सिक्किम में आए सैलाब को सरकार ने घोषित किया आपदा, 102 लोग लापता, मुख्यमंत्री ने किया दौरा
अक्तूबर 05, 2023
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गंगटोक: सिक्किम के मुख्यमंत्री प्रेम सिंह तमांग ने आपदा में सबसे अधिक प्रभावित इलाकों में से एक सिंगतम का दौरा किया और स्थिति का जायजा लिया। उन्होंने कहा कि इस प्रलय को सरकार ने आपदा घोषित किया है। उन्होंने लोगों से सतर्क रहने और सुरक्षित स्थानों पर शरण लेने का आग्रह करते हुए आश्वासन दिया कि सरकार उनके पुनर्वास के लिए सभी आवश्यक व्यवस्था कर रही है। तमांग ने प्रभावित क्षेत्रों का दौरा करने के बाद सिंगतम सामुदायिक केंद्र में एक आपातकालीन बैठक की भी अध्यक्षता की। तमांग ने कहा- राहत प्रदान करने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध
उन्होंने कहा, "मैं आपको आश्वस्त करना चाहता हूं कि सरकार जरूरतमंद लोगों को सभी आवश्यक सहायता और राहत प्रदान करने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है। हम स्थिति की भयावहता को समझते हैं और अपने नागरिकों की सुरक्षा एवं भलाई सुनिश्चित करने के लिए सभी उपलब्ध संसाधन जुटा रहे हैं." मुख्यमंत्री ने कहा, "हमारे समर्पित दल इस आपदा से पैदा हुई समस्याओं और चुनौतियों का समाधान करने के लिए दिन-रात काम कर रहे हैं. मैं प्रशासन, स्थानीय अधिकारियों, सभी संगठनों तथा व्यक्तियों से एकजुटता और सहयोग की भावना से हाथ मिलाने का आग्रह करता हूं। सिक्किम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एसएसडीएमए) ने बुलेटिन में बताया कि बुधवार को आई आपदा के बाद से अब तक 2,011 लोगों को बचाया गया है, जबकि 22,034 लोग इससे प्रभावित हुए हैं. इसमें बताया गया कि राज्य सरकार ने आपदा से प्रभावित चार जिलों में 26 राहत शिविर स्थापित किए हैं. गंगटोक जिले के आठ राहत शिविरों में कुल 1,025 लोगों ने शरण ली है जबकि 18 अन्य राहत शिविरों में रह रहे लोगों के आंकड़े अभी उपलब्ध नहीं हुए हैं। सिक्किम में आए सैलाब से सिक्किम सरकार ने एक अधिसूचना में इसे आपदा घोषित कर दिया है। अधिकारियों ने कहा कि सिक्किम और देश के बाकी हिस्सों के बीच मुख्य संपर्क राष्ट्रीय राजमार्ग-10 के कुछ हिस्से बह गए। गंगटोक जिले में सिंगताम पर बना इंद्रेणी पुल ढह गया। कुल 120 मीटर लंबा यह संस्पेंशन पुल तीस्ता नदी पर बना एक महत्वपूर्ण मार्ग था। दो अन्य पुल तीस्ता में आए उफान के कारण गिर गए हैं। भारतीय सेना पर्यटकों और नागरिकों के लिए मोबाइल कनेक्टिविटी का विस्तार कर रही है, 22 लापता भारतीय सेना कर्मियों के लिए खोज अभियान जारी है। भारतीय सेना द्वारा लापता 22 जवानों की तलाश और बचाव अभियान जारी है। इस बीच, त्रिशक्ति कोर के सैनिक उत्तरी सिक्किम के चुंगथांग, लाचुंग और लाचेन क्षेत्रों में फंसे नागरिकों और पर्यटकों को चिकित्सा सहायता और मोबाइल कनेक्टिविटी प्रदान कर रहे हैं। 22 लापता सैनिकों का पता लगाने के लिए भारतीय सेना के त्रिशक्ति कोर के जवानों द्वारा खोज और बचाव अभियान जारी है। सिंगताम के पास बुरदांग में कीचड़ में डूबे वाहनों को निकालने की लगातार कोशिशें जारी हैं। लापता व्यक्तियों की तलाश अब तीस्ता नदी के निचले इलाकों में केंद्रित है। शुरुआती 23 लापता व्यक्तियों में से एक को 4 अक्टूबर की शाम को जीवित बचा लिया गया था। लापता लोगों के परिजनों से संपर्क कर स्थिति की जानकारी दे दी गयी है। सिक्किम और उत्तरी बंगाल में तैनात अन्य सभी भारतीय सेना के जवान सुरक्षित हैं और मोबाइल संचार में व्यवधान के कारण वे अपने परिवार के सदस्यों से संपर्क करने में असमर्थ हैं। अधिकारियों ने बताया कि सिक्किम में रात करीब डेढ़ बजे शुरू हुई बाढ़ की स्थिति चुंगथांग बांध से पानी छोड़े जाने के कारण और बदतर हो गई। सिक्किम के मुख्य सचिव वी बी पाठक ने कहा कि देश के विभिन्न हिस्सों से आए 3,000 से अधिक पर्यटकों के राज्य के विभिन्न हिस्सों में फंसे होने की सूचना है। पाठक ने कहा कि चुंगथांग में तीस्ता चरण तीन बांध में कार्यरत कई कर्मचारी भी फंसे हुए हैं। मुख्य सचिव ने कहा कि बाढ़ के कारण सड़क बुनियादी ढांचे को व्यापक नुकसान हुआ है क्योंकि 14 पुल ढह गए हैं, जिनमें से नौ सीमा सड़क संगठन (BRO) के अधीन हैं और पांच राज्य सरकार के हैं। करीब 166 लोगों को बचाया गया: एक अन्य अधिकारी ने कहा कि अब तक करीब 166 लोगों को बचाया गया है, जिनमें सेना का एक जवान भी शामिल है। रक्षा प्रवक्ता लेफ्टिनेंट कर्नल महेंद्र रावत ने कहा कि बचाए गए सैनिक की स्वास्थ्य स्थिति स्थिर है। अधिकारियों ने बताया कि बचाव कर्मियों ने सिंगताम के गोलिटार में तीस्ता नदी के बाढ़ क्षेत्र से कई शव निकाले।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सिक्किम के मुख्यमंत्री पी एस तमांग से बात की और राज्य में अचानक आयी बाढ़ से उपजे हालात की समीक्षा की। प्रधानमंत्री ने राज्य सरकार को हरसंभव मदद का आश्वासन भी दिया। कैबिनेट सचिव ने सिक्किम सरकार को आश्वासन दिया कि सभी केंद्रीय एजेंसियां तैयार हैं और सहायता के लिए उपलब्ध रहेंगी। केंद्रीय सचिव ने समिति को बताया कि केंद्र सरकार द्वारा लगातार स्थिति पर नजर रखी जा रही है और हर संभव मदद दी जा रही है। NDRF ने पहले ही तीन टीम तैनात कर दी हैं और अतिरिक्त टीम गुवाहाटी और पटना में तैयार हैं। सिक्किम सरकार ने एक अधिसूचना में इसे आपदा घोषित कर दिया है। रक्षा प्रवक्ता ने बताया कि चुंगथांग बांध से पानी छोड़े जाने के कारण झील में जलस्तर अचानक 15 से 20 फुट तक बढ़ गया। उन्होंने बताया कि सेना के 22 जवानों के लापता होने की सूचना है और 41 वाहन कीचड़ में धंसे हुए हैं।एक रक्षा अधिकारी ने कहा, ''सिक्किम और उत्तरी बंगाल में तैनात भारतीय सेना के अन्य सभी जवान सुरक्षित हैं, लेकिन मोबाइल संचार बाधित होने के कारण वे अपने परिवार के सदस्यों से संपर्क करने में असमर्थ हैं।' एक अधिकारी ने बताया, ''राज्य की राजधानी गंगटोक से 30 किलोमीटर दूर सिंगताम में स्टील से बना एक पुल बुधवार तड़के तीस्ता नदी के पानी में पूरी तरह से बह गया।'' केंद्रीय जल आयोग (CWC) के मुताबिक, बुधवार दोपहर एक बजे तीस्ता नदी का जलस्तर खतरे के निशान से नीचे था और इसके आसपास बाढ़ की कोई स्थिति नहीं है। सीडब्ल्यूसी ने कहा कि तीन जगहों-मेल्ली, सिंगताम और रोहतक पर तीस्ता का जल स्तर खतरे के निशान से नीचे है।
बंगाल के राज्यपाल ने हर संभव मदद का दिया भरोसा
तीस्ता की तबाही का जायजा के लिए राज्यपाल सीवी आनंद बोस उत्तर बंगाल आए थे। गुरुवार को उन्होंने दिल्ली से बागडोगरा के लिए सीधी उड़ान भरी और सबसे पहले सड़क मार्ग से कालीझोड़ा इलाके में पहुंचे। वहां से राज्यपाल का जलपाईगुड़ी के रंगधामाली इलाके में जाकर लोगों से बातचीत की है। गौरतलब है कि अभिषेक बनर्जी समेत तृणमूल प्रतिनिधिमंडल आज राजभवन जाकर राज्यपाल से मुलाकात करने वाला है। हालांकि राज्यपाल उससे पहले ही उत्तर बंगाल पहुंच गये थे। सिंचाई मंत्री पार्थ भौमिक ने इसकी आलोचना की। राज्यपाल के साथ सिंचाई मंत्री पार्थ भौमिक आज उत्तर बंगाल पहुंचे। सिंचाई मंत्री ने गाजलडोबा में विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक की। उन्होंने कहा कि राज्यपाल अभिषेक बनर्जी के डर से उत्तर बंगाल आये हैं। राज्यपाल ने कहा कि जो लोग यह सोचते है की मैं डर गया भाग रहा हूं। यह उनकी सोच है मैं तो इतना जानता हूं लोगों के दुःख के समय खुद को रोक नहीं पाया। मैं ग्राउंड रिपोर्ट पर विश्वास करता हूं। संयोग से, बुधवार को उत्तरी सिक्किम में खारी झील टूट गई और भारी मात्रा में पानी तीस्ता में बह गया। जिसके चलते कम से कम 14 लोगों की मौत हो गई। सैकड़ों लोग लापता हैं. सिक्किम में 14 पुल ढह गये। 3000 से ज्यादा पर्यटक फंसे हुए हैं। बंगाल और सिक्किम के बीच सबसे महत्वपूर्ण संपर्कों में से एक, राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 10 पूरी तरह से नष्ट हो गया है। तीस्ता नदी से सटे इलाके से कई लोगों को सुरक्षित इलाकों में पहुंचाया गया है. आज भी कुछ इलाकों में छोटे-मोटे भूस्खलन हुए हैं। जिससे किसी भी वक्त बड़ा हादसा होने का खतरा बना हुआ है। संविधानिक प्रमुख होने के कारण मेरा यहां के लोगों के प्रति जिम्मेदारी है जिसे निभा रहा हूं। @रिपोर्ट अशोक झा
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