जयपुर से रात 1 बजे मुंबई एयरपोर्ट पहुंच गया था । अभी भी जकार्ता की फ्लाइट में थोड़ा टाइम है । लोगों की चहलकदमी में नींद आने का सवाल ही नहीं था, सो नहीं आई । चमक दमक से भरे एयरपोर्ट पर भी 7 घंटे का लंबा टाइम बोरियत से भरा ही लगता है। बोरियत दूर करने के लिए 3.5 लाख का पेन निहार लिया, 16 लाख की रॉयल सैल्यूट की बॉटल निहार ली, सदगुरु की अगरबत्ती की खुशबू भी ले ली, खूब फोटो भी खींच लिए, मुंबई में हो रही बूंदा बांदी भी बिना भीगे देख ली, लेकिन फिर भी अकेला आदमी करे तो क्या करे।
वैसे पिछले कुछ महीनों से मैं महसूस कर रहा हूं कि मेरी यात्राओं में रुचि कम होती जा रही है ।
मैं, पिछले लगभग 10- 12 सालों से एक्सटेंसिव ट्रैवल कर रहा हूं । घर से निकलने से पहले मैं पत्नी से भी इस पर बात कर रहा था कि पता नहीं ऐसा क्यों हो रहा है मेरे साथ ।
हो सकता है मैं कंफर्ट जोन में आ गया हूं । खैर.. आदमी का कुछ भी कंट्रोल नहीं है, किसी भी चीज पर..
इससे पहले कि पौने सात घंटे लंबी फ्लाइट बोर्ड करूं सोचा आप सब से राम राम कर लेता हूं ।
वैसे आपको अपनी यात्रा के बारे में बता दूं कि अगर इंसेंस मीडिया का और इंडोनेशिया का कनेक्शन देखें तो हमारे 2 domains में सोप नूडल्स और एसेंशियल ऑइल्स की खूब आवक है उधर से, अपने देश में। तो, उन्हीं लोगों को ढूंढ ढूंढ कर न्योता देने जा रहा हूं, हमारे क्लाइंट्स के साथ व्यापार करने के लिए।
बाकी, शाम को आपको इंडोनेशिया के दर्शन कराएंगे, तब तक जय राम जी की
(जयपुर के कलमकार दीपक गोयल की कलम से)
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