कहा है कि राशन भ्रष्टाचार के मामले में पूरी ममता बनर्जी सरकार शामिल है। श्री चौधरी ने कहा कि राज्य में एक के बाद एक भ्रष्टाचार के मामले सामने आ रहे हैं। घर-घर राशन या घर-घर चोरी। घर-घर राशन के नाम पर पते दिये गये हैं। घर-घर राशन के नाम पर बंगाल में कितने युवाओं को नौकरी का मौका मिला? दुआरे राशन के नाम पर एक और घोटाला किया गया है।इसकी सही तरह से जांच हो तो कई और सफेदपोश का चेहरा सामने आएगा। @ रिपोर्ट अशोक झा
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