कोलकाता: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी स्पेन और संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) के 12 दिवसीय दौरे के बाद कोलकाता लौट आई हैं। लेकिन, आने के बाद से ही सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस और विपक्षी
भाजपा व कांग्रेस के बीच इस यात्रा को लेकर जुबानी जंग छिड़ गई। 12 सितंबर को ममता विदेश दौरे पर रवाना हुई थीं और दुबई के रास्ते स्पेन पहुंची। वापसी में फिर दो दिन दुबई में बिता कर शनिवार को कोलकाता लौटीं। उन्होंने दोनों देशों में उद्योगपतियों और प्रवासी भारतीयों के साथ बैठकें की। इसके बाद राज्यपाल बोस ने सीएम ममता बनर्जी को पत्र भेजा। हालांकि राज्यपाल के पत्र के बारे में सार्वजनिक रूप से ने कुछ नहीं बताया गया है लेकिन राजभवन सूत्रों ने बताया कि राज्यपाल ने मुख्यमंत्री की विदेश यात्रा के बारे में जानकारी मांगी है। भगवा पार्टी ने जहां मुख्यमंत्री के दौरे का मजाक उड़ाया, वहीं तृणमूल कांग्रेस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की विदेश यात्रा पर सवाल उठाए।
शुभेंदु अधिकारी और कुणाल घोष भिड़े: भाजपा नेता शुभेंदु अधिकारी ने पीएम मोदी की विदेश यात्रा पर सवाल उठाने पर टीएमसी को भ्रष्टाचार के साथ मेलजोल बढ़ाने वाला कहा तो वहीं, तृणमूल कांग्रेस के प्रवक्ता कुणाल घोष ने पलटवार किया कि, बनर्जी, मोदी से ज्यादा भरोसेमंद हैं। घोष ने X पर लिखा, 'प्रधानमंत्री मोदी विदेश यात्राओं पर निकले थे, जबकि मणिपुर जल रहा था। वह अमेरिका, फ्रांस और संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) के लिए रवाना हुए, लेकिन एक बार भी मणिपुर जाने की जहमत नहीं उठाई। हमें इस नौटंकी के लिए बख्श दो! हम सभी जानते हैं कि कौन सा नेता भरोसेमंद है और कौन नहीं!
सीएम की यात्रा को बताया भ्रष्टाचार: असल में इससे पहले शुभेंदु अधिकारी ने लिखा था कि, 'जिन लोगों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की विदेश यात्राओं और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की विदेश में छुट्टियां मनाने के बीच तुलना करने की कोशिश की है, मैं उनको अंतर बताता हूं कि उनकी रणनीतिक यात्राओं का मकसद दुनिया में 'देश का गौरव बढ़ाना' था, जबकि मुख्यमंत्री की यात्रा भ्रष्टाचार थी।
TMC को कहा, तोलामूल पार्टी
अधिकारी ने कहा कि पीएम मोदी की रणनीतिक यात्राओं ने पहले हमारे देश को एक ऐसे देश के रूप में पहचाने जाने की नींव रखी, जिसे अब 'विश्व मित्र' के रूप में माना जा रहा है, जो गर्व से एक सफल जी 20 की मेजबानी कर सकता है। दूसरी ओर मौजूदा शासन और पश्चिम बंगाल में सत्तारूढ़ 'तोलामूल पार्टी' के भ्रष्टाचार के साथ मेलजोल को देखते हुए मुख्यमंत्री की यात्रा/छुट्टी के बाद केवल एक चीज जो हासिल की जा सकती है, वह है जी 420 का सफल जमावड़ा।
डेंगू के बीच छुट्टियां मनाने गई थीं सीएम
शुभेंदु अधिकारी ने रविवार को मीडिया बातचीत में कहा, 'जब पश्चिम बंगाल में डेंगू की स्थिति चिंताजनक हो रही थी, तब मुख्यमंत्री प्रकोप की परवाह किए बिना विदेश में छुट्टियां मनाने चली गईं. इस बीच वह एक निरर्थक यात्रा से लौटी हैं, डेंगू की स्थिति बदतर हो गई है.' शनिवार शाम करीब सात बजे हवाईअड्डे पर उतरीं बनर्जी ने कहा कि वह खुश हैं क्योंकि वह पश्चिम बंगाल के लिए कुछ कर सकती हैं। उन्होंने कहा, यह एक बहुत अच्छी यात्रा थी. मैंने अपने जीवन में इतना सफल दौरा कभी नहीं देखा। मुझे खुशी है कि मैं बंगाल के लिए बहुत कुछ कर सकी। उन्होंने यह भी कहा, बैठकों का आयोजन फिक्की और इंडियन चैंबर ऑफ कॉमर्स द्वारा किया गया था। प्रमुख समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किए गए। तीसरी तरफ राष्ट्रीय कांग्रेस के नेता व बंगाल के प्रभारी अधीर रंजन चौधरी ने भी मुख्यमंत्री के स्पेन दौरे पर सवाल उठाया हैं। चौधरी ने ममता बनर्जी के स्पेन दौरे पर सवाल उठाए हैं। अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि जब राज्य में डेंगू के मामले बढ़ रहे हैं तो ऐसे समय में सीएम ममता बनर्जी विदेश कैसे जा सकती हैं। वह लोगों का दर्द नहीं समझ रही हैं। अधीर रंजन चौधरी ने ममता बनर्जी के स्पेन में एक लग्जरी होटल में ठहरने पर भी सवाल खड़े किए।
ममता बनर्जी के लग्जरी होटल में ठहरने पर उठाए सवाल
अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि 'हमने पहले ही राज्य सरकार को आगाह किया था कि अगस्त-सितंबर में डेंगू के मामले बढ़ेंगे। यह सरकार आम जनता के प्रति लापरवाह है। वह (सीएम ममता बनर्जी) स्पेन जा सकती हैं लेकिन वह आम लोगों का दर्द नहीं समझ सकतीं।' ममता बनर्जी के स्पेन में लग्जरी होटल में ठहरने की खबरों पर कहा कि 'हमने सुना है कि सीएम सैलरी नहीं लेतीं और वह अपनी किताबों और पेंटिग्स को बेचकर अपने खर्चे चलाती हैं। ऐसे में वह कैसे मैड्रिड के लग्जरी होटल में ठहर सकती हैं, जिसका किराया तीन लाख रुपये प्रति दिन है?'
'बंगाल में कितना निवेश आया?'
ममता बनर्जी के विदेश दौरे की आलोचना करते हुए अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि 'इस विदेश दौरे पर कितना खर्च हो रहा है? कौन सा उद्योगपति यहां निवेश कर रहा है? लोगों को बेवकूफ बनाना बंद कीजिए। सरकार ने विश्व बांग्ला उद्योगपति सम्मेलन के आयोजन पर जितना खर्च किया, अगर उसका 10 प्रतिशत भी वापस आ जाए तो उससे बंगाल के लाखों बेरोजगारों को रोजगार मिल जाएगा। हम जानना चाहते हैं कि कौन सी स्पैनिश कंपनी बंगाल में निवेश कर रही है?'
'असल मुद्दों से ध्यान हटा रही सरकार'
शांति निकेतन को यूनेस्को की विरासत स्थली में जगह मिलने पर कांग्रेस सांसद ने कहा कि 'शांति निकेतन को किसी प्रमाण की जरूरत नहीं है, उसकी अपनी पहचान है। पहले ये तो देखिए कि क्या शांतिनिकेतन में वैसा माहौल है, जैसा रविंद्रनाथ टैगोर चाहते थे! हर दिन तो वहां आरएसएस और टीएमसी कार्यकर्ताओं में झगड़े होते रहते हैं।' संसद से महिला आरक्षण बिल पारित होने पर अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि यह सिर्फ लोगों की असल दिक्कतों से ध्यान हटाने के लिए लाया गया है। मोदी सरकार चुनाव से पहले ऐसे मुद्दे ला रही है, जिनमें महिला आरक्षण बिल और वन नेशन, वन इलेक्शन जैसे मुद्दे हैं। ( पश्चिम बंगाल से अशोक झा की कलम से )
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