एक रक्तदान बचाए चार की जान, रक्तदान महादान जैसे कई नारें पढ़ने के बाद भी लोग दूसरे को क्या अपनों को भी खून देने में हिचकते हैं। ऐसे माहौल में आपको मिलाते है ऐसे रक्तदाता से जो किसी जरूरतमंद को खून देने के लिए सैकड़ों किमी की यात्रा अपने खर्च पर करके पहुँच जाता है। आपके इस रोमिंग जॉर्नलिस्ट से देश के इस इकलौते रोमिंग रक्तदाता से मुलाकात हुई दस साल पहले तीर्थराज प्रयागराज की धरती पर। इस रोमिंग रक्तदाता का नाम है डॉक्टर राजीव मिश्र।
हौसला, जुनून व लगन से रक्तदान के पिच पर शतक से सिर्फ दो रन पीछे है देश का इकलौता रोमिंग ब्लड डोनर डॉक्टर राजीव मिश्र। राजीव से मिलने के बाद लगा एक तरफ ऐसे लोगों की दुनिया है चंद पैसे की खातिर खून बहाने में नहीं हिचकते दूसरी तरफ राजीव जो अब तक सैकडों की जान बचा चुका है। राजीव से मिलने के बाद लगा कि किसी भी चीज का जुनून इंसान को उसके कार्य के प्रति दीवाना बना ही देती है। यह सच है कि चाहे आप जो भी कार्य कर रहे हो उसमें आपका हौसला, जुनून, समर्पण, धैर्य, लगन की आवश्यकता होती है तब जाकर आपको जिंदगी में सफलता मिलती है। जी हां हम बात कर रहे हैं रोमिंग ब्लङ डोनर डॉक्टर राजीव मिश्रा के बारे में जिन्होंने देश के विभिन्न राज्यों में जैसे कन्याकुमारी तमिलनाडु,सतवारी मिलिट्री हॉस्पिटल जम्मू कश्मीर, लेह हॉस्पिटल लेह लद्दाख, नागालैंड की राजधानी कोहिमा, गोवा, रुड़की उत्तराखंड, होशियारपुर पंजाब, वाराणसी काशी, प्रयागराज उत्तर प्रदेश,बक्सर बिहार, खौनसा अरुणाचल प्रदेश,बिलासपुर छत्तीसगढ़, मुंबई महाराष्ट्र, एम्स भोपाल मध्य प्रदेश, एम्स नई दिल्ली, मेदांता हरियाणा, के साथ-साथ पड़ोसी देश नेपाल में भी रक्तदान कर और लगभग 67000 किलोमीटर (दोनों तरफ से ) की यात्रा कर विश्व में सबसे बड़ा देश भारत के युवाओं को जागरूकता का काम किया है ..डॉ राजीव का कहना है कि इन 18 राज्यों का नाम जुबानी कहना आसान है, लेकिन इन राज्यों में जाकर जरूरतमंद को खुद से रक्तदान करना बहुत बड़ा काम है और यह हर किसी के बस का भी नहीं है,
क्योंकि इसमें अपना पैसा, अपना बहुमूल्य समय, और अपना बहुत कीमती खून से रक्तदान की पिच को सीचना पड़ता है,
खून के लिए अपनों को खोकर डॉक्टर राजीव काे आज के समय में एक राष्ट्रीय रक्तदाता के साथ-साथ तो रोमिंग ब्लड डोनर का खिताब मिला है .. मीडिया में इनको चलता फिरता ब्लड बैंक की उपाधि से नवाजते है तो वहीं पंजाब केसरी ने डॉ राजीव को ब्लङ मैन ऑफ़ इंडिया के नाम रखा है .
जब डॉक्टर राजीव ने 2002 में खून की कमी से अपनों को खाेया था वहीं से प्रेरणा मिली। डॉक्टर राजीव को इस प्रेरणा के चलते विश्व के सबसे बड़ा देश भारत के विभिन्न प्रदेशों में 98 बार रक्तदान करके साथी साथ 87 रक्तदान शिविर लगाकर सैकड़ों लोगों की जिंदगी बचाने का काम अवश्य किया है जो वास्तव में हर किसी के बस का नहीं है ..
डॉ राजीव ने जो रक्तदान के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य किया है वह अपने आप में काबिले तारीफ है इस कार्य के लिए पूर्व राज्यपाल श्रीराम नायक, पश्चिम बंगाल के पूर्व राज्यपाल मरहूम केसरी नाथ त्रिपाठी, उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य, पूर्व चिकित्सा मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह, सांसद, विधायक, जिलाधिकारी, मुख्य चिकित्सा अधिकारी के साथ-साथ कई अंतरराष्ट्रीय हुआ राष्ट्रीय किताब से डॉक्टर राजीव मिश्रा को नवाजा गया है ..
डॉ राजीव का कहना है कि रक्तदान और प्लेटलेट को लेकर सिर्फ 2 साल में मेरा खून पूरे भारत के राज्यों में जिंदगी बनकर दौड़ेगा..
डॉ राजीव मिश्रा का कहना है कि अब माताजी का कहना है कि बहुत हुआ रक्तदान आप अपना खून देना बंद करो ...यहां तक की मुझे हाथ पकड़ के कसम दिलाने लगती है मेरी कसम खाओ की रक्त दान नहीं करोगे..
अपनी माताजी के कसम खिलाने के बावजूद भी डॉ राजीव रक्तदान करने के लिए जिंदगी बचाने के लिए हजारों किलोमीटर की यात्रा करते हैं बहुत बड़ी बात है
डॉ राजीव का कहना है कि भारत के विभिन्न राज्यों में रक्तदान करने इसलिए जाता हूं कि हमारा देश प्रदेश और समाज के युवा जो हमसे सोशल मीडिया से जुड़े हुए हैं रक्तदान के प्रति कुछ प्रेरणा जागृत हो और वह अपना स्थानीय जिले के रक्त कोष में रक्तदान कर सकें ..
डॉ राजीव मिश्रा के पिता रिटायर्ड कैप्टन और राष्ट्रपति से सम्मानित स्वर्गीय बालेश्वर मिश्रा सेवा में रहकर देश की सेवा की और उन्हीं के नक्शे कदम पर उनका बेटा अपने शरीर का खून दूर दूर जाकर बांट रहा है मनुष्य की खून की कमी से किसी की जान ना जाए ...
रक्तदान के क्षेत्र में ऐसा कार्य करने पर डॉ राजीव के रिश्तेदार पागल की संज्ञा दे दिया है उनका यही कहना है कि जिंदगी भर रक्तदान ही करेगा इसके सिवा यह कुछ भी करने वाला नहीं है ..
इसमें राजीव का कहना है कि यह सब सुनकर दुख लगता है लेकिन क्या करें मेरी रक्तदान के जुनून के आगे लोगों का मुझे सारा तन देना शिकायत करना बौना पड़ जाता है ..
रक्तदान को लेकर डॉ राजीव मिश्रा का कहना है कि केंद्र सरकार और राज्य सरकार प्रेस मीडिया के माध्यम से रक्तदान का अधिक से अधिक विज्ञापन दें ताकि हमारे समाज के युवा रक्तदान के लिए जागरूक हो सके और वह रक्तदान कर दूसरों की जान बचाने का कार्य कर सके। डॉ राजीव ने गोवा के कोलवा बीच पर युवाओं को पंपलेट और किताब देकर रक्तदान के प्रति जागरूक किया हमारे समाज के युवा अधिक से अधिक रक्तदान कर दूसरों की जिंदगी बचाने का पुनीत और निस्वार्थ कार्य कर सकें।
इसके साथ ही साथ डॉक्टर राजीव ने अपनी खुद लिखित पुस्तक रक्तदान में जिंदगी प्रयागराज के जिलाधिकारी संजय कुमार खत्री , मंडलायुक्त कमिश्नर विजय विश्वास पंत, उत्तर प्रदेश राजर्षि टंडन के वाइस चांसलर प्रोफेसर सीमा सिंह, शामली के एडिशनल एस पी ओपी सिंह, मुख्य परीक्षा नियंत्रक प्रोफेसर राजेश तिवारी , उत्तर मध्य रेलवे के वरिष्ठ जनसंपर्क अधिकारी डॉक्टर अमित मालवीय के साथ-साथ अन्य सभी अधिकारी को भी दिया है जिससे कि अपने विभाग में रक्तदान शिविर आयोजन कराकर रक्त की कमी से मरने वाले रोगियों की जान बचाई जा सके ....
दुनियाभर के घुमक्कड़ पत्रकारों का एक मंच है,आप विश्व की तमाम घटनाओं को कवरेज करने वाले खबरनवीसों के अनुभव को पढ़ सकेंगे
https://www.roamingjournalist.com/