- मीठे जल में पाई जाने वाली हिलसा मछली पोषक तत्वों का पावरहाउस
- बांग्लादेश ने 4 हजार मीट्रिक टन हिल्सा मछली को भारत भेजने की अनुमति
सिलीगुड़ी: नवरात्र के दौरान एक तरफ फलाहार भोजन का चलन बढ़ जाता है, तो वहीं पश्चिम बंगाल के लोगों को नवरात्र में मछली के लजीज पकवानों का खास इंतजार रहता है। बांग्लादेश से खास तौर पर आने वाले हिलसा मछली का। कहते है की अगर बंगाली और मैथिल के थाली में माछ भात नहीं मिला तो पूरा दिन बेकार। यहां दुर्गापूजा के दौरान 10 दिनों के लिए प्रतिदिन लाखोंं की संख्या में देश विदेश के श्रद्धालु और पर्यटक आते है। बुकिंग भी तेजी से चालू है। पिछले तीन सालों से बंगाल में दुर्गा पूजा फीकी रही है। इस बार दशहरा पूरे देश में धूम धाम और बिना रोक टोक के मनाया जा रहा है। ऐसे में दुर्गा पूजा का पंडाल सजने लगा है और इसमें बंगालियों के लिए तरह-तरह की मछलियों के पकवानों का स्टॉल भी लग चुका है। इस बार बांग्लादेश से खास तौर पर हिलसा मछली मंगवाई जा रही है। बंगालियों को यह मछली बेहद पसंद है। दरअसल, मीठे जल में पाई जाने वाली हिलसा मछली पोषक तत्वों का पावरहाउस है। हिलसा मछली हेल्थ के लिए बेहतरीन डाइट है। इसमें मौजूद पोषक तत्वों कई बीमारियों से हमें दूर रख सकते हैं।बंगाल में बड़े ही धूमधाम से दुर्गापूजा का त्योहार मनाया जाता है। अगर भारत या विश्वभर में कहीं नवरात्रि का त्योहार सबसे अधिक भव्य तरीके से मनाया जाता है तो वो है पश्चिम बंगाल।ऐसे समय में जब त्योहारी सीजन नजदीक है और हिल्सा की मांग चरम पर है, बंगाली की सबसे प्रतिष्ठित मछली की आपूर्ति में कमी के कारण इसकी कीमतें बढ़ गई हैं। हिल्सा की मांग - जो स्थानीय बाजारों में 1,000 रुपये प्रति किलोग्राम से 2,500 रुपये प्रति किलोग्राम के बीच बेची जा रही है, जो ऑफर के प्रकार पर निर्भर करता है।चुनौतीपूर्ण मौसम की स्थिति ने कमी की समस्या को और बढ़ा दिया है। हालांकि नवरात्रि के दौरान पूरे पश्चिम बंगाल को दुल्हन की तरह सजा दिया जाता है। 10 दिन चलने वाले इस कार्यक्रम के दौरान सभी के घरों में जश्न का माहौल रहता है। ऐसे में बंगाली समुदाय के बीच चर्चित हिल्सा मछली का भारी मात्रा में सेवन किया जाता है। इस दौरान बंगाल में मछली की बिक्री और खपत बढ़ जाती है। हिल्सा मछली खाने में बेहद स्वादिष्ट होती है जो बंगाली समुदाय के अलावा अन्य मछली प्रेमियों को भी काफी पसंद आती है।
नवरात्रि से पहले बांग्लादेश सरकार का बड़ा फैसला
नवरात्रि से पहले बांग्लादेश सरकार ने भारत-बांग्लादेश के व्यापारियों के हित में फैसला लिया है। बांग्लादेश सरकार ने निर्यातकों को 4 हजार मीट्रिक टन हिल्सा मछली को भारत भेजने की अनुमति दे दी है। बता दें कि हिल्सा मछली को काफी स्वादिष्ट मछलियों में से एक माना जाता है। ढाका के आयात और निर्यात के मुख्य नियंत्रक ने 79 निर्यातक लाइसेंस जारी किए हैं। बता दें कि हिल्सा मछली बांग्लादेश के मेघना और पद्मा नदी में पाई जाती है। प्रत्येक निर्यातक को 50 टन हिल्सा मछली भारत में निर्यात करने को लेकर लाइसेंस जारी किया गया है।
4000 टन हिल्सा मछली का होगा निर्यात
कोलकाता में बांग्लादेश के राजनयिक ने कहा कि भारत हमारा पड़ोसी देश है। हम दोनों अपनी सीमाएं साझा करते हैं। पिछले वर्षों की तरह इस वर्ष भी हिल्सा मछली का निर्यात भारत में किया जाएगा। बता दें कि इससे पहले पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने बांग्लादेश की पीएम शेख हसीना से मुलाकात की थी। इस दौरान उन्होंने पीएम शेख हसीना से अनुरोध करते हुए कहा था कि नवरात्रि से पहले पश्चिम बंगाल में हिल्सा मछली का निर्यात किया जाए। सीएम ममता बनर्जी की इस मांग को शेख हसीना ने स्वीकार कर लिया है और हिल्सा मछली को निर्यात करने को लेकर आदेश जारी किया है। बता दें कि पश्चिम बंगाल से होते हुए मछली की यह खेप दिल्ली, बेंगलुरू समेत कई शहरों में भेजी जाती है।
क्यों है बंगाली इस मछली के दीवाने : दरअसल, हिलसा मछली पोषक तत्वों का खजाना है। हिलसा मछली में ओमेगा 3 फैटी एसिड के दुर्लभ तत्व मौजूद होते हैं जो हार्ट और ब्रेन फंक्शन को मजबूती प्रदान करते हैं। हिलसा मछली के सेवन से हार्ट डिजीज, स्ट्रोक, हाइपरटेंशन, कार्डिएक एरिथमिस, डाइबेट्स रूमेटोएड ऑर्थराइटिस, कैंसर और डिप्रेशन जैसी बीमारियों का जोखिम बहुत कम हो जाता है।
हिलसा मछली में मौजूद पोषक तत्व
डॉक्टर ए के झा और कैशिक भट्टाचार्य का कहना है कि
सौ ग्राम हिलसा मछली में 22 ग्राम प्रोटीन, 19.5 ग्राम फैट, पोलीसैचुरेटेड फैट ओमेगा 3 फैटी एसिड होते हैं। इसके अलावा हिलसा मछली में ईपीए और डीएचए ओमेगा फैटी एसिड भी पाया जाता है। साथ ही सौ ग्राम हिलसा मछली से हमें 27 प्रतिशत विटामिन सी, 204 प्रतिशत कैल्शियम और 2 प्रतिशत आइरन की प्राप्ति हो सकती है। हिलसा मछली के सेवन से हार्ट डिजीज, स्ट्रोक, हाइपरटेंशन, कार्डिएक एरिथमिस, डाइबेट्स रूमेटोएड ऑर्थराइटिस, कैंसर और डिप्रेशन जैसी बीमारियों का जोखिम बहुत कम हो जाता है और ब्रेन का डेवलपमेंट भी सही से होता है। उन्होंने बताया कि हिलसा मछली में मौजूद ओमेगा 3 फैटी एसिड के कारण खून में मौजूद ट्राइग्लिसराइड की मात्रा कम हो जाती है जिससे ब्लड प्रेशर भी कम हो जाता है और हार्ट अटैक होने का खतरा कम हो जाता है। इससे खून के जमने की आशंका भी नहीं रहती है। हिलसा ब्रेन पावर को बढ़ाने के लिए भी बेहतरीन आहार है। वहीं इसके सेवन से इंसुलिन भी संतुलित रहता है।आंख और बोन हेल्थ को मजबूत करती है हिलसा मछली हिलसा में मौजूद विटामिन ए और ओमेगा 3 फैटी एसिड आंखों की हेल्थ के लिए भी फायदेमंद है। हिलसा मछली का सेवन करने से ब्लड सर्कुलेशन सही रहता है। हिलसा में विटामिन ए, डी और ई भी पाए जाते हैं जो बहुत कम फूड में मिलते हैं। इससे रंतौधी की बीमारी नहीं होती और बच्चों में इसका सेवन करने से रिकेटस की बीमारी भी नहीं लगती। इतना ही नहीं हिलसा मछली में आयोडीन, सेलेनियम, जिंक, पोटैशियम जैसे पोषक तत्व होते हैं जो थायरायड ग्लैंड को हेल्दी रखते हैं। थायराइड ग्लैंड से एंजाइम निकालने में मदद करता है जो एंजाइम कैंसर से लड़ने के लिए बेहद कारगर है। हिलसा मछली में मौजूद फॉस्फोरस और कैल्शियम के कारण हमारी बोन हेल्थ भी मजबूत होती है
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